Sunday, October 16, 2011

अब हम सभों की जिम्मेवारी है की..डॉ. मुंडा जी के सपनों और अधूरे कामों को मिल कर पूरा करे...तभी..हम उन्हें सची स्राधांजलि दे सकते हैं..

डॉ रामदयाल मुंडा जी...झारखण्ड के भाषा-संस्कृति और इतिहास को बढ़ाने का काम किये..इन्होने झारंखंड के नायकों का इतिहास..बोध, आदिवासी चेतना को बिकसित करने का काम किये..इन्होने ऐसा काम किये शायद..किसी ऩे इस दिशा में सोचा भी नहीं था..है..इन्हों ऩे ..झारखण्ड के पहला आदिवासी नेता..जयपाल सिंह मुंडा, झारखण्ड में इतिहासकार डॉ. कुमार सुरेश सिंह और झारखण्ड के .निसवार्थ..से लैश और झारखण्ड की माटी की सुनाग्ध राजनीतिक चेतना से लैश .श्री निरल एनेम होरो..के नाम पर रांची शहर में पथल गाड़ी करने का योजना बनाये..इन तीनों के नाम पर खूंटी जिला के चलेगी में १८-१८ फिट का पथल कटवा कर रखे हैं..यह काम..इन्होने २०१० में ही किये हैं..मुंडा जी की पत्नी अमिता मुंडा ऩे बताई..की जयपाल सिंह मुंडा के नाम पर.पथल गाड़ी के लिए .रांची के जयपाल सिंह एस्ड़ेदियम में जगल भी चिन्हित कर दिये हैं. डॉ, कुमार सुरेश सिंह के नामपर ..डिपार्टमेंट में गाड़ने की योजना थी..श्री एनी होरोजी का ..कंहा तय किये थे..वो बता नहीं पाए..
इनके निधन के बाद जब मुंडा जी के नाम पथल गाड़ी करना हुवा..तब इसी में से एक को..उनके नाम पर कर दिया गया..इसलिए की समय बहुत काम था..अब हम सभों की जिम्मेवारी है की..डॉ. मुंडा जी के सपनों और अधूरे कामों को मिल कर पूरा करे...तभी..हम उन्हें सची स्राधांजलि दे सकते हैं..

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