VOICE OF HULGULANLAND AGAINST GLOBLISATION AND COMMUNAL FACISM. OUR LAND SLOGAN BIRBURU OTE HASAA GARA BEAA ABUA ABUA. LAND'FORESTAND WATER IS OURS.
Thursday, June 9, 2011
हर योजना में लाखों रूपयों का भुगतान आज तक मजदूरों को नहीं किया गया।
जनसूचना अधिकार के तहत गुमला जिला के बसिया प्रखंड के पोकटा पंचयात अंतर्गत मनरेगा योजना के तहत 2006 से 2010 तक कौन कौन सा योजना काम कर रहा है। योजना की क्या स्थिति है। कितने की योजना है। इसकी सूची प्रखंड कार्यालय से प्राप्त किया गया। इस योजना की जमीनी हकीकत क्या है? इस योजना का लाभ ग्रामीणों को मिला या नहीं? लाभूकों की क्या स्थिति है? मजदूरों की क्या स्थिति है? इसकी जानकारी ग्रामीणों से जानकारी लेने की कोशीश की जा रही है। चैंकाने वाला तथ्य सामने आया है। 2007-8, 2008-9, 2009-10 के स्वीकृत योजनाओं, जिसमें रोड़, तालाब निर्माण, तालाब मरम्मति, कुंआ निर्माण, अखड़ा-चबूतरा निर्माण कार्य चला। हैयरानी की बात है-हर योजना में लाखों रूपयों का भुगतान आज तक मजदूरों को नहीं किया गया। मजदूरों का शिकायत है-धूप में शरीर को तपा कर खून पसीना सुखाकर, सिर्फ पानी पी कर माटा काटे, ढ़ोये, लेकिन एक पैसा नहीं मिला। जबकि रिर्पोट में उत्क योजना पूर्ण दिखाया गया है-राशि निकासी भी पूर्ण ही दिखाया गया हैं। जब 6 जून 2011 को पंचायत के कई गांवों के मजदूर पोकटा आम बगीचा में एकत्र हुए-अपना दर्द सुनाये, अक्रोश प्रकट किये-सरकार को कोस रहे हैं, ठेकेदार और दलालों तथा संबंधित अधिकारियों द्वारा किये जा रहे शोषण पर मुंह खोलना शुरु किये-तब गांव के ठेकेदार-दलाल मजदूरों को तथा उनके साथ खड़े लोगों का जान से मारने की धमकी दे रहे हैं-यह भी कह रहे हैं कि-तुम लोग कहीं भी जाओं -कुछ नहीं उखाड़ सकते हो। क्या इस व्यवस्था से हम न्याय की उम्मीद कर सकते हैं-अपील है न्याय पंसंद जनता से कि-इस लड़ाई में क्या हम शोषित मजदूरों के साथ खड़ा हो सकते हैं?
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