Friday, March 18, 2011

18 दिसंबर के बाद 9 फरवरी 11, 4 मार्च11 को खूंटी जिला कार्यालय गयी, हर समय ने अधिकारीयों ऩे कहा -आज तक इस योजना के संबंध में कोई जानकारी नहीं मिला।

वहां काम देखने के लिए ठेकेदार का आदमी विंधयाचल गुप्ता के साथ गांव का युवक बिजय धान को मेंट में रखा था। 13 दिसंबर को करीब साढे सात बजे विजय धान और विंधयाचल का अपहारण हुआ। विंधयाचल को थोड़ी देर बाद छोड़ दिया गया, जबकि बिजय धान लापता रहे। 16 दिसबंर को विजय का लाश घोरपेंडा के पास कुंआ में मिला। ब्लाक, थाना तथा जिला अधिकारीयों के अनुसार डैम बनने की जानकारी तब हुई, जब इन दोनों युवकों का अपहरण हुआ। इस योजना की जानकारी लेने के लिए 18 दिसंबर के बाद 9 फरवरी 11, 4 मार्च11 को खूंटी जिला कार्यालय गयी, हर समय ने अधिकारीयों ऩे कहा -आज तक इस योजना के संबंध में कोई जानकारी नहीं मिला।

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