VOICE OF HULGULANLAND AGAINST GLOBLISATION AND COMMUNAL FACISM. OUR LAND SLOGAN BIRBURU OTE HASAA GARA BEAA ABUA ABUA. LAND'FORESTAND WATER IS OURS.
Thursday, March 31, 2011
उपायुक्त साहब ने कहा-इस बैठक को सीओ साहब ने स्थागित कर दिया है-हमको पत्र भेज कर सूचना दिया है। मै उपायुक्त साहब से पूछी-सर किस कारण से स्थागित किये ह
C O Shri Kamlakant Gupta
ठेकेदार-माफिया और भ्रष्ट आधिकारी, राजनीतिक गंठजोड़ की जडें झारखंड में बहुत हो चुकी हैं। इसको उखाड़फेंकना सबकी जिम्मेवारी बनती है। कई अधिकारी इस व्यवस्था को खत्म करना चाहते हैं, लेकिन उनके मतहतकाम करने वाले कई अधिकारी इस को बरकारार रखना चाहते हैं, ताकि जानता का हक इनके पाकेट में कैद रहे।और जनहित में जो भी संसाधन केंद्र और राज्य से आबंटित हो, सीधे उनके पोकेट में चला आए। आज इसव्यवस्था को मजबूती देने वाले बहु संख्यक में हैं। इसकी पूष्टि यहां उल्लेखित घटना से होती है।
खूंटी जिला के कर्रा प्रखंड में घोरपिंडा, जबड़ा, जोन्हे, लुदरू, कांटी गांवो से होते हुए बह रही छाता नदी में जलपथप्रमंडल धु्रर्वा 65 करोड़ का डैम बनाने जा रही है। इस योजना का डेंडर निकाला गया। जलपथ प्रमंडल केअधिकारियों के साथ, Triveni Engicons pvt.ltd नेमें ठेका का काम तय किया गया।
ग्रामीणों द्वारा लगातार विरोध के बाद, इस योजना के संबंध में जानकारी देने के लिए 17 मार्च 11 को एस डी ओ, खूंटी, अपर समाहर्ता खूंटी , बिशेष भूअर्जन पदाधिकारी रांची, जलपथ प्रमडल ध्रुवा रांची के कार्यपालक अभियंता, आंचल अधिकारी तथा प्रखंड विकास पदाधिकारी नवनिर्वाचित पंचायत समिति सदस्यों को प्रखंड के किसान भवनमें बैठक के लिए बुलाये थे। विदित हो कि 25 मार्च 2011 को सरकारी अधिकारी इस परियोजना को लेकर मेरले मेंग्राम सभा बुलाये थे। इसकी तैयारी बैठक के रूप में,17 मार्च को किसान भवन में बैठक बुलाया गया था।
उपस्थित ग्रामीणों ने यहां किसी तरह का डैम बनाने नहीं देगें-कहते हुए बैठक का बहिष्कार किया। इसके बाद सभीअधिकारी बी डी ओ के चैमबर में बैठे। वहां इन सभी अधिकारिय यह तैयारी बैठक था। अधिकारियों से इस संदर्भ मेंहमने कई सवाल पूछा। बिशेष भूआर्जन पदाधिकारी, अपर समाहर्ता , एस डी ओ, सभी अधिकारियों ने कहा-बिशेषभूअर्जन विभाग द्वारा जमीन का मापी करने, जिनकी जमीन जाएगी-उन किसानों का सही पहचान करने, जमीनका 80 प्रतिशत मुआवजा भुगतान करने के बाद ही जमीन पर किसी तरह का काम शुरू किया जा सकता है।जमीन किसानों की है उनकी सहमति के बिना जमीन अधिग्रहण नहीं किया जा सकता है। लेकिन यहां जमीन कामापी किये बिना, मुआवजा का भुगतान किये बिना काम शुरू किया गया-यह गलत हुआ है। लेकिन जलपथप्रमंडल के कार्यपालक अभियंता नहीं मानते हैं कि गलती हुआ है।
25 मार्च 2011 को मेरले गांव में आयोजित सरकारी ग्राम सभा को अचानक ही स्थागित कर दिया गया। इस संबंधमें जानकारी मिलने पर मैंने 24 मार्च शाम को एस. डी. ओ. से पूछी कि, कल का बैठक क्यों स्थागित किया गया? इसके जवाब में -एस. डी. ओ. साहब ने कहा-क्या पता क्यों स्थागित किया गया है-सी ओ का लेटर आया है, इसमेंकहा है अपरिहर्या कारणों से सथागित किया जा रहा है.। आप से इसके लिए कोई सहमति ली गयी थी-यह नहीं?।इस पर अधिकारी ने जवाब दिये-नहीं। मैंने क्यों स्थागित किया गया-इस संबंध में जानकारी लेने के लिए सी ओश्री कमलाकांत गुप्ताजी से फोन पर पूछी-तो इन्होंने कहा-उपायुक्त साहब ने स्थागित करने के लिए बोले हैं-अभीमार्च क्लोजिंग है।
मैंने 25 मार्च 2011 को उपायुक्त साहब से पूछी-सर आज का बैठक में आप आ रहे हैं? उन्होंने पूछा-कौन सा बैठक, सर कर्रा वाला। अच्छा-जबड़ा डैम वाला ना? जी-उपायुक्त साहब ने कहा-इस बैठक को सीओ साहब ने स्थागित करदिया है-हमको पत्र भेज कर सूचना दिया है। मै उपायुक्त साहब से पूछी-सर किस कारण से स्थागित किये हैं-कारणबताये होगें ना सीओ साहब?। उपायुक्त ने कहा-नहीं उसी से पूछियेगा-क्यों उनहोंने ही स्थागित किया। मैंने फिरसीओ साहब को फोन कर बोली-उपायुक्त साहब तो बोल रहे हैं-नहीं जानते हैं सीओ साहब ने क्यों स्थागित किया है।इस पर सीओ बोलते हैं-हां हल्का से उपायुक्त साहब बोले थे-मार्च के बारे। हां निर्णय लेते समय अपर समाहर्ता औरइक्जीक्यूटिव इंजीनियर साहब थे। मैंने अपर समाहर्ता श्री केरकेटा जी को फोन कर इस संबंध में पूछी-इन्होंनेकहा-नहीं मुझको नहीं पता कि किस कारण से बैठक स्थागित किया गया है-हम को तो एक पत्र आया है, इसी सेजान रहे हैं कि-बैठक स्थागित किया गया है
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