Monday, November 1, 2010

प्रकृति का सेवा ही हमारी परम्परा और पहचान hai

ग्रामीणों ने करम के सवागत के लिए दिया जलाये.;माटी का दियाए अरवा धागा.सुता का बाटीए करंज का तेल.सभी प्रकृति ke अंग है इसे से प्राकृतिक तथा पर्यावरण का प्रतिक करमा का सेवा किया जाता है

गीत. करम कर बुदा तारे का जिली मिली
आयो का जाका मका.2
गाँवे कर छोंड़ा.छोंडी दिया बारे
से जिली मिले
आयो से जाका मका.२

भाले भाले
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