Thursday, June 9, 2011

केवल अनशन, धरना, प्रर्दशन, नारा मात्र से भ्रष्टाचारियों का विधि-व्यवस्था में गहराया जड़ को उखाड़ा नहीं जा सकता है।

देश से लूट-झूट की संस्कृति को खत्म करने के लिए अब देश के महान हस्तियां मैदान में उत्तर गये हैं। भ्रष्टाचार के खिलाफ अन्ना हजारे के अमरण अनशन में देश भर के हर वर्ग, के लोग, हर शहर, गाली, मोहला, महानगर, राजनीतिक गलियारे से निकल कर भ्रष्टाचार समाप्त करने के खिलाफ लड़ाई में अपना समर्थन दिये। इसके बाद लोकपाल बिल को बनाने की बात पटल पर आयी। इसके बाद देश को भ्रष्टाचार मुक्त बनाने का अभियान योग गुरू बाबा रामदेव ने शुरु किये। दिल्ली के रामलीला मैंदान में भ्रष्टाचार के खिलाफ जंग का ऐलान करते हुए -भूख हड़ताल में बैठ गये। इनके सर्मथन में भी देश के हर वर्ग की आवाम उनके साथ खड़े हो गये (एक अलग मामला है कि उनकी सरकार से क्या बात हुई) यह अच्छी बात है। लेकिन दुखद बात देश के लिए यह भी है-कि केवल अनशन, धरना, प्रर्दशन, नारा मात्र से भ्रष्टाचारियों का विधि-व्यवस्था में गहराया जड़ को उखाड़ा नहीं जा सकता है। इसके लिए इस भ्रष्टाचार को जीवन देने वाले हर व्यक्ति को आत्मसात करना होगया-अपनी भूमिंका तय करनी होगी-कि क्या सही में आप भ्रष्ट व्यवस्था को खत्म करना चाहते हैं-तो आइये-हम अपने से ही सुरुवात करें -अपने जीवन में कर्म में उत्तारें। भ्रस्स्ताचार को पान्हा देने वालों को उखाड़ फेंके -नहीं तो एक दिन -सच्चाई हमसे जवाब मांगेगा। आज विकास के नाम पर हर प्रखंड कार्यालय में गांव के लोगों के लिए हर वित्तीय वर्ष में करोड़ों धन राशि आ रहा है-इसका मात्र दो आना भी गांववासियों को लाभ नहीं मिल रहा है। जो अपने इस हक के लिए संघर्ष कर रहे हैं-उन्हें प्रशासन के बंदूक के गोलियों से और गुड़ों के लाठियों से शांत किया जा रहा है। सवाल है-क्या इस शोषित -पीड़ित वर्ग के संघर्ष के मैदान में हम उनके साथ हैं-यह फिर अन्ना हजारे और बाबा रामदेव के साथ केवल हैं?।

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