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Thursday, February 3, 2011
Fact of Forest Right Act..2006..In kamdara Block of Gumla Disrtict
केंन्द्र सरकार ने राज्य के आदिवासी-मूलवासियों को जंगलजो उनके जोत में है, उस पर अधिकार दिलाने के लिएमें वन अधिकार कानून पास किया। इस कानून केपास होने पर पूरे desh के आदिवासी-मूवलासी, किसानों में एक aasha जगी थी कि अब उनको अपना हक मिलेगा।इस कानून के पास होने के बाद केंन्द्र सरकार भी पीठ थपथपाने लगी कि-desh के आदिवासियांे-मूलवासी, किसानों का वन पर इतिहासिक अधिकार दिया गया। खूब प्रचार प्रसार भी हुआ। कानून पास होने के बाद आज चार साल हो गया। आज मूल्यंकन करने की जरूरत है कि इन चार सालों के अतंराल ग्रामीणों को इस कानून का कितना लाभ मिला, या फिर कानून कागजों की shobha ही बढ़ा रहा है। इसी को जनने के लिए गुमला जिला के कमडारा प्रखंड के प्रखंडवासियों को इस कानून का कितना लाभमिला इसको जनने के लिए अंचल कार्याल के अधिकारियों से जानकारी ली गयी। सीआई साहब से यह पूछने परकि आज तक प्रखंड में कितना दावा पत्र भरा गया है-इस पर इन्होंने कहा-यह तो नहीं बता सकते हैंं। लेकिन कुल ग्रामीणों को वनभूमिं का पटा देने का प्रकिया पूरा हो चुका है। कमडारा के सीआई श्री ज्ञान प्रका’ा खाखा जोहाल में ही यहां जोईन किये हैं के अनुसार गुमला जिला में यह कानून 2008 से प्रभावी तैर पर काम करना प्ररंाभ किया है। इस कारण अभी तक जितना केस का निष्पादन होना चाहिए, नहीं हो पाया है।
श्री खाखाजी के अनुसार 29 मई 2010 को आयोजित ग्रामवार बैठक (पूरे प्रखंड का)में कुल 203 केस आया था।इसमें सबसे ज्यादा केस बनपुर, परही और नरसिंगपुर से आया। कानून के आधार पर परती कादीम वगैरह कोछोड़ कर दावा किया जाना है। केवल वनपुर में 27 दावा पत्र ग्रामीणों ने भरा था जिसमें 15 केस का निष्पादित करफोरेस्टर के पास स्वीकृति के लिए भेजा गया हैं। पहले 111 दावा पत्र भरा गया था। अभी तक कुल 22 केस का निष्पादन हो चुका है। पटटा तैयार है, वितरित करना बाकी है। पटटा वितरण करने का कार्यक्रम कहां करेगें-इसपर इन्होंने बताया कि लोगों को इस कानून के प्रति और जागरूक करने के उद्वेस्य से प्रखंड कार्यालय से ही किया जाएगा। इन्होंने 22 लोगों का पटटा देने की बात कही-लेकिन सूचि सिर्फ 16 ही लोगों का दे पाये।
जिनके नाम पर पटटा-तैयार किया गया-
नाम गांव जमीन-पटा खाता ना. प्लोट ना.
1-जुएल केरकेटा मुरगा 37 डिसमिल 60, 298
2-सुकरा साहू मुरगा 77 डिसमिल 33, 91, 294, 459
3-मोसोमात अंजेला हेमरोम-मुरगा 1.09 डिसमिल 60, 298
4-सुधीर केरकेटा मुरगा 0.37 डिसमिल 60, 298
5-निरल केरकेटा मुरगा 0.38 डिसमिल 60, 298
6-मोनिका केरकेटा मुरगा 0.9 डिसमिल 60, 298
7- जेवियर सोरेंग अलिनियुस-नवाटोली -81 डिसमिल 103, 43, 959, 308
तोबियस तीनों को मिलाकर
8-एतवा लोहरा नवाटोली 0.26 डिसमिल 43, 419
9-गंगु तोपनो जरिया 0.25 डिसमिल 31, 433
10-बंदे’वर चीक बड़ाईक-सुरसंग 0.31 डिसमिल 84, 1399
11-जागू लोहरा सुरसंग 0.20 डिसमिल 84, 738
12-राजे’वर चीक बड़ाईक-सुरसंग 0.08 डिसमिल 84, 1399
13-सिद्वे’वर चीक बड़ाईक-सुरसंग 0.32 डिसमिल 84, 1399
14-इसहाक सोरेंग- sursang 0.23 डिसमिल 64, 69
15-सुकरा आंइद जरिया 0.25 डिसमिल 31, 448, 454
16-बंधना आंइद जरिया 0.82 डिसमिल 31, 454
इसमें एकल परिवार तथा संयुक्त परिवार दोनों shamil hai। ने बताया कि इस कानून को जमीन परकराने के लिए अलग से कर्मचारियों की बहाली नहीं की गयी है। सीआई के अनुसार पटटा मिलने वालों में एकमहिला, एक जेनरल, बाकी सभी आदिवासी हैं। कर्मचारियों ने यह भी बताते हैं कि ग्रामीण इसके प्रति अभी जितनाजगरूक होना चाहिए नहीं, हो पाये हैं। दावा पत्र भी गांव वाले ठीक से भर नहीं पाते हैं-कर्मचारियों को ही पूरासहयोग करना पड़ रहा है। 203 दावा पत्र भरा गया है बाकी को निष्पादन कब तक किया जाएगा-इस संबंध मेंकहते हैं-देखते हैं कब तक कर सकते हैं। विदित हो कि कमडारा प्रखंड में 10,268.91 एकड़ में जंगल है। इसमेंजंगल, पहाड़ सभी shamil hai.
सीआई श्री खाखा से पूछने पर कि कब तक पटटा बांटने की उम्मीद है-कहते हैं अभी जनणना काम में व्यस्त हैंजल्दी ही बांट देगें। गुमला डीसी श्री राहुल sharma से पूछने पर कि अभी तक केवल 22 लोगों के केस का ही निष्पादन हुआ है-जबकि 203 दावा पत्र भरा गया था। इस पर डीसी साहब ने कहा-इसके लिए कोई कट अप डेटनहीं है, जो एक्ट में प्रावधान है उसी तारीख से यहां भी कानून प्रभावी हुआ है। अभी भी समय है-दावा पत्र लियाजाएगा। जिसका निष्पादन नहीं हुआ है-उसको जल्दी से ग्राम सभा में लाना चाहिए। सीओ श्री sudarshan मुर्मू नेबताया कि निष्पादित 22 केस के अलावे बाद में और 20-22 केस अनुमंडल को भेजा गया है। जल्द ही लोगों केबीच पटटा बांट दिया जाएगा। विदित हो कि फोरेस्ट एक्ट कानून 2006 में पास हुआ, इसको एक जनवारी 2008 से लागु करने का nirdesh दिया गया था।
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