संबंधित अधिकारियों का लिखित जवाब-संबंधित कांटी जलाशय परियाजना खूंटी जिला, कर्रा प्रखंड
सूचना अधिकार अधिनियम 2005 के तहत इस योजना के संबंध में 25 जनवरी 2011 को कर्रा प्रखंड विकासपदाधिकारी से 1 से 8 बिंदुओं पर जानकारी मांगी थी- इसके जवाब दिनांक 7 -2-11 के पत्रांक 121(पप) में कहागया-पूछे गये 01-08 बिंन्दु के संबंध में इस कार्यालय को किसी भी प्रकार की सूचना उपलब्ध नहीं है।
जलसंसाधन विभाग झारखंड सरकार-रांची को सूचना अधिकार के तहत 1 से 9 बिंदुओं पर जानकारी मांगीथी-इसके उत्तर में आर डी सिंह सरकार के अवर सिवच सह जन सूचना पदाधिकारी के निर्देश पर जलपथ प्रमंडलरांची ने 12-2-11 को जवाब दिया है। इस किन किन किसानों का जमीन जाएगा, कितना जमीन जाएगा खाता ना. प्लोट ना. सहित-इसके जवाब में कहा गया है-जमीन की मापी की कार्रवाईबिशेष भूअर्जन पदाधिकारी रांची द्वाराकी जा रही है। मापी कार्य के उपरान्त ही किसानों की जमीन की विवरणी प्राप्त हो सकेगी।
बिशेष भूअर्जन विभाग रांची को 5-2-11 को 1 से 10 बिंदुओं पर जानकारी मांगी गयी थी। इसके जवाब में 17 -2-11 को भूअर्जन विभाग ने जानकारी उपलब्ध करायी जिसमें-बिंदु 2 -में 10 दिसंबर 2010 को भूमिं पूजन हुआइसके पहले परियोजना के लिए कितना जमीन अधिग्रहण किया गया-इसके जवाब में कहा गया-यह इस कार्यालयसे संबंध नहीं है।
किन किन किसानों को जमीन जाएगा, कितना जमीन जाएगा, खाता ना0 प्लोट ना. सहित बताएं-इसके जवाब मेंकहा गया-इस परियोजना का भूअर्जन अभी प्ररंम्भ नहीं किया गया है।यह chhotanagpoor kashtkari अधिनियम 1908 का घोर उल्लंघन है। साथ ही पांचवी अनुसूची क्षेत्र को प्रदत्त अधिकारों हनन है। यही नहीं ग्राम सभा केअधिकारों का दमन किया जा रहा है। इस घटना का अगर पूरी संजिदगी से समझने की कोशिश नहीं की जाएगी, ऐसे घटनाओं को रोकने की कोशिश इमानदारी से नहीं कि जाएगी तब गांव गांव में पूंजी के खेल का दमन चलेगा।
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