Thursday, June 1, 2017

ना जान देंगे ---ना जमीन देंगे ,,,,,,लड़ेंगे ----जीतेंगे ,,,,

cnt act, spt act  एवं पाँचवी अनुसूचि के
 तहत गाँव के सीमा   भीतर  जो भी
 `संसाधन हैं,   एक एक इंच जमीन , गिटी , बालू ,  पत्थर , नदी , नाला ,  झाड़ , जंगल , पेड़ , पौधा , सभी गाँव   सामूहिक  संपति है , जिसका उपयोग पूरा गाँव  के साथ अगल बगल के गांव  के ग्रामीण "भी करते ,है ,
 गैर मजरुआ आम एवं  गैर मजरुआ खास जमीन , जंगल  झाड़ी  भूमि , टोंगरी  आदी अनाबाद जमीन का संरक्छक  सरकार है , इस जमीन का मालिक  सरकार  नहीं है ,  जब  सरकार मालिक नहीं ,  संरक्छक है ,,तब सरकार को जमीन बेचने का कोई अधिकार  नहीं है ,  लेकिन सरकार   ग्रामीणों के अधिकारों का वायलेशन ,,
 कर गाँव की सामुदायिक धरोहर ,,,जल जंगल जमीन , नदी , नाला ,  टोंगरी , झरना ,को ऑन लाइन कॉरपोरेट ,  पूँजीपतियों को  बेच रही है।  अगर इसे नहीं रोका गया तो -आने   वाले  पांच -   दस वर्षों में  झारखण्ड गाँव पूरी तरह गायब हो जायेंगे, गॉंव  की   सामाजिक ' आर्थिक , सांस्कृतिक , पर्यावर्णीय,  अस्तित्वा पूरी  मिट जायगी।  इसका  जगह लेगा  कॉरपोरेट की पूजी दवारा खड़ा  कंगकिरीट के   जंगल , कलकरखाना , खदान , मोल्ल ,  शहर,,,,,,
गांव वालों ने संकल्प लिया  है ,,,,,किसी भी कीमत  में हम अपने पूर्वजों का एक इंच जमीन लूटने नहीं देंगे ,,, ना जान देंगे ---ना जमीन देंगे ,,,,,,लड़ेंगे ----जीतेंगे ,,,,

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