Saturday, May 7, 2011

बड़े पूंजिपतियों को शहर में किसी तरह की परेशानी न हो, उनको जाने-आने में किसी तरह की परेशानी न हो, इसकी गाडि़यो को संड़कों पर सरपट दौड़ने में किसी तरह


राज्य सरकार सभी स्तर पर जनविरोधी कानून लागू कर कमजोर और मेहनतकशों के अधिकारों का हनन कर रही है। जनविरोधी कानून बना कर उसे जब्रजस्त पुलिस बल प्रयोग कर लागू करने की कोशीश में है। अतिक्रमण के नाम पर झुग्गीवासियों को उजाड़ दे रहा है। रोड़ किनारे के छोटे दुकानदारों को उजाड़ दिया। हजारों के आशियाना उजाड़े गये। हजारों परिवार की रोटी-रोजगारी छीन ली गयी। इन जगाहों को खाली कर सरकार-कारपोरेट घरानों को देगी। पूंजीपतियों के व्यवसायिक संस्थान, सोपिंग मोल बनाया जाएगा। उच्च वर्ग तथा अमीरों के सुख-सुविधा तथा आइसो -आराम की व्यवस्था की जाएगी।
उपरोक्त सुविधाओं के साथ बड़े पूंजिपतियों को शहर में किसी तरह की परेशानी न हो, उनको जाने-आने में किसी तरह की परेशानी न हो, इसकी गाडि़यो को संड़कों पर सरपट दौड़ने में किसी तरह का बाधा न हो -इसके लिए भी राज्य सरकार व्यवस्था करने जा रही है। इसी लिए शहर से ठेला-रिक्सा, ओटो चलाने पर प्रतिबंध लगाया जा रहा है। ये सभी कार्रवाईयां-1996 में वि’व बैंक द्वारा प्रस्तावित ‘शहरी विकास योजना का परिणाम हैं। विदित हो कि इस प्रस्तावित कानून को भारत सरकार ने 2005 में -जवाहरलाल नेहरू शहरी नवीनीकरण योजना का नाम देते हुए हरी झंण्डी दिखाया। इस कानून के तहत देश के 63 शहरों से विकास के नाम पर गरीबों को खाली कर पूंजीपतियों को बसाने का काम होगा
झारखंड की राजधानी में अब रिक्सा, ओटो, ठेला नहीं चलेगें। शहर के भीतर अब पीक आवर में रिक्सा नहीं चलेंगे। भीड़-भाड़ वाले इलाके में रिक्सा को प्रतिबंधित कर दिया गया है। रातू रोड़, मेन रोड़ और सरर्कुलर रोड़ में सुबह नौ बजे से 11 बजे तक और शाम चार बजे से छह बजे तक रिक्सा-ठेला नहीं चहेगी। एसडीओ शेखर जमुआर ने बुधवार को ट्रैफिक एसपी और रिक्या चालक के साथ हुई बैठक में यह निर्देश दिया।
उन्होंने कहा कि अब रिक्सा चालकों को अपने रिक्सा का निबंधन कराना होगा। निबंधन के लिए नगर निगम से आवेदन देकर निबंधन करा लें। इसके लिए उन्हें निबंधन शुल्क देना होगा। मई के बाद बगैर निबंधन के रिक्सा -ठेलर को जब्त कर लिया जाएगा। उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। जिला प्रशासन ने रिक्सा चालकों से कहा है कि वे शीघ्र ही नगर-निगम से अपने रिक्सा का निबंधन करा लें तभी चालाएं।
रिक्सा चालकों का अब आइ कार्ड होगा-इसमें चालकों का फोटो और रजिस्ट्रेशन नंबर भी अंकित रहेगा। एसडीओ ने नगर निगम को फोटो पहचान पत्र बनाने की जिम्मेवारी ही है। कहा है कि मई तक काम पूरा कर लिया जाए। जून माह से बिना फोटो पहचान पत्र वाले रिक्सा चालकों को सड़क में चलने नहीं दिया जाएगा। साथ ही उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई भी की जाएगी।
रिक्सा की संख्या होगी निर्धारित-शहर के हर मार्ग पर रिक्सा की संख्या निर्धारित रहेगी। जिला प्रशासन ने इसका निर्णय लिया है। सभी रिक्सा चालकों का रिजस्टेशन के बाद मार्गा पर चलने वाले रिक्सा की संख्या निर्धारित रहेगी। एसडीओ ने बताया कि जून माह में संख्या का निर्धाण कर दिया जाएगा। इससे ज्यादा चलने पर कार्रवाई होगी।

शहर में ओटो चलाने के लिए परमिट चाहिए-ओटो परमिट के लिए बुधवार से समाहरणालय परिसर में दो दिनी लोटरी निकाली जाएगी। 27 अप्रैल की सुबह 11 बजे से डीसी की अध्यक्षता में लाॅटरी निकाली जाएगी। इसमें लगभग 1000 वाहनों को परमिट दिया जाएगा। रूट नंबर एक, दो, तीन, चार, पांच, छह, 12,14, और 16 के लिए लाॅटरी निकाली जाएगी। इस रूटों पर पड़े आवेदनों की स्कूटनी कर ली गई हैं।
दूसरी ओर झारखंड़ प्रदेश डीजल ओटो चालक महासंघ ने शहर के सभी ओटों चालकों को परमिट देने की मांग की है। महासंघ ने कहा-कि पूर्व में लिए गए निर्णय के आधार पर 2060 ओटो को परमिट दिया जाना था। लेकिन इसके लिए 2566 आवेदन कहां से आए। अब अधिक आवेदन आने पर लोटरी की बात की जा रही है। संघ ने कहा-जिला प्रशसन से मांग की कि शहर के सभी 8500 वाहन चालकों को परमिट दिया जाए।

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