यह धरती हमारी माँ है- सरकार का सम्पति नहीं
18 दिसंबर को जब मैं खूंटी डीसी श्री राकेश कुमार जी से इस संबंध में बात कर रहे थे-इन्होंने बताया कि अपहरण का खबर मिला था। हम लोग सोच रहे थे कि लेवी के लिए अपहरण हुआ है तो कंपनी याने ठेकेदार के आदमी का हुआ होगा। लेकिन पता चला गांव के लड़के का भी हुआ है। जब हम को थोड़ी देर के बाद पता चला कि एक को छोड़ दिया, तो सोच रहे थे गांव के लड़के को छोड़ दिया होगा। लेकिन
पता चला कि ठेकेदार के आदमी को छोड़ दिया है। और गांव का गयाब है। डैम कौन बना रहा है, किसके द्वारा बनाया जा रहा है, क्यों बनाया जा रहा है, कहां बनाया जा रहा है, किसकी जमीन ली जा रही है, कितना बडा बनाया जा रहा है? इसकी जानकारी जिला प्रशासन को नहीं देना-अपने आप में अहम सवाल है। 65 करोड़ का योजना जब क्षेत्र में बनाया जा रहा है-आखिर इसकी जानकारी क्यों अधिकारियों तक नहीं दी गयी। यह आम ग्रामीणों का सवाल केवल नहीं है। यह सवाल राज्य व्यवस्था के उपर भी है। नेताओं के उपर भी है-कि आप जनता के प्रति कितने जिम्मेदार हैं। विकास का दिशा आप किस तरह तय कर रहे हैं, किसके लिए तय कर रहे हैं। इस पूरे घटनाक्रम एवं कारवाई से कई कडुवे सवाल छन कर निकलते हैं। यदि सत्ताधारी, राज्य व्यवस्वथा इसे नजरअंदाज करती है-तब यह तय है कि झारखंड राज्य का कोई भविष्य नहीं है।
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