भाग-7
सुझाव-
-jharkhand राज्य संबिधान के पांचवी अनुसूचि छेत्र में आता है। इसके तहत स्थानीय ग्राम सभा एवं स्थानीय जनता के लिए प्रावधान अधिकारों को लागू करते हुए सरकार राज्य के लघुवनोउपज और लघु उद्वोगों ग्राम सभा के अधिकार में देना होगा।
झारखण्ड स्टाटॉप की नयी शुरुवात ---ग्रामसभा के साथ
१ -राज्य के गेर मजरूआ आम, खास, परती, जंगल-भूमि, जमीन को सरकार लेंड बेंक के दायरे में आयी हे, इन सभी नेचर के भूमि को भूमि बैंक से मुकत किया जा, तभी राज्य का पर्यावरण ओैर कृषि को बाचया जा सकता हैें
२-राज्य में पांचवी अनुसूचि के अर्तंग्रत आता हें अनुसूचित इलाके में स्थानीय ग्राम सभा एवं स्थानीय जनता के लिए प्रावधान अधिकारों को लागू करते हुए सरकार राज्य के लघुवनोउपज और लघु उद्वोगों को स्थापित एवं संचालित करने की जिम्मेदारी स्थानीय नागरिकों को दे। इसके लिए राज्य सरकार ग्राम सभा समितियों को काॅपरेटिव लाइसेंस दे। गिटटी, बालू, पत्थर खदान का लीज स्थानीय गांव समितियों को दे। क्योंकि यह ग्रामीणों को कानूनी अधिकार है, जो आज तक किसी भी सरकार ने ग्रामीणों को नहीं दिया।
३- इसके लिए ग्रामीणों को प्रशिक्छत करने का अभिायान चलाये।
४ -राज्य के खनिज का रोयल्टी स्थानीय ग्राम सभा को देना सुनिशचित किया जाए
५ -स्थानीय बेरोजगारों को स्थानीय स्तर पर ही रोजगार का अवसर दिये जाने का प्रावधान किया जाए। इसके तहत राज्य के सभी जिला मुख्यालयों में एवं प्रखंड मुख्यालयों, स्कूलों, अस्पतालों एवं पंचायत मुख्यलयों मेै स्थानीय पीयोन, चपरासी, क्र्लाक से लेकर कम्पुयटर ओपरेटर तक की नियुक्ति की नीति बने। इन सेवाओं के लिए आउटसोरसिंग बहाल बंद किया जाए।
६-किसानों को स्थानीय प्रकृतिक संपदा से जुड़े व्यवसाय के साथ जोड़ने का काम नहीं किया, आज इसकी शुरूआत करने की जरूरत है।
७ -राज्य में कृषि विकास को प्रथमिकता देते हुए कृषि विष्वविद्यालय को सषत्क किया जाए, और यह जिम्मेवारी दी जाए की राज्य में कृषि के परंपरागत तकनीकी को सुद्धीढ किया जाए।
८ --कृषि विभाग स्वेतपत्र जारी कर कि, राज्य में कितना कृषि भूमि पिछले 50 वर्षों में घट गया है। यह भी जारी करे कि राज्य में आबादी के अनुपात खाद्यान की क्या स्थिति है?
९--वन विभाग को जिम्मेवारी दी जाए कि राज्य में कितना जंगल क्षेत्र घट गया है, वनोउपज की क्या स्थिति है, राज्य बनने के बाद कितने पेड़ घट गये हैं?
१०-कृषि विष्वविद्यालय में राज्य के अधिक से अधिक कृषि बेरोजगार युवाओं को प्रषिक्षित करने की जरूरत है, ताकि राज्य में खाद्य सुरक्षा को सुनिष्चित किया जा सके.
११-राज्य में जहां भी बड़े डैम बनाये गये हैं, डैम का पानी को पाईप लाईन द्वारा उन ईलके के किसानों के खेतों तक पहुंचाना सुनिष्चित किया जाए। इसे राज्य में खेती का विस्तार संभव होगा।
१२-राज्य के पानी पुरूष पदमश्री श्री सिमोन उरांव के नेतृत्व में एक कमेटी बनायी जाए जो बरसात का पानी को तलाब, आहर, नालों, कुओं, पोखर, सीरीज डैम द्वारा संचय संचय करने की परंपारिक तकनीकी को बढाने का काम को दिशा दे
१३--औद्योगिकीकरण के कारण जितने जलस्त्रोत प्रदूषित हो चुके हैं, उनको प्रदूषन मुत्कि किया जाए। ताकि राज्य में पानी का अभाव दूर किया जा सके।
१४ --राज्य में जंल-जमीन सीमित है, आवागमन के लिए रेलमार्ग, संडक मार्ग, हवाई मार्ग के लिए कुल कितना जमीन उपयोग करना है, यह रोड मैप तय होनी चाहिए।
१५ --शिक्षण संस्थानों, अस्पताल, मेडिकल आदि की स्थापना के लिए भी जमीन उपयोग करना है , का रोड मैप तय हो
१६-राज्य सरकार को विकास का सस्टेनेबल मोडल तैयार करने की नीति बनाने की जरूरत-इसके तहत तय करना होगा कि राज्य की आबादी के लिए खाद्यान की जरूरत है। राज्य को कितना पानी की जरूरत है, ( कृषि के लिए, प्र्यावरण के लिए, षहरी तथा ग्रामीण घरेलू उपयोग के लिए एवं लघु उद्योगों के लिए)
१७--बड़े उद्योगों के लिए कितना पानी की जरूत है, यह तय होना चाहिए। एैसा न हो कि सारा पानी सिर्फ बड़े औद्योगिकों को ही प्रथमिकता में रखा जाता है।
१८--मनरेगा योजना के तहत -गांव सभा तय करे के गांव में क्या चाहिए, कृषि, जलसंसाधन और पर्यावरण को विकसित करना है, ना कि राजमार्ग ही बनाये
१९--राज्य में सिर्फ 13 राजकीय टेकनिकल सेंटर हैं, उससे बढाया जाये, ताकि राज्य के अधिक छात्राओं को ट्रैंगिंग दिया जा सके
२०--किसानों के उत्पादों को बिक्री करने के लिए बाजार का उचित व्यवस्था हो, जहां किसान अपना उत्पाद उचित मूल्यों में बेच सके।
२१--राज्य में उपलब्ध वनोपज तथा कृषि उत्पाद की उपलब्धता के अनुसार राज्य के सभी जिला मुख्यालायों में एक फूड प्राशेशिंग यूनिट बनाया जाए
२२-राज्य के अधिकांष जिलों में कुसुम, पलाष, बैर के पेड अधिकाई से मिलेगें, जिसमें किसान पहले से हि लाह खेती करते आया है, इसको और बेहत कैसे किया जाए, इसकी पोलेसी बनाने की जरूरत है
२३-राज्य के अधिकांष जिलों में बांस होती है, आदिवासी गांवों में बहुत अधिक पैमाने पर बांस मिलेगा, इसको बांस उद्योग से जोड़ने की जरूरत है।
२४--राज्य के कृषि योग्य जलवायु खनिज और मानव संसाधनों का सर्वोत्तम उपयोंग से राज्य को स्टेटेनेबल डेपलपमेंन्ट की दिशा दी जा सकती है।
------समाप्त ----
सुझाव-
-jharkhand राज्य संबिधान के पांचवी अनुसूचि छेत्र में आता है। इसके तहत स्थानीय ग्राम सभा एवं स्थानीय जनता के लिए प्रावधान अधिकारों को लागू करते हुए सरकार राज्य के लघुवनोउपज और लघु उद्वोगों ग्राम सभा के अधिकार में देना होगा।
झारखण्ड स्टाटॉप की नयी शुरुवात ---ग्रामसभा के साथ
१ -राज्य के गेर मजरूआ आम, खास, परती, जंगल-भूमि, जमीन को सरकार लेंड बेंक के दायरे में आयी हे, इन सभी नेचर के भूमि को भूमि बैंक से मुकत किया जा, तभी राज्य का पर्यावरण ओैर कृषि को बाचया जा सकता हैें
२-राज्य में पांचवी अनुसूचि के अर्तंग्रत आता हें अनुसूचित इलाके में स्थानीय ग्राम सभा एवं स्थानीय जनता के लिए प्रावधान अधिकारों को लागू करते हुए सरकार राज्य के लघुवनोउपज और लघु उद्वोगों को स्थापित एवं संचालित करने की जिम्मेदारी स्थानीय नागरिकों को दे। इसके लिए राज्य सरकार ग्राम सभा समितियों को काॅपरेटिव लाइसेंस दे। गिटटी, बालू, पत्थर खदान का लीज स्थानीय गांव समितियों को दे। क्योंकि यह ग्रामीणों को कानूनी अधिकार है, जो आज तक किसी भी सरकार ने ग्रामीणों को नहीं दिया।
३- इसके लिए ग्रामीणों को प्रशिक्छत करने का अभिायान चलाये।
४ -राज्य के खनिज का रोयल्टी स्थानीय ग्राम सभा को देना सुनिशचित किया जाए
५ -स्थानीय बेरोजगारों को स्थानीय स्तर पर ही रोजगार का अवसर दिये जाने का प्रावधान किया जाए। इसके तहत राज्य के सभी जिला मुख्यालयों में एवं प्रखंड मुख्यालयों, स्कूलों, अस्पतालों एवं पंचायत मुख्यलयों मेै स्थानीय पीयोन, चपरासी, क्र्लाक से लेकर कम्पुयटर ओपरेटर तक की नियुक्ति की नीति बने। इन सेवाओं के लिए आउटसोरसिंग बहाल बंद किया जाए।
६-किसानों को स्थानीय प्रकृतिक संपदा से जुड़े व्यवसाय के साथ जोड़ने का काम नहीं किया, आज इसकी शुरूआत करने की जरूरत है।
७ -राज्य में कृषि विकास को प्रथमिकता देते हुए कृषि विष्वविद्यालय को सषत्क किया जाए, और यह जिम्मेवारी दी जाए की राज्य में कृषि के परंपरागत तकनीकी को सुद्धीढ किया जाए।
८ --कृषि विभाग स्वेतपत्र जारी कर कि, राज्य में कितना कृषि भूमि पिछले 50 वर्षों में घट गया है। यह भी जारी करे कि राज्य में आबादी के अनुपात खाद्यान की क्या स्थिति है?
९--वन विभाग को जिम्मेवारी दी जाए कि राज्य में कितना जंगल क्षेत्र घट गया है, वनोउपज की क्या स्थिति है, राज्य बनने के बाद कितने पेड़ घट गये हैं?
१०-कृषि विष्वविद्यालय में राज्य के अधिक से अधिक कृषि बेरोजगार युवाओं को प्रषिक्षित करने की जरूरत है, ताकि राज्य में खाद्य सुरक्षा को सुनिष्चित किया जा सके.
११-राज्य में जहां भी बड़े डैम बनाये गये हैं, डैम का पानी को पाईप लाईन द्वारा उन ईलके के किसानों के खेतों तक पहुंचाना सुनिष्चित किया जाए। इसे राज्य में खेती का विस्तार संभव होगा।
१२-राज्य के पानी पुरूष पदमश्री श्री सिमोन उरांव के नेतृत्व में एक कमेटी बनायी जाए जो बरसात का पानी को तलाब, आहर, नालों, कुओं, पोखर, सीरीज डैम द्वारा संचय संचय करने की परंपारिक तकनीकी को बढाने का काम को दिशा दे
१३--औद्योगिकीकरण के कारण जितने जलस्त्रोत प्रदूषित हो चुके हैं, उनको प्रदूषन मुत्कि किया जाए। ताकि राज्य में पानी का अभाव दूर किया जा सके।
१४ --राज्य में जंल-जमीन सीमित है, आवागमन के लिए रेलमार्ग, संडक मार्ग, हवाई मार्ग के लिए कुल कितना जमीन उपयोग करना है, यह रोड मैप तय होनी चाहिए।
१५ --शिक्षण संस्थानों, अस्पताल, मेडिकल आदि की स्थापना के लिए भी जमीन उपयोग करना है , का रोड मैप तय हो
१६-राज्य सरकार को विकास का सस्टेनेबल मोडल तैयार करने की नीति बनाने की जरूरत-इसके तहत तय करना होगा कि राज्य की आबादी के लिए खाद्यान की जरूरत है। राज्य को कितना पानी की जरूरत है, ( कृषि के लिए, प्र्यावरण के लिए, षहरी तथा ग्रामीण घरेलू उपयोग के लिए एवं लघु उद्योगों के लिए)
१७--बड़े उद्योगों के लिए कितना पानी की जरूत है, यह तय होना चाहिए। एैसा न हो कि सारा पानी सिर्फ बड़े औद्योगिकों को ही प्रथमिकता में रखा जाता है।
१८--मनरेगा योजना के तहत -गांव सभा तय करे के गांव में क्या चाहिए, कृषि, जलसंसाधन और पर्यावरण को विकसित करना है, ना कि राजमार्ग ही बनाये
१९--राज्य में सिर्फ 13 राजकीय टेकनिकल सेंटर हैं, उससे बढाया जाये, ताकि राज्य के अधिक छात्राओं को ट्रैंगिंग दिया जा सके
२०--किसानों के उत्पादों को बिक्री करने के लिए बाजार का उचित व्यवस्था हो, जहां किसान अपना उत्पाद उचित मूल्यों में बेच सके।
२१--राज्य में उपलब्ध वनोपज तथा कृषि उत्पाद की उपलब्धता के अनुसार राज्य के सभी जिला मुख्यालायों में एक फूड प्राशेशिंग यूनिट बनाया जाए
२२-राज्य के अधिकांष जिलों में कुसुम, पलाष, बैर के पेड अधिकाई से मिलेगें, जिसमें किसान पहले से हि लाह खेती करते आया है, इसको और बेहत कैसे किया जाए, इसकी पोलेसी बनाने की जरूरत है
२३-राज्य के अधिकांष जिलों में बांस होती है, आदिवासी गांवों में बहुत अधिक पैमाने पर बांस मिलेगा, इसको बांस उद्योग से जोड़ने की जरूरत है।
२४--राज्य के कृषि योग्य जलवायु खनिज और मानव संसाधनों का सर्वोत्तम उपयोंग से राज्य को स्टेटेनेबल डेपलपमेंन्ट की दिशा दी जा सकती है।
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