Sunday, October 16, 2011

मै अपने गली में जैसे ही पहुंची सामने इमली और सागवान के पेड़ से सूरज की किरने टकराते हुए मेरे आँख से टकरा रही हैं..

घडी का मिनट सुई..चार से सरकते हुए ९ पर आ गया है
हलकी ठंढ महसूस हो रही है
बहार अभी अंधकार पूरी तरह छटा नहीं है.
क्लब रोड में रांची रेलवे स्टेशन से आने वाले
कई यात्री रिक्सा से इस रोड से गुजर रहे हैं
मोर्निंग वक में जाने वाले एक-दो जवान
भी नजर आ रहे हैं
रोड में bhari ट्रक भी ख़ाली रास्ता पा कर
सरपट भाग रहा है
सुजाता चौक अभी सुनसान ही है
रांची क्लब बिल्डिंग के सामने एक
कुतिया मेरे सामने खड़ा होकर
हूँ हूँ हूँ कर रही है
मै पूछी क्या हुवा..बोलो ?
मुझे जवाब देती- इसके पहले ही
रोड के उस पर से ३-४ कुते आ धमके
मै और वो समझ पते तब तक
उन कुतों ऩे उस पर हमला बोल दिया
कुतिया..पूंछ नीचे झुकाए
भाग खड़ी हुई
मै उनकी और घूम कर केवल देख रही थी
की कंही कुते..उनको नोच ना लें
लेकिन कुतों ऩे ..उसे कटा नहीं
रहम किया और छोड़ दिया
आगे बस स्टैंड में २०-२५ यात्री खड़े हैं
लेकिन नहीं पता की ये कंहा कंहा जाने वाले हैं
अभी यंहा एक भी बस नहीं है
सभी अपना अपना गंतब्य के लिए इंतजार में हैं
यंही से..सिमडेगा..मनोहरपुर..चैबासा..गुमला..रुट
से लिए बसें निकलती है
ओवेर्ब्रिज़ में ४-५ ओटो मिनीडोर खड़ा
यात्रियों का इंतिजार कर रही है
रेलवे स्टेशन से आने वाले यात्री भी
यंही ओटो पकड़ते हैं
राजेंद्र चौक में एक दो यात्री खड़े हैं
कुछ लोग हाई कोर्ट की और से
पैदल आ रहे हैं..शहर के अधिकांश लोग
बी एम्म पी मैदान मोर्निंग वक के लिए आते हैं
महिला-पुरुष सभी पैदल चलते मिलेंगे
बी एम्म पी मैं गेट में सिर्फ दो ही संत्री हैं
हाई कोर्ट चौक पहुंचते ही झारखण्ड का
आह्साश होता है..की अब मै झारखण्ड के गाँव में हूँ
रात की गहरी नीद से koua. .मैना, गौरिया , तोता , गिलहरी,
सभी जग गए हैं
सभी एक साथ अपनी अपनी बात कह रहे हैं
कँव कँव ..जीं जी , गूं गूं ..पूरा वातावरण चिडियामय
हो गया है ..५ मिनट तक मै उन लोगों के बोलियों
गीतों और सुर में गोत्ता लगाते रही
हाई cort के ऊपर गोलाकार गुम्बंद में
दुधिया रंग की लाइट जल रही है
रोड में हलकी रौशनी है
अब सुबह का उजाला भी...
रोज एक बुजुर्ग के साथ एक काली
बिदेशी कुतिया भी मोर्निंग वक में आती है
और दिन दोनों अलग अलग चलते हैं
आज मालिक ऩे उनका गला का बेल्ट को थमा हुवा है
रांची शहर रोज नए नए पोस्टरों से सजता रहता है
कल तक सभी चौक चौराहों में दूसरा पोस्टर था
आज कंही जिंदल कम्पनी का, कंही इस्पात इंडस्ट्री का
कंही..आमिर खान का कंही..सोना-चाँदी का, कंही -नए दुल्हन-दुल्हिन का
बड़ा बड़ा पोस्टर आई जी ऑफिस के सामने..बी एम्म पी के दीवारों
पर सजा हुवा है
बन भवन के गेट में हरा बेन्नर लहर रहा है..लिखा है
बन प्राणी सप्ताह -२००११ , बन्य प्राणियों के सुरक्छा के लिए आप से सहयोग की आपील है
इसे देख मन..परेशासन है..एक ओर झारखण्ड सरकार
१०४ कंपनियों के साथ एमं वो यू कर ली है
पूरे झारखण्ड में खदान खोलने, कारखाना बनाने, डैम बनाने, शहर बसाने , बड़ा बड़ा मोल बनाने
और क्या क्या बनाने के लिए..
इसे झारखण्ड का बचा-खुचा पूरा जंगल उजाड़ जायेगा
खेत-खलिहान-नदी-नाला- गाँव सभी उड़ेंगे .
तब..बन बिभाग का यह बेन्नर ..किस काम का ?
मछली घर के गेट के बगल में काली मंदिर के
दरवाजा में कई लोग माथा टेक रहे हैं
वंही सामने देवेन्द्र माझी का आदम कद मूर्ति चुप-छाप
अकेला खड़ा है -जो झारखण्ड में सारंडा -कोल्हान इलाके
का जंगल बचाने की लड़ाई लड़ते .जंगल माफियाओं ऩे
गोलियों से भुन दिया गया..जो झारखण्ड के लिए सहीद हुवा
दो बचियाँ आगे आगे जा रही हैं..
रोड के किनारे जो भी कागज -कूट का
टुकड़ा पड़ा हुवा हैं..प्लास्टिक बोरा में भरते
जा रही हैं ..इनकी निगाह सिर्फ ..संकड़ के किनारे
फेंका ..कचडों के बीच पड़ा कागजों और
प्लास्टिक..सीसी.लोहा के टुकड़ों पर है
बोरा --इतना बड़ा हो गया है की दोनों बचियों
के कंचा के ऊपर सर तक आ गया है..याने
बचियों की लम्बाई से बोरा की लम्बाई बढ़ते जा रही है
सामने से रदी सामान खरीदने वाले
दो ठेला वाले आ रहे हैं बांये ओर से
दोनों बचियाँ बोये और सड़क पर कर
ठेला वाले से पूछ रही हैं,,कूट कैसे किलो लीजियेगा
ठेला वाला..५ रूपया में लेंगे ..
बच्ची ..६ रूपया में बेचते हैं हम लोग
ठेला वाला..५ रूपया में ही लेंगे
बच्ची -कूट ठेला में रख देती है
ठेला वाला मुस्कान के हाथ --५ रूपया का सिका रख दिया
मै भी उनके पास आ गयी थी..
वंही उनकी सहेली..मधु खड़ी थी..
शायद इनके पास ठेला वाला के पास बेचने जैसा सामान--
नहीं था..
मै दोनों बचियों से बात की..स्क्कूल जाती हो?
दोनों जवाब दी..नहीं..
डोरंडा से कडरु तक बने ओवेर्ब्रिज़ में कौए झुण्ड के झुण्ड
दाना चुग रहे हैं..रात को isi सड़क से कई गाड़ियाँ
गेंहू और चावल बोरियों में लाद करले जाती है
दाना बोरियों से गिर गया है
पूरा ओवेर्ब्रिज़ पर्यवार्निये जिवान्शैले से सिंगार किया गया है
सभी तरह के जंगली जानवर..पानी में रहने वाले जीवों
से ..आदिवासी..मूलवासी-किसानों के जीवन शैली पूरा ब्रिज में अंकित है
सामने शहर में बड़े बड़े मोल..बिग्ग बाज़ार..रांची का सबसे बड़ा ५ स्टार होटल
मैं रोड में वापस सुजाता चौक के पास कई
साईकिल में लादे कोयला बोरियों को
धकेल कर ले जाते लोग..बेचने के लिए..
सरकार और बिजली बोड कहते हैं..
कोयला की कमी के कारण ..बोकारो थर्मल
और तेनु घाट थर्मल पवार प्लांट , और पतरातू थर्मल पवार प्लांट
में -जितना बिजली उत्पादन का टार्गेट था
नहीं हो रहा है..
और ये जो बोरा में बेचने आये हैं इन्हें सरकार चोर
मानती है..पुलिस पकडती है इन्हें ..जेल भेजती है
लेकिन पूरा झारखण्ड का कोयला..पूरे देश में
नेता..मंत्री, अधिकारीयों और माफियाओं द्वारा भेजा जा
रहा है..ये चोर नहीं हैं..राज के लुटेरे नहीं हैं..
इस कोयला खदान से लाखो लोग बिस्थापित हो गए हैं..
आज ये बिस्थापित कंहा हैं..किस हाल में हैं
ना तो सरकार तो यह जानना चाहती है
और ना ही नेता, मंत्री ..
इसी लिए हम लोगों ऩे नारा दिया है..
अब और कोई बिस्थापन नहीं
अब हम अपने पुरजों की एक इंच जमीन नहीं देंगे
क्लब रोड में ठेला में चाय बेचने वाले चूल्हा जला रहे हैं
नगीना..ब्रिटिश लाइब्रेरी के गेट के बगल
गोस्सनर कॉलेज के सामने
चुला जला रहे हैं..
पत्नी..आलू छिल रही है
मेरा होटल का सटर भी उठ चूका है
अन्दर आदिवासी समाज के शुभ चिन्तक, लेखक, सामाजिक
कार्यकर्ता श्री अतवा मुंडा ट्रे में गुलाब जामुन मीठा
सजा रहा है
मै लाल चाय पीना चाही
एतवा बोला.बोहनी नहीं हुवा है..अन्दर..रस्वाई में
जा कर मिस्त्री लोगो के साथ पी सकते हैं
मै मिस्त्री लोगों के साथ चाय पीई
दीपावली आने वाला है..कौन कौन आप लोग घर जायेंगे
मै अपने होटल संभाल रहे साथियों से पूछी..
सिर्फ भोद्रो ऩे कहा ..हम २५ को जायेंगे ४_५ दिनों के लिए
मन में संतोष लगा..की काम चलता रहेगा
मै होटल से अपना घर के लिए निकली
सामने मेरा गली से एक लड़की साईकिल पर
आगे पेपर..पीछे पेपर --लेकर आ रही है
मैंने रोका..क्या नाम है बेटी
शोभा...पिता का नाम मोहन..
किस क्लास में पढ़ रही हो..रांची विमेंस कॉलेज में..फास्ट इयर में
मै गदगद हूँ..मै उनका पीठ केवल थाप् थापा सकी
मै अपने गली में जैसे ही पहुंची
सामने इमली और सागवान के
पेड़ से सूरज की किरने टकराते हुए
मेरे आँख से टकरा रही हैं..
चाँद अब पछिम दिशा में सरकता जा रहा है
सूरज ऩे चाँद को गुड आफ्टर नून किये
और चाँद ऩे सूरज को गुड मोर्निंग किये
मै अपने घर के दरवाजे में पहुची..
नेल्सन नहाने जा रहा है
लाली.-कुतिया .दरवाजे में बैठी है..
मैंने लाली को गुड मोर्निग बोली .
लाली
पूंछ हिला कर ..गुड मोर्निंग की

date..17 octo. 2011..time..10 am

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