जल-जंगल-जमीन-नदी-पहाड़-झरना में रची बसी हमारी भाषा-सांस्कृति ही हमारी विरासत । चलना ही नृत्य और बोलना ही हमारा गीत और संगीत है।
git-1-कोन दाह रे हेलो कराय भाई रे -
भाई कोन दाह रे
मछारी मरै रे-2
2-हारे उपर दाह रे हेलो करै रे
भाईया हेठ दाह रे
मछारी मरै-२
बहुत ही सुन्दर रचना.
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