Thursday, April 21, 2011

गुमला जिला के कमडारा प्रखंड में नया राशन कार्ड बनाने के लिए जिन आवश्यक प्रमाण पत्र की जरूरत है इसके बारे गा्रमीणों को समय पर सही जानकारी नहीं दी गयी


गुमला जिला के कमडारा प्रखंड में नया राशन कार्ड बनाने के लिए जिन आवश्यक प्रमाण पत्र की जरूरत है इसके बारे गा्रमीणों को समय पर सही जानकारी नहीं दी गयी। अफवाह फैला दिया गया कि नया rashan कार्ड बनाने के लिए आवासीय प्रमाण पत्र अति आवश्यक है। जिसके कारण ग्रामीणों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। ग्रामणी आवासीय और आय प्रमाण प्रत्र बनवाने के हर दिन सुबह से शाम तक क्षेत्र के वार्ड सदस्य और मुखिया का अनुसंसा के बाद अंचल कार्यालय के अंचल नीरिक्षक एवं प्रज्ञा केंन्द्र का चक्कर लगा रहे हैं। 18 अप्रैल से प्रखंड के 73 गांव के लोग प्रखंड कार्यालय और प्रज्ञा केन्द्र में आवासीय और जाति प्रमाण पत्र बनाने के लिए उमड़ पडें हैं। कमडारा मूख्यालय मेला की तरह लग रहा है। विदित हो कि नया राशन कार्ड बनाने के लिए स्थानीयता या स्थायी पत्ता का सत्यापन के लिए शहरी निगम के लिए होल्डिंग रशीद, बिजली बिल, फोन बिल, पहचान पत्र, पुराना राशन कार्ड, या आवासीय प्रमाण पत्र, इसमें से किसी एक की जरूरत हैं। यह बात अंचल अधिकारी श्री शुदर्शन मुर्मु, अंचल नीरिक्षक श्री ज्ञान प्रकाश खाखा ने 20 अप्रैल को अंचल कार्यालय में ही बताये। आवासीय तथा आय प्रमाण पत्र बाजार में खूब बिक रहा है। बाजार में लोग फोम का कीमत अपने तरह से वासूल रहे हैं। प्रज्ञा केंन्द्र में प्रति फोम पांच रूपया में बिक रहा है साथ ही प्रति फोम जमा करने का 15 रूपया लिया जा रहा है। जिस तरह से भीड़ उमड़ी है उसे समझने के लिए मैं भी प्रज्ञा केंन्द्र पहूंची। कमडारा का दृष्य बिलकुल मेला की तरह लग रहा था। प्रज्ञा केंन्द्र को लोग चारों ओर से घेरे हुए था। हर किसी के हाथ में कागजात था। हर किसी को फोम जमा करने की हड़बड़ी थी।
प्रज्ञा केंन्द्र का ग्रील में बाहर से ताला लगा हुआ था। मेरे वहां पहुंचते ही अंदर काम कर रहे लोगों ने ताला खोल दिया। अंदर पूरा फोम से भरा हुआ था। 5-6 लोग फोम लेने में व्यस्त थे। मैंने के्रन्द्र के संचालक से पूछी-नया राशन कार्ड बनाने के लिए कौन-कौन सा प्रमाण पत्र की जरूरत है-इस पर बताया गया कि-पहचान पत्र, ड्राइविंग लाइसेंस, बिजली बिल, फोन बिल में से किसी एक की जरूरत है। यहां अंचल कार्यालय के श्री भानू प्रताप भी थे-इन्होंने बताया कि इसमें प्रावधान है कि पुराना राशन कार्ड का कोपी भी दिया जा सकता है। जब यह सवाल किया गया कि-यदि इनमें से किसी एक की जरूरत है तो फिर आवासीय अति अवाश्यक है-यह क्यों कहा जा रहा है, और आवासीय बनाने वालों का मेला लगा हुआ है। जो सच है -इसकी जानकारी आम लोगों को देनी चाहिए। इस पर वहां इस काम में लगे लोग चुप रहे। वहां मौजूद भीड़ हला करने लगी-कि हम लोगों को सही जानकारी नहीं दी जा रही है।
संचालक के अनुसार 18 अप्रैल से 20 अपैल 3 बजे तक 3000 फोम जमा हो चुका था। वहीं अंचल कार्यालय के अनुसार 643 आवासीय और जाति प्रमाण पत्र बन चुका था। इस संबंध में प्रखंड विकास पदाधिकारी से बात करना चाहे, लेकिन वे जिला निकल चुके थे। आपूर्ति पदाधिकरी श्री गुलाब रबाणी से भी मुलाकात नहीं हुई कारण कि वे आपूर्ति कार्यालय में नहीं थे। मैं संबंध में 21 अप्रेल का फोन से संर्पक की-तक प्रखंड़ विकास पदाधिकारी श्री अमीत जी ने कहा-उपरोक्त प्रमाण पत्र में से किसी एक की जरूरत है-आवासीय ही चाहिए, ऐसा नहीं है। अपूर्ति पदाधिकारी से भी फोन से संर्पक किये-इन्होंने भी यही बात बोले। इन्होंने कहा-यहां आवासीय आवश्यक नहीं किया जाना चाहिए-यदि ऐसा होता है तो-जो बिलकुल गरीब है, जरूरतमंद हैं वे इस सुविधा से बंचित हो जाएगें। क्योंकि उनके पास तो जमीन का कागजात है और ही आवासीय बनवाने के लिए पैसा है। अंचल कार्यालय में भीड़ से घिर अंचल नीरिक्षक से पूछा गया कि आप अभी तक कितना अवावेदन में हस्ताक्षर कर चुके हैं-इन्होंने कहा-कौन गिनेगा।ं 18 अप्रेल से साढ़े नौ बजे सुबह से 6 बजे शाम तक कार्यालय में यही काम कर रहा हूँ डेरा में सुबह 6 बजे से ही। एक मिनट का फुरसत नहीं है। कब तक और करेगें-इस पर कहते हैं-जब तक 73 गांव के मेरे राईय आते हैं काम करते रहेंगें। आवेदन फोम बेचने वालों का भी बाजार गरम है।
राशन कार्ड की छटनी के लिए 25, 26, और 27 अप्रैल को हर पंचायत में शिविर लगाया जाएगा। इसमें हर गांव के वार्ड सदस्य की मुख्य भूमिंका होगी। कई ऐसे लोग भी थे जो स्कूल-कालेजों में जाति प्रमाण पत्र, आय प्रमाण प्रत्र और आवासीय प्रमाण पत्र बनवाने आये थे। इन्हें भी भीड़ के कारण भारी परेसानी उठाना पड़ रहा है। सरकारी अधिकारी सहित जनप्रतिनिध भी इसके लिए जिम्मेवार है। राज्य सरकार ने निर्देश दिया है नया राशन कार्ड बनने के लिए, लेकिन पूराना कार्ड संख्या है उसे कितना और बढ़ाया जाएगा यह घटाया जाए-कोई टारगेट नहीं दिया है। आपूर्ति अधिकारी बोलते हैं-जहां तक छांटने का सवाल है 2009 में कमडारा प्रखंड के दस पंचायत का करीब 1500 कार्ड का छटनी हो चुका है। इन्होंने बताया-राज्य सरकार का निर्देश है कि अब जो पेंशनधारी थे-उनका अन्नपूर्ण योजना से नाम हटाया जाए। इसके आधार पर प्रखंड में अन्नपूर्ण योजना लगभग समाप्ती की ओर है। इन्होंने बताया कि-अब सिर्फ 171 अन्नपूर्ण कार्डधारी ही रह जाएगें जो केंद्र सरकार के योजना से जुडें है। इन्होंने बताया कि प्रखंड में 609 अन्नपूर्ण कार्डधारी हैं, इसमें 171 कार्डधारी केंन्द्र से संचालित योजना से हैं बाकी राज्य से संचालित योजना से जुडें हैं। इन्होने यह भी बताये कि-नये वित्तिय वर्ष में अब अन्नपूर्ण योजना का आनाज भी नहीं रहा है। पूराना वित्तिय वर्ष का आनाज जिनका बाकी है-उनको ही अभी वितरण किया जा रहा है। इसे यह साफ है कि सरकार भी rashan बनाने के नाम पर अपना राजनीतिक रोटी सेंकने का काम कर रही है। कमडारा प्रखंड में 2001 के जनगणा के अनुसार कुल आबादी-53,264 हैं। इसमें काड्र्रधारी 10,747 हैं। कुल बीपीएल-4,634 हैं। कुल अंत्योदय-3,481 हैं तथा कुल-अन्नपूर्ण-609

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