Thursday, April 7, 2011

आज इन समूदयों को देश के कई छोटे-छोटे रिजर्वेसन क्षेत्रों में रखा गया है, जिसको नाक्सा में भी खोजना मुश्किल होता है।part-8

रिजर्वेसन क्षेत्र का गलि-मुहाला टूटा-फूटा संड़क अपने तंगी हालात का चुपी बयान कर रहा है। यहां का हालात देखने के बाद मन सवाल कर रहा था-झारखण्ड में स्वशासन की मांग या अपने गांव में अपना राज्य की मांग को हमलोग हमेशा आवाज देते रहें हैं-यदि वहां स्वशासन मिल लाएगा तो क्यो ऐसा ही व्यवस्था दिया जाएगा। यहां के लोगों के हाथ में खेती की एक इंच जमीन नहीं हैं। अमेरिका में कई माह तक कड़ाके ही ठंड पड़ती है। अमेरिकी सरकार अमेरिका वालों के घरों को ठंड से बचाने के लिए हर घर में बिजली का कनेक्शन दिया हैं-जो घर को गरम रखता है। लेकिन रिजेर्वेसन इलाके में यह व्यवस्था भी नहीं है। यहां का आदिवासी समुदाय भी पूरी तरह प्रकृतिक आधारित होने के कारण जमीन-जंगल से उजड़ते साथ ही आपनी भाषा -सांस्कृति से उजड़ गया। पहले पूरे अमेरिका में सैकड़ों जनजाति समुह थे इनमें से मुख्य रूप से Cree plains, Cree, Montaganais, Blackfoot, Assinbioin, Chippewa, algonkin, Dakota, Ottowa, Crow, Bannock, Cheyenne, Shoshone, Paiute, Comanche, Caddo, Wichita, Creek, Cherokee, Timucua, Apache, Coahuiltecan, आदि है। आज इन समूदयों को देश के कई छोटे-छोटे रिजर्वेसन क्षेत्रों में रखा गया है, जिसको नाक्सा में भी खोजना मुश्किल होता है। अमेरिका में जितनी नदियां या झरने हैं- सभी का नाम नेटिव अमेरिकनों का दिया नाम है। सियाटेल भी गांव के मुख्या जो नेटिव अमेरिकन थे, के नाम से है।

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