Wednesday, July 20, 2011

जिदंगी के दो पल

जिदंगी के दो पल
एक पल रात तो
दूसरा पल दिन
एक पल जनम तो
दूसरा पल मरण
एक पल शुरु तो
दूसरा पल अंत
एक पल मिलन तो
दूसरा पल वियोग
एक पल ख़ुशी तो
दूसरा पल गम
एक पल मित्रता तो
दूसरा पल शत्रुता
एक पल मीठा तो
दूसरा पल कडवाहट
एक पल अमीर तो
दूसरा पल गरीब
एक पल अंधकार तो
दूसरा पल प्रकाश
एक पल अमावश्य तो
दूसरा पल पूर्णीमा
एक पल सफलता तो
दूसरा पल विफलता
एक पल धूप तो
दूसरा पल छांव
एक पल रोना तो
दूसरा पल हंसना
एक पल प्यार तो
दूसरा पल घृणा
जिंदगी का गीत संगीत सहित्य, रास, रंग, निराशा -आशा का कदमताल है।

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