Tuesday, October 18, 2011

आप सभी शुभ चिन्तक ..भी सोचें की ...आखिर हम झारखण्ड को..आदिवासी..मूलवासी..किसान..समाज को कंहा ले जाना चाहते हैं..और इनको कौन सा दिशा देना चाहते हैं..?



आदिवासी समाज के बधिजिवियों, चिंतकों, जनसंगठनो के ....लिए एक सबक
साथियों आदिवासी अस्तित्व रक्षा मंच का गठन..२००६ में उस समय किया गया..जब झारखण्ड बिधान सभा और लोक सभा सीट को चुनाव आयोग द्वारा delimitation karne की कोशिश की जा रही थी. तब झारखण्ड के कई जानसगठन , लोकतंत्र पर बिश्वास करने वाले राजनीति पार्टी , सामाजिक संगठन, सामाजिक कार्यकर्ताओं को बुला कर रांची के एच .पी .डी सी में बुलाया गया था...चुनाव आयोग झारखण्ड के २८ अरक्षित सीट को घटा कर २१ और ४ आरक्षित सीट को घटा कर ३ करने का घोषणा किया था..इसको रोकने के लिए ..आदवासी अस्तित्व रक्षा मंच का गठन किया गया था. और चुनाव आयोग द्वारा घोषित नीति के खिलाफ संघर्ष भी किये..जब मित्तल कंपनी..खूंटी जिला के तोरपा, रनिया और गुमला जिला के कामडारा प्रखंड के गाँव का जमीन स्टील प्लांट के लिए अधिग्रहण करना चाहा तब..आदिवासी अस्तितत्व रक्षा मंच के बेनर से ..सर्ब्सह्मती से ..बिस्थापन के खिलाफ संघर्ष को बढाया गया..२००८ में. आन्दोलन के क्रम में महसूस किया गया की..बेन्नर का नाम आदिवासी मूलवासी अस्तित्व रक्षा मंच किया जाय..ताकि सभी..समुदाय के अस्तित्व का बोध हो सके. इस सोच के साथ ..सर्ब सहमती से ..जून २००८ में बेन्नर का नाम आदिवासी मूलवासी अस्तित्व रक्षा मंच रखा गया..बिदित हो की ..मंच का केंद्रीय कमिटी का गठन ..किया गया..प्रखंड में भी कमिटी बनी...पंचायत को भी जिमेवारी दे गयी..इसके पहले..२००६ से ही कंपनी के खिलाफ आन्दोलन शुरु किया गया..जमीन बचाव संगठन के बेन्नर से. केवल कर्रा प्रखंड .बाद में जब कंपनी तोरपा..रनिया और कामडारा इलेके का जमीन भी चिन्हित किया ..तब आन्दोलन को ..जमीन बचाव संघठन कर्रा के साथ मिल कर तोरपा, रनिया, कामडारा प्रखंड में दिन -रात मेहनत का बिस्तर किया गया. और आन्दोलन को मजबूती देने के लिए..सभी प्रखंडो को जोड़ दिया गया . इस तरह से आदिवासी मूलवासी अस्तित्व रक्षा मंच को खड़ा किया गया. ..झारखण्ड के सभी शुभ चिंतकों, जल जंगल जमीन, प्रकृति के पुजारियों, प्रयावरण के शुभ चिंतकों, झारखण्ड केभाषा संस्कृति के शुभ चिंतकों को आदिवासी मूलवासी अस्तित्व रक्षा मंच बधा ई देती है की..६ सालों से दिन-रात के प्रयास , आप सभों के सहयोग, प्यार, सेन्हे से ...आज तक ..इस इलाके को उजाड़ने ऩे..बचाया जा सकता है...और मंच..बचनबद है...नारा दिया है..हम किसी भी कीमत में अपने पूर्वजों का एक इंच जमीन नहीं देंगे...जंगल जमीन नदी पहाड़ गाँव समाज के साथ हम..भाषा-संस्कृति की रक्षा के लिए हम बचनबद हैं..
लेकिन..हमें दुःख भी है की..डी बी एस एस के सहयोग से..आदिवासी मूलवासी अस्तित्व रक्षा मंच -केन्द्रेय कमीटी का गठन कब किया गया..मंच के प्रबुद्ध..समर्पित..साथियों को..इसकी कोई जानकारी नहीं है..इसकी जानकारी..हम सभी साथियों को तब हुवा..जब हमारे हाथ में..१९ अक्टोबर २०११ को ..कामडारा के कूदा बगीचा में आदिवासी मूलवासी अस्तित्व रक्षा मंच..का सम्मलेन आयोजन ..करने ..का नोटिस है ..मुझे यह नोटिस ..१७ अक्टोबर को कोरको टोली गाँव में संगठन का मीटिंग में साथियों ऩे दिखाया..बताये..कल डी बी एस एस के स्टाफ आये थे..बोले..यह कार्यक्रम रखा गया है..इसमें आना है. साथियों ऩे सवाल भी किया..की आप डी बी एस एस के लोग उतना दिन कंहा थे..जब हम लोग दिन-रात संघर्ष कर रहे थे..मंच के साथियों..को जवाबमिला ..की दीदी को तो कई मीटिंग में..बुलाये लेकिन नहीं आती है..
मै इस बात को यंहा इस लिए रख रही हूँ..की ..हम एक तरफ आदिवासी समाज का रोना रोते हैं..एक साथ आने की बात करते है..संगठित होने का आह्वान करते हैं...लेकिन..हम..समाज के प्रति कितना बिस्वस्त हैं..?...यह सवाल...सबसे बड़ा सवाल है...मै ..नोटिस की कोपी..भी आब से सामनेरखना चाहती हूँ...तभी..आप सभी शुभ चिन्तक ..भी सोचें की ...आखिर हम झारखण्ड को..आदिवासी..मूलवासी..किसान..समाज को कंहा ले जाना चाहते हैं..और इनको कौन सा दिशा देना चाहते हैं..?????
यह सन्देश तब मै आप को लिख रही हूँ ...जब आज..१९ -१०-२-११ को कूदा मैदान में ..आदिवासी मूलवासी अस्तित्व रक्षा मंच का सम्मलेन के लिए ..मैदान में माइक अदि बंद रहे हैं..
जो सूचना जो..बंटा गया है..इसका मजमून ये है..

आदिवासी मूलवासी अस्तित्व रक्षा मंच के क्रन्तिकारी साथियों,
झारखंडी जोहर
आप सभो को सूचित किया जाता है की दिनांक १९-१०-११ बुधवार को ११ बजे दिन में कामडारा प्रखंड के कूड़ा बगीचा में बिराट आम सम्मलेन रहा गया है..इस बैठक में नीमिन बिसयों पर चर्चा कियाजायेगा..
१-बिस्थापन पुरंवास नीति २०११ पर
२-छेत्रिय समस्या पर
३०.सलहाकार समिति का बिस्तर..
४ .संगठन के मजबूती के संबंध में
५. अन्य
अत. सभी प्रखंड के क्रन्तिकारी साथियों से आग्रह है की अधिक से अधिक संख्या में आ कर इस सभा में समिल्लित हों
स्थान- कूदा बगीचा..
समय- ११ बजे दिन
दिन- बुधवार..

सचिव -शिवशरण मिस्र -आदिवासी मूलवासी अस्तित्व रक्षा मंच
केन्द्रीय कमिटी...
१३.१०.२०११

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