Friday, March 18, 2011

जान देगें-लेकिन जमीन नहीं देगें। डैम नहीं बनाने देगें कहते हुए सभी होल से बाहर निकल गये। पांच मिनट के भीतर होल खाली हो गया।



bahishkar ke bad offecer bhi bahar nikal gaye..khali pada..kisan bhawan pic. 5


Adhikariyon ka bahishkar kar bahar nikle gramin..pic. no4


Jan denge..Jamin nahi denge..kisi bhi kimat me dam bana ne nahi denge. bole kar hall se bahar nikalte gramin...pic. no. 3


jabda, ghorpinda, Jonhe ke gramin....pic. no.2


17 march 11 ko karra Co shri kamlakant gupta graminon ko kanti jalashay ke bare jankari dene ki koshi karte hue...pic. no.1
दूसरी ओर डैम नहीं बनाने की मांग को लेकर ग्रामीण लगातार लिखित मांगपत्र कर्रा प्रखंड विकास पदाधिकारी- 2 बार, उपायुक्त खूंटी को’ 2 बार, एसपी खूंटी-1 बार, आयुक्त दक्षिणी छोटानागपुर प्रमंडल रांची -1 बार, गृह सचिव झारखंड सरकार -1 बार दिये हैं। डैम के विरोध में ग्रामीणों ने 25 जनवरी 11 को प्रखंड मुख्यालय में रैली और आम सभा कर मांग पत्र अधिकारियों को सौंपा। 22 फरवरी 11 को ग्रामीणों ने डैम प्रभावित संघर्ष समिति के बैनर से रांची में एक प्रेस वार्ता बुलाये। 25 फरवरी 11 ग्रामीणों ने डैम को रोकने की मांग को लेकर खूंटी जिला मूख्यालय में रैली-सभा कर उपायुक्त को मांग पत्र दिये।
इतना होने के बाद 17 मार्च 2011 को सरकार की ओर से इस योजना के संबंध में ग्रामीणों को जानकारी देने तथा ग्रामीणों का राय जानने के लिए 25 मार्च 2011 को मेरले में ग्राम सभा का बैठक बुलाया गया है। इसकी तैयारी के लिए सीओ ने जिला परिषद सदस्य उत्तरी- दक्षिणी, ग्राम पंचायत मुखिया, पंचायत सदस्य, महिला समिति-लरता, सुनगी, जुरदाग, ग्राम प्रधान-कोषाध्यक्ष जबड़ा को बुलाया गया था।
बैठक का उद्वे पर जैसे ही सीओ ने शुरू किया वहां उपस्थित नवनिर्वाचित पंचायत सदस्यों ने भी जिला अध्यक्षय को नहीं बुलाया गया है इसलिए बैठक का बहिष्कार करते हुए किसान भवन से बाहर निकल गये।
होल में जबड़ा, घोपिंड़ा, जोन्हे के ग्रामीण भी उपस्थित थे। इन्होंन एक स्वर में आवाज उठाये -यहां किसी तरह का डैम नहीं बनाने देगें। जान देगें-लेकिन जमीन नहीं देगें। डैम नहीं बनाने देगें कहते हुए सभी होल से बाहर निकल गये। पांच मिनट के भीतर होल खाली हो गया।

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