VOICE OF HULGULANLAND AGAINST GLOBLISATION AND COMMUNAL FACISM. OUR LAND SLOGAN BIRBURU OTE HASAA GARA BEAA ABUA ABUA. LAND'FORESTAND WATER IS OURS.
Wednesday, November 24, 2010
क्या हम आजाद भारत के नागरिक हैं-2
17 मई जब इस इलाके हमारी टीम आयी थी ।गोलागांड़ी गांव पहुंचते ही चारों तरफ से ग्रामीण निकल कर आते हैं। इसी भीड़ में श्री खान राव लंड़ाते लंड़ाते आते हैं और कमीज उतार कर पीठ तथा दहिने पैर पर लगे जख्म को दिखाते हैं। इतने में ही महिलाओं का झुंड हमारी टीम को आकर घेर लेती है। सभी अपना दस्तान सुनाते हैं। कहते हैं-हम लोग सुने थे कि अंग्रेज सरकार का मनहुस चेहरा था, उस समय लोगों को जानवरों की तरह पीटा जाता था-लेकिन हम लोगों ने अपना सरकार का मनहुस चेहरा भी देख लिया। जो अपने जल-जंगल-जमीन की बात करने वालों को दौड़ा दौड़ा कर पीटा। महिलाएं कहती हैं-न तो किसी का उम्र देखा न ही किसी का लाज रखा। कहती हैं ईसे ईसे जगह पर पीटा कि बताया भी नहीं जा सकता है। देखते देखते पूरा गांव निकल कर आ गया। सभी एक स्वर में बोलने लगे-बीला ही हमारा सबकुछ है। हम लोग अपना बीला नहीं देगें। ग्रामीण बताते हैं-पूरे देश में जब पानी के लिए हाहाकार मचा रहता है-तभी हमारे बीला(ॅंजमत ठवकल) में 365 दिन पानी उपलब्ध रहता है। इसी बीला से हजारों एकड़ भूमिं सिंचित होता है। इस बीला-जलस्त्रोत के कारण इस इलाके का जलस्त्रोत सुखता नहीं है। यही नही, यही बीला इस इलाके में आने वाले बाढ़ को भी रोकता है। विदित हो कि खेती की जमीन को स्थानीय भाषा में बीला कहते हैं। जैसे ही गोलगांड़ी एरिया में प्रवेश करेगें, आप को लगेगा आप मिनी केरल में हैं। 15-20 किमी तक प्रकृति की अदभूत हरियाली छटा। नरियल, काजू, ताड़, खजूर, आम आदि से पटी धरती। 300 किमी की लंम्बी संड़क यात्रा के बाद भी यहां पहुंचते ही तन-मन का थकान हरियाली में बिलीन हो जाता हैं। इस घने पेड़ों के नीचे जोताइ्र्र कर किसान कई तरह के फसल लगाने की तैयारी में जुटे हैं। गरमी की उष्म तो थी, लेकिन एक ’ाीतल स्पर्ष के साथ। 5-6 युवक बैठक स्थल की ओर आ रहे हैं। हरेक अपने साथ 3-4 डाब (ताड़ फल) लेकर आये। तुरंत काटते गये, एक-एक कर साथियों को पिलाते गये। एक घूंट पीते ही हर साथी एक दूसरे को देखकर -वाह कितना मीठा है, कहते अपनी खु’ाी जता रहे थें। प्रभावित क्षेत्र के करीब 30 गांवों के ग्रामीण नर्गाजुन कन्सट्रक्’ान कंपनी द्वारा प्रस्तावित कोयला आधारित थर्मल पावर प्लांट के खिलाफ पर्यावरण परिरक्षण संगघम के बैनर तले गोलबंद हो कई सालों से प्रोजेक्ट का विरोध करते आ रहे हैं। संगठन ने नारा दिया है-अबीरूदी पेरूतो-नाच्छीनम च्छियादु,(विकास के नाम पर विना’ा नहीं चाहिए)। आजादी के बाद पूरे दे’ा में विकास के नाम पर हो रहे विस्थापन का सवाल उठाते हुए-इस इलाके की जनता सरकार के वर्तमान विकास मोडल के खिलाफ ”अबुरूदी याबराकी-खसटालु याबराकी“ का नारा दे रही है। (विकास किसका-विना’ा किसका)। जैविक विविधता का यह ईलाका यहां के किसान और मछुवारों का जिंदगी तो ही है साथ ही एक वि’िाष्ट पहचान भी। यहां आने वाला हर मन यही चाहेगा कि-यह इलाका इसी तरह जैविक विविधता के साथ बनी रहे। यही पर्यावरण देश के ग्लोबल वामिंग को रोकने में सक्षम होगा। इस बीला ( जंगल-जमीन, जलस्त्रोत की रक्षा का मतलब है-देश का पर्यावरण और जैविक विविधता की रक्षा। बीला में एक साल में दो फसल होता है। धान के अलावे यहां घांस भी होता है-जिसे ग्रामीण चटटाई बनाते हैं। साथ ही इसे घर का छपर भी बनाते हैं। यह मवेशियों का चरागाह भी है। 14 जुलाई की घटना के बारे ग्रामीण बताते हैं-पहले दिन गांव में 2000 की संख्या में पुलिस आयी थी। इसमें से 1000 तो गुड़े थे। पुलिस अपने साथ पंप्लेट लेकर आयी थी-इससे दिखाकर पुलिस वाले बोल रहे थे-अब यह जमीन कंपनी का हो गया है। यहां काम सुशुरु किया जाएगा। पंप्लेट में हिदायत दिया गया था-यदि कोई विरोध करेगा तो उस पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। एक एक लाठी का चोट और बुलेट का जख्म इनके आंदोलन को मजबूत कर रहा है। घटना के बाद अपनी मांगो को लेकर किसान -मछुवारे धरणा में बैठे हैं। धरणास्थल जान देगें -जमीन नहीं देगें के नारों से गुंज रहा है। गांव गांव में माकुदु माकुदु-पावर प्रोजेक्ट माकुदु का नारा गुंज रहा है। (नहीं चाहिए-नहीं चाहिए, पावर प्रोजेक्ट नहीं चाहिए) धरणास्थल में लगातार लासपुरम, कोरलम, बरूआ, मंडपीली, सोमपेटा, जिंगबदरा, बिंकली, बालगंडी, इस्कालापालम, रामईपटनम, मंडा पाली, कुतमु, रूसुगुदा, अमागारी उटुगा आदि गांवों के सैंकड़ो लोग धरणा में बैठकर जमीन अधिग्रहण का विरोध करते आ रहे हैं। धरणास्थल में पर्यावरण परिरक्षण संगधम के अध्यक्ष डा। वाई कृष्णामूर्ती, धर्माराव, टी. कालीदास, दामेयान्ती, जिलामा, वीरअम्मा, उमा, बलामा, ’shakuntala, सुशीला सहित सैंकडों आंदोलनकारियों ने कहा-हम जान दे सकते हैं-लेकिन किसी भी कीमत में जमीन नहीं दे सकते हैं।
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