
खूंटी जिला के कर्रा प्रखंड के सुनगी पंचायत के जबड़ा और घोरपिंड़ा गांव के बीच बह रही छाता नदी में कांटी जलाशय के नाम पर डैम बनाया जा रहा है। डैम का काम जमीन का मापी किये बिना, किसानों का जमीन अधिग्रहण किये बिना, जमीन का मुआवजा यह कीमत भुगतान किये बिना, यहां तक कि जिन किसानों का जमीन जाएगा, उनका पहचान किये बिना ही 10 दिसंबर 2010 को Triveni Engicons pvt.ltd ने भूंमि पूजन के साथ डैम का शिलान्याश किया। 11 दिसंबर से डैम बनाने के लिए गांव में मशीन लायी गयी। 12 दिसंबर से डैम बनना शुरू हो गया। ग्रामीणों द्वारा लगातार विरोध के बाद, इस योजना के संबंध में जानकारी देने के लिए 17 मार्च 11 को एस डी ओ, खूंटी, अपर समाहर्ता खूंटी , बिशेष भूअर्जन पदाधिकारी रांची, जल पथप्रमडल ध्रुवा रांची के एक्सक्यूटिव इंजीनियर, आंचल अधिकारी तथा प्रखंड विकास पदाधिकारी नवनिर्वाचित पंचायत समिति सदस्यों को प्रखंड के किसान भवन में बैठक के लिए बुलाये थे। उपस्थित ग्रामीणों ने यहां किसी तरह का डैम बनाने नहीं देगें-कहते हुए बैठक का बहिष्कार किया। इसके बाद सभी अधिकारी बी डी ओ के चैमबर में बैठे। वहां इन सभी अधिकारियों से इस संदर्भ में मैंने कई सवाल पूछा। बिशेष भूआर्जन पदाधिकारी, अपर समाहर्ता , एस डी ओ, सभी अधिकारियों ने कहा-बिशेशे भूअर्जन विभाग द्वारा जमीन का मापी करने, जिनकी जमीन जाएगी-उन किसानों का सही पहचान करने, किसानों को जमीन का 80 प्रतिशत मुआवजा भुगतान करने के बाद ही जमीन पर किसी तरह का काम शुरू किया जा सकता है। जमीन किसानों की है उनकी सहमति के बिना जमीन अधिग्रहण नहीं किया जा सकता है। लेकिन यहां जमीन का मापी किये बिना, मुआवजा का भुगतान किये बिना काम शुरू किया गया-यह गलत हुआ है। लेकिन जलपथ प्रमंडल के एक्सक्यूटिव इंजीनियर ऐ के पंजियार नहीं मानते हैं कि गलती हुआ है।
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