Thursday, May 26, 2011

2 lakh 40,000 me sirf ..11,000 hi mila hai...hal manrega..ka


खूंटी जिला-दयामनी बरला
केंन्द्र सरकार की मनरेगा योजना राज्य में पूरी तरह फेल है। यह अलग बात है कि-राज्य सरकार दलील देती हैं कि-मनरेगा योजना आम लोगों को रोजगार देने में सफल है। लेकिन गांवों की तशबीर साफ बता रही है कि हकिकत क्या है। खूंटी जिला के तोरपा प्रखंड के कोरको टोली को 2006 से आज तक सिर्फ मनरेगा योजना से एक कुंआ मिला। जानकारी के अनुसार कुंआ का प्रक्कलन राशि 2 लाख 40,000 है। कुंआ सूखु तोपनो के नाम मिला। काम शुरू करने के लिए पैसा नहीं था, इसलिए कुंआ का काम ठेकेदार ने लिया। खुदाई शुरू हुआ। पानी का सोता बहुत जल्दी मिला। कुंआ 24 फुट तक खोदा गया। लेकिन प्रखंड कार्यालय से पैसा नहीं मिलने के कारण काम आगे नहीं बढ़ सका। बरसात पहुंच गया (2010) कुंआ धंस गया। पैसा मिलने के उम्मीद में घर से भी पैसा लगाया गया। दूसरा साल भी पैसा नहीं मिला। कुंवा वैसा ही पड़ा हुआ है। अब ठेकेदार भी लाभूक को सुझाव दे रहा है-यदि घर में 30,000 तक पैसा होगा, तो पत्थल गिरवा कर पटवा दो, ब्लोक से तों अधिकारी पैसा देना नहीं चाह रहे हैं। किसान कहते हैं-पैसा नहीं देना था, तो खोदना ही नहीं चाहिए था। इतना मेहनत करवाये, घर से भी खर्च हुआ। कहते हैं-इसी लिए हम लोग नहीं चाहते थे-कुंआ खोदवाना। बताते हैं-सिर्फ 11,000 रूपया मिला है। 25 मई को जब उस इलाके में मैं किसानों की खेती -जो नाला के पानी से लहलहा रहा है को देखने गयी थी, तब यह कुंआ नजर में आया। कुंआ में पानी अभी भी बहुत है-जबकि सभी इलाके का जलस्त्रोत सूख गया है। मनरेगा योजना किसानों के गले का फंदा बन गया हैं। एक तो किसान टांड में खेती करते थे, वो आज तो टांड रहा गया, ही कुंआ।

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