Tuesday, March 15, 2011

तुमने न्र जिंदगी के हर क्षण, हर पल के तुफान से जीना सिखा है-नन्हा केकड़ा-1


कण कण से महल का नींव खड़ा किया
अपना प्यार से महल को सजाया





YAH HAI PURI KA CHANDAR BHAGA..COSTAL AREA....
नन्हा केकड़ा

मैं तुम्हे मेरा लाख सलाम, मेरे dost
तुमने कोई स्कूल नहीं देखा, ना, कोलेज
तुमने कोई डिग्री नहीं लिया,
ना ही कोई तकनीकी इंजीनियरिंग
की डिग्री ली। फिर भी तुम किसी से कम नहीं।

तुमने न्र जिंदगी के हर क्षण, हर पल के तुफान से जीना सिखा है
तुमने संमुद्र के लहरों के हर थापेड़े से संघर्ष करना सिखा है
तुमने संमुद्र की गहराई और लहरों के उफान को नाप लिया है
तुमको आज तक शायद किसी ने समछ नहीं सका।

समुद्र की जिंदगी का आनंद हर क्षण दहाड़ते लहरों का
सुख आनंद उठाने वालों, समुंद्रतट आने वाले हर आगंतुकों
के पैरों का चोट से तुम टुटा नहीं, हजारों लोगों के पैरों ने
रौंदा तुम्हे-तौभी तुमने जिदंगी से निराश नहीं हुआ।

समुंद्र की हर लहर तुम्हारे महल को ध्वस्त किया
हर आगंतुक के पैरों ने तुम्हारे सपनों के महल को रौंदा
फिर भी तुमने हिम्मत नहीं छोड़ी
लहर के वापस जाते ही तुमने फिर कण कण से महल का नींव खड़ा किया
अपना प्यार से महल को सजाया

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