Saturday, March 12, 2011

सरकार ईमानदार हो तो देश की तमाम मशीनरी सहित प्रशासनिक तंत्र ठीक हो सकता है-helsinki-1

Meeting with Student in Helsinki, along with Ville-Vekko..

यदि सरकार ईमानदार हो तो देश की तमाम मशीनरी सहित प्रशासनिक तंत्र ठीक हो सकता है। और जब उपरोक्त तमाम तंत्र ठीक हो जाएगा, तब राजनीतिक तंत्र के साथ देश की जनतंत्र में भी स्वतः थोड़ी बहुत ईमानदारी सकती है। और जब ये सभी तंत्र ईमानदार होगें तभी देश में समतामूलक समाज का नवनिर्माण भी संभव है साथ ही औद्योगिकीकरण की इस नयी दौड़ में समतामूलक जनतंत्र की नींव डाली जा सकती है, जहां विकास का लाभ अंतिम व्यत्कि को भी मिल सकता है। इसका एक झलक फिनर्लैंड की राजधानी हेलसिंकी में देखने-समझने को मिली। यहां सरकार बेरोजगारों को बेराजगार भत्ता,] बृध नागरिकों को वृद्वाभता ईमानदारी से देकर इनके जीवन को सुरक्षित कर देता है। लोगों ने बताया यदि एक व्यत्कि एक बार ट्रेड यूनियन से जुड जाता है तो वह जब-जब बेरोजगार होता है, यूनियन उन्हें बेरोजगारी भत्ता देकर उनका रोजी-रोटी का व्यवस्था कर देता है। सिमेनप्पू के एक साथी कहते हैं मैं इसलिए सरकार से बेरोजगारी भता नहीं लेता हूं क्योंकि भत्ता लेने से प्रेसर दिया जाता है कहीं भी नौकरी करने के लिए। एक सज्जन कहता है उनके मां-बाप के दो संतान हैं, एक तो वह स्वंय और एक बहन है जिसकी शादी हो चूकी है। वह कहता है मां-बाप बुजुर्ग हैं दोनों को वृद्वा पेंशन मिलता है जो दोनों के जीवन यापन के लिए प्रयाप्त है, इसलिए उन्हें पैसा देने की जरूरत नहीं होती है। लोगों को विभिन्न रोजगारों में जाने के लिए तकनीकी शिक्षा की व्यवस्था करना भी सरकार की प्रथमिकता होती है। हेलसिंकी एक विकसित देश के रूप में अपना पहचान बना चुका है।

1 comment:

  1. Humne puri zor, duniya ki taakat banne me laga di, hum GDP me wiswaas rakhne lage hain, aam aadmi ko kitna aur kya mil raha hai, iski parwah kaun kare, magar hume agla SUPER POWER banna hai. Maine kai saal pehle ek article me pada tha jo Pakistan ke liye likha gaya tha,humari dasha v aisi hi hone wali hai -"90% of Common People owns 10% of everything and 10% of elites owns 90% of everything".

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