किसने कहा हम बिकास बिरोधी हैं ???
हम चाहते हैं ---धरती का बिकास , पर्यावरण का बिकास
साष्ठेनेबल डब्लपमेंट , सबको शुद हवा मिले, शुद पानी मिले , शुद भोजन मिले, सबको आशियाना मिले ,,,,,,,हर खेत को पानी मिले , हर हाथ को काम मिले , हर भूखे को भोजन मिले , हर नगे को वस्त्र मिले , श्रीस्टी में जमीन पर रेंगने वाले चींटी , आकाश में उड़ने वाले पंछी , मिटी के भीतर जीने वाले प्राणी सबको न्याय मिले , सबके जिंदगी का सम्मान किया जाय ,,,यही हमारा बिकास का मोडल है ,,,,,,
जिस जंगल जमीन , नदी -नाला , झाड़
टोंगरी , पहाड़ , पारबत ,झील , झरना खेत , बारी , को हमारे पूर्वजों ने अपने खून से सिंचा , अपनी शहादत देकर इस धरती की रक्क्षा की १८ ५६ में भोगनाडीह में २५ हजार संताली आदिवासियों ने अंग्रेज सैनिकों के बन्दुक की गोली सीने में खाया , लेकिन पीठ दिखा कर नहीं भागे। १७ ०० दशक से अनवरत हमारे पूर्वजों ने अंग्रेजो की गुलामी से देश को आजादी दिलाने के लिए शहादत दर शहादत दिए। चेरो बिद्रोह , सरदारी लड़ाई ,कोल बिद्रोह , भूमिज बिद्रोह , से लेकर बिरसा मुंडा का उलगुलान किसके शहादत की बुनियाद पर खड़ी थी , सिर्फ और सिर्फ झारखण्ड के आदिवासी मूलवासी किसानों के बलिदान पैर,. आज हमारे पूर्वजों के खून से लत -पत, यह धरती पुकार रही है,,,,,देखो आजाद भारत के काले शासक ---साइनिंग इंडिया , स्मार्ट भारत , स्मार्ट झारखण्ड , स्मार्ट सिटी , डिजिटल इंडिया , डिजिटल झारखण्ड के नाम पर झारखण्ड एक एक इंच जमीन ,जंगल नदी ,पहाड़ ,झील ,झरना ,चरहागाह ,खेल मैदान , आदिवासियों के परम्परागत धार्मिक -ाधेयात्मिक अस्थल सरना , शासन दिरी , हड़गड़ी , मसना , अडिंग ओड़ा , मरांग बुरु , हुड़िंग बुरू , सरना सके , सेन होरा , बाजार डांड , जतरा पीडी , सहित तमाम जमीन को भूमि बैंक बना कर देश -बिदेश के पूंजीपतियों , कॉर्पोरेट बाजार को ऑनलाइन हस्तंतरण कर रही है। मोदी सरकार और झारखण्ड के रघुवर सरकार ने सी एन टी , एस पी टी एक्ट में संधोधन कर एक सप्ताह में जमीन देने का वादा किये हैं, तब हमारी जिम्मेदारी बनती है ,,,की अपने पूर्वजों की इस धरोहर को हम लूटने नहीं देंगे ,,,,हम हर साल ९ जून और ३० जून को अपने शहीदों के शहादत को याद कर शहादत दिवश मानते हैं,,हम शहादत दिवस केवल मनाएंगे नहीं ---लेकिन शहीदों के मार्ग चलेंगे भी ---चाहे जितनी भी शहादत देना पड़े ----मित्रो क्या आप लाइन में खड़े हैं -----अपने को जाँच करने का यही मौका है -------ना जान देंगे -----ना जमीन देंगे
लड़ेंगे ---जीतेंगे
आवाज दो ---हम एक हैं
हम चाहते हैं ---धरती का बिकास , पर्यावरण का बिकास
साष्ठेनेबल डब्लपमेंट , सबको शुद हवा मिले, शुद पानी मिले , शुद भोजन मिले, सबको आशियाना मिले ,,,,,,,हर खेत को पानी मिले , हर हाथ को काम मिले , हर भूखे को भोजन मिले , हर नगे को वस्त्र मिले , श्रीस्टी में जमीन पर रेंगने वाले चींटी , आकाश में उड़ने वाले पंछी , मिटी के भीतर जीने वाले प्राणी सबको न्याय मिले , सबके जिंदगी का सम्मान किया जाय ,,,यही हमारा बिकास का मोडल है ,,,,,,
जिस जंगल जमीन , नदी -नाला , झाड़
टोंगरी , पहाड़ , पारबत ,झील , झरना खेत , बारी , को हमारे पूर्वजों ने अपने खून से सिंचा , अपनी शहादत देकर इस धरती की रक्क्षा की १८ ५६ में भोगनाडीह में २५ हजार संताली आदिवासियों ने अंग्रेज सैनिकों के बन्दुक की गोली सीने में खाया , लेकिन पीठ दिखा कर नहीं भागे। १७ ०० दशक से अनवरत हमारे पूर्वजों ने अंग्रेजो की गुलामी से देश को आजादी दिलाने के लिए शहादत दर शहादत दिए। चेरो बिद्रोह , सरदारी लड़ाई ,कोल बिद्रोह , भूमिज बिद्रोह , से लेकर बिरसा मुंडा का उलगुलान किसके शहादत की बुनियाद पर खड़ी थी , सिर्फ और सिर्फ झारखण्ड के आदिवासी मूलवासी किसानों के बलिदान पैर,. आज हमारे पूर्वजों के खून से लत -पत, यह धरती पुकार रही है,,,,,देखो आजाद भारत के काले शासक ---साइनिंग इंडिया , स्मार्ट भारत , स्मार्ट झारखण्ड , स्मार्ट सिटी , डिजिटल इंडिया , डिजिटल झारखण्ड के नाम पर झारखण्ड एक एक इंच जमीन ,जंगल नदी ,पहाड़ ,झील ,झरना ,चरहागाह ,खेल मैदान , आदिवासियों के परम्परागत धार्मिक -ाधेयात्मिक अस्थल सरना , शासन दिरी , हड़गड़ी , मसना , अडिंग ओड़ा , मरांग बुरु , हुड़िंग बुरू , सरना सके , सेन होरा , बाजार डांड , जतरा पीडी , सहित तमाम जमीन को भूमि बैंक बना कर देश -बिदेश के पूंजीपतियों , कॉर्पोरेट बाजार को ऑनलाइन हस्तंतरण कर रही है। मोदी सरकार और झारखण्ड के रघुवर सरकार ने सी एन टी , एस पी टी एक्ट में संधोधन कर एक सप्ताह में जमीन देने का वादा किये हैं, तब हमारी जिम्मेदारी बनती है ,,,की अपने पूर्वजों की इस धरोहर को हम लूटने नहीं देंगे ,,,,हम हर साल ९ जून और ३० जून को अपने शहीदों के शहादत को याद कर शहादत दिवश मानते हैं,,हम शहादत दिवस केवल मनाएंगे नहीं ---लेकिन शहीदों के मार्ग चलेंगे भी ---चाहे जितनी भी शहादत देना पड़े ----मित्रो क्या आप लाइन में खड़े हैं -----अपने को जाँच करने का यही मौका है -------ना जान देंगे -----ना जमीन देंगे
लड़ेंगे ---जीतेंगे
आवाज दो ---हम एक हैं
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