Thursday, June 1, 2017

चिलचिलाती धूप , तपती धरती से जीना सीखे , घने जंगलों में एक एक बृक्छ अपना महल बना , खुला आकाश अपना सवर्ग बना


इतिहास गवाह है --सांप भालू , बिच्छुओं , बाघ -सिंहों से लड़ कर हमारे पूर्वजों ने इस धरती को आबाद किया है। जंगल झाड़ साफ किये , गॉँव बसाये , खेत बनाये , नदी --झरनों के साथ जीना सीखे ,जंगली जानवरों को अपना मित्र बनाये।  कंद --मूल , फूल पत्ते , घांस फुश अपना भोजन बना , चिलचिलाती धूप , तपती धरती से जीना सीखे , घने जंगलों में एक एक बृक्छ अपना महल बना , खुला आकाश अपना सवर्ग बना , सर्दी ,गर्मी ,जाड़ा ,बसंद ,बरसात सभी ऋतुएँ हमें अपने कोख में हमेँ पाला , बादलों की गर्जन , आकाश में कौँधते बिजली , मूसलाधार बारिश ने बीरों की तरह लड़ना सिखाया।  यही हमारा इतिहास , हमारा बिरासत ,हमारा पहचान है , इसे हम मिटाने नहीं देंगे। .हमारा संकल्प है।,,,,,हर हाल में लड़ेंगे ,,,,,,हार हाल में जीतेंगे 

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