देश के 60 प्रतिशत कोयले का उत्पादन झारखंड में होता है! राज्य के 10 जिलों में कोयला कंपनियों द्वारा 50,381 एकड़ सरकारी जमीन से कोयला खनन कर निकाला जा रहा है! इन कोयला खनन द्वारा प्राकृतिक की हरियाली तो समाप्त हो रही है, साथ ही खनन से पूरा इलाका प्रदुषित होता जा रहा है, कृषि संकट बढता जा रहा है! जल संकट से पूरा राज्य त्रस्त है! इन कोयला खदानों के कारण उतर झारखंड की सभी नदियाँ मर चुकी है ं!
इन कोयला कंपनियों से सरकार को करोड़ों राशि सालाना मिलता है, लेकिन सरकार न तो विसथापितों के विकास की निती पर काम करती है, न ही प्रदुषण रोकने की! सरकार को चाहिए, जितने भी प्रदुषित नदियाँ हैं-को प्रदुषित मुक्त करने की! इस दिशा में जब तक सरकार राज्य का विकास नीति नहीं बनाएगी--राज्य का विकास संभव नहीं है!
इन कोयला कंपनियों से सरकार को करोड़ों राशि सालाना मिलता है, लेकिन सरकार न तो विसथापितों के विकास की निती पर काम करती है, न ही प्रदुषण रोकने की! सरकार को चाहिए, जितने भी प्रदुषित नदियाँ हैं-को प्रदुषित मुक्त करने की! इस दिशा में जब तक सरकार राज्य का विकास नीति नहीं बनाएगी--राज्य का विकास संभव नहीं है!
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