तीस सितंबर सरकार से वर्ता
स्थान-प्रोजक्ट भवन
समय-5 बजे
उपस्थित-मुख्यमंत्री श्री हेमंत सोरेन
मुख्य सचिव-श्री सुखदेव सिंह
ग्रह सचिव-श्री जेबी तुबिद
उद्योग निदे’ाक-श्रीमति बंदना दादेल
लेबर कमि’नर-
श्री बसंत
इलोक्ट्रो स्टील-सीएमडी-श्री उमंग केजरीवाल
श्री सत्येंद्र
श्री मोटी
विस्थापितों की ओर से-श्री अरूप चटर्जी विधायक-निरसा
-निताई महतो-रैयत
-वाकिल-रैयतों का
-दयामनी बरला
बैठक में मुख्यमंत्री श्री हेमंत सोरेन जी ने कहा-आज यहां बोकारों में इल्केट्रोस्टील द्वारा कंपनी के लिए जमीन अधिग्रहण किया है साथ में कोयला माइंस भी चला रहा है। इसमें रैयतों के साथ जो दिक्कतें आ रही हैं-उसके संबंध में हम लोग बैठे हैं। समस्यों को रखेंगे -समझेगें और उसका हल किस तरह निकाला जाए -इस पर बिचार किया जाएगा।
श्री अरूप चटर्जी ने रैयतों की बातें रखना शुरू किये। बोलें-उद्योंग निशचित रूप से लगे ताकि विकास हो। इलेक्ट्रो स्टील कंपनी प्लांट के लिए 2200 एकड़ जमीन ले ली है। इसमें काफी रैयती जमीन है, कुछ सरकारी जमीन है, कुछ वन विभाग का जमीन है।
रैयती जमीन-को कंपनी ने अपने नाम से नहीं खरीदा, एक्स, वाई, जेड के नाम से जमीन रजिस्ट्री करवा लिया और बाद में इस जमीन को उत्क खरीददारों ने कंपनी को बेच दिया। जब रैयतों से जमीन लिया गया-तब रैयतों को बताया भी नहीं गया कि यहां करखाना बनाया जाएगा। यह इस जमीन को स्टील प्लांट बैठाने के लिए लिया जा रहा है।
जमीन खरीदने वाले दलालों ने रैयतों से जो जैसा सका जमीन का कीमत भुगतान किया। कुछ रैयतों को जमीन का कीमत 500, कुछ को 800 रू, कुछ को 1200 रू प्रति डिसमिल भुगतान किया गया, 2005-5-6 में। जबकि उस समय जमीन का सरकारी दर 8000 रू डिसमिल तक था।
विधायक-रैयतों को बेवकुफ बना कर जमीन लिया गया। कुछ लोगों का जमीन वैसे ही कब्जा कर लिया-जब कि जमीन मालिक जमीन देना नहीं चाह रहा था-फिर भी जबरन जमीन कब्जा कर लिया, इस जमीन का अब तब एक पैसा भी नहीं दिया रैयतों को।
भगाबांध गांव फैक्ट्री के भीतर है। गांव वालों को बाहर आने-जाने में बहुत कठिनाई हो रही है। इन लोगों के साथ बहुत अनावीय व्योहार किया जा रहा है। एक टोला को पूरी तरह से बंद करके रखा है।
रैयतों को नौकरी देने की बात की थी-नही ंदे रहा है। जिन लोगों को नौकरी में रखा है बहुत कम मजदूरी दिया जा रहा है। 5000 तक दे रहा है। जो काम कर रहे हैं-उनको बीएसएल का वेतनमान दिया जाना चाहिए।
जिन रैयतों का जमीन ५००० रूपया , 800 रूपया। 1200 रूपया डिसमिल लिया गया है -रैयतों को बर्तमान सरकारी रेट में -18ooo -20000 रूपया डिसमिल के रेट से जमीन का कीमत दिया जाय
हम लोगों ने बात रखी-जिन लोगों ने जमीन देना नहीं चाहा-उन लोगों को फरजी मुकदमा में फंसा दिया गया है। रैयत जितने बार अपने खेत में जाते हैं-उतना बार केस कर दे रहे हैं। यहां इन बातों को भी देखना होगा-कि जिनके पास मात्र 10 डिसमिल था वहीं उनका सब कुछ था, उनकों भी नौकरी देना होगा-इसलिए कि वही उनका जिंदगी था। दूसरी बात है-रैयतों का मांग है-कि जिन रैयतों को जमीन गया उनको नौकरी में पहला प्रथमिकता, दूसरा-जिनका बहुत कम जमीन गया-उनको भी नौकरी मिले, तीसरा-जिनका जमीन नहीं गया है-लेकिन वह कंपनी स्थापित हुआ है-उस इलाके को तो उनको भी नौकरी देना है। उसके बाद बाहर के लोगों को देना है।
इन बातों को विधायकजी के रखने के बाद-मुख्यमंत्री श्री हेमंत जी इन्हीं बिंन्दुओं पर अपनी बात रखे।
इन्होंने इल्केट्रस्टील के प्रतिनिधियों से पूछा-कितना जमीन अधिग्रहण किये हैं?
कंपनी के लोंग-2400 एकड़ लिये हैं
सीएम-जमीन कंपनी के नाम से रजिस्ट्री किये हैं? या व्यक्ति के नाम पर?
कंपनी -सर कंपनी के नाम पर
अरूप और मैं - नहीं कंपनी के नाम पर नहीं किये हैं-व्यक्ति के नाम पर किये हैंं
कंपनी-नहीं सर कुछ कागजात दिखाते हुए-कंपनी के नाम से
हम दोनों-नहीं व्यत्कि के नाम से किये हैं-हम लोगों के पास व्यत्कि के नाम प्लेन पेपर पर किया हुआ विक्री डीड है
सीएम-अधिकारियों को-आप इसका सत्यपन कराइ्रये, जिनता जमीन लिया है सबका
बंदना दादेल-इसमें से एक सौ उनचालीस एकड़ वन भूमिं है-इसका केस अभी हाई कोर्ट में है।
कंपनी-सर हम लोगों के उपर तो तीन-चार केस कर दिया गया है
बंदना दादेल-हां आप लोगों को तो अभी प्रदुषण नियंत्रण बोर्ड से एनओसी भी शायद यद नहीं हुआ है
सीएम-हां प्रदुषण बोर्ड को एनओसी नहीं मिला है?
कंपनी-जी सर अभी प्रोसेस में है
सीएम-अधिकारियों को-देख लीजिएगा कंहा तक पहुंचा है
सीएम-सीसीएल का मामला तो बहुत पुराना है-लेकिन यह मामला तो अभी का है। गैर मजरूआ जमीन रजिस्टड ही नहीं होता है
जे0बी0 तुबिद-जंगल-झाड़ी जीमन पर जो एक सौ उनचालीस एकड़ है, उस पर हाई कोर्ट में केस है। वन भूंमि 477 एकड़ है। बाकी रैयती जमीन है।
सीएम-इसको चेक कर लीजिएगा
सीएम-कितने इमप्लोयी हैं-?
कंपनी- 1170 हैं
तीन एकड़ वाले रैयत 517 हैं। तीन एकड़ से कम जमीन वाले कितने हैं? इसका का जवाब किसी ने नहीं दिया
सीएम-2007 से आप लोग वहीं काम कर रहें हैं, पहले तो लोकल समस्य को हल करना चाहिए था। आप लोगों ने मिडिल मैन के नाम पर जमीन रखीदे, कोई अनडस्टेंडिंग नहीं हैं। रैयतों को अंधेरे में रख कर जमीन लिये आप लोग।
कंपनी-2011 में शुरू करने वाले थे-लेकिन नहीं हुआ-कारण कि चैना के लेबर हैं, बीच में वापस चले गये थे और समय पर वापस नहीं आये। दूसरा समस्या फाईनान्स का भी है।
सीएम-आप लोगों को प्रदूषण बोर्ड से एनओसी भी नहीं मिला है
कंपनी-जी सर नहीं मिला है, इसके लिए हम लोग कोर्ट गये हैं लेकिन अभी तक नहीं हुआ हआ
अधिकारी-वन विभाग का कहना है कि वन भूमिं है तो इसमें इंडस्ट्री नहीं लगा सकते हैं। प्रधान सचिव को पूछा गया है-यह वन भूमिं है यह नहीं स्पष्ट करें। अधिकारियों ने बताया-वन विभाग इस मामले को लेकर सुपी्रम कोर्ट गये हैं।
सीएम-आप को कोयला मांइस चल रहा है? लीज हुआ है?
कंपनी के अधिकारी-लीज क्लीयर नहीं हुआ है। इसके लिए भी कोर्ट गये है-अभी तक क्लीयर नहीं हुआ है, अभी मामला सुप्रीम कोर्ट में है।
सीएम-अभी माइ्रनिगं चल रहा है?
कंपनी-जी हां चल रहा है, यदि लीच नहीं देगें तो दिक्कत होगा
सीएम-भगाबांध गांव फैक्ट्री के भीतर है?
कंपनी नहीं फैक्ट्री के कोरनर में है
हम दोनों-नहीं नहीं कोरनर में नहीं है-फैक्ट्री के भीतर ही है
सीएम-अधिकारियों को आप इसका जाच कीजिए
सीएम-आप लोगों का पूनर्वास और पूर्नास्थापन नीति है?
कंपनी-जी नहीं है
सीएम-ये कैसे होगा! आप अपना पूनर्वास और पूर्नास्थापन नीति बना लीजिए। आप को क्या नियम-कानून है, क्या पाॅलेसी है विस्थापितों के सामने अपना स्वेत पत्र जारी कीजिए। आप यह काम शुरू में ही करना था। इसी लिए दिक्कत हो रहा है। और आप एैसा नहीं कीजिएगा तो हमेशा आप को इस तरह के समस्याओं को फेस करना होगां ।
अरूपजी-देखिये इन लोगों ने हमारे उपर केस कर दिया हें, दयामनी जी के उपर भी केस किये है। कंपनी वालों से पूछा-आप बताइये कि दयामनी जी कहां तोड़-फोड़ की हैं । दयामनी जी तो सिर्फ 2 घंण्टा वहां था-भाषण देकर चली आयी, और आप लोग इन तोड़ फोड़ को अरोप लगाये हैं।
सीएम-ये बहुत बड़ा गलत काम आप लोग कर रहे हैं(कंपनी वालों से), मतलब सरकार के लोगों को भी आप मिला लिये हैं-तब ही आप के कहने पर पुलिस प्राशासन इन लोगों पर एफ0 आई0 आर कर रहा है। एैसा नहीं चलेगा
सुखदेव सिंह-आप लोगों ने तो अपने लिए थाना भी बैठा लिये हैं! (कंपनी वालों से)
सीएम-हां अपने लिये थाना बैठा लिए हैं? अधिकारी हाॅं इन लोगों ने अपने फैक्ट्री के गेट में सियालजोरी थाना को बैठा दिये हैं।
सीएम ने आदेश दिये-
1-2007 से आज तक रैयतों पर जो भी केस किया गया है -उसका सूची मंगवाइये
2-लेबर कमि’नर को आदेश -सरकार दर क्या है-सूची तैयार करो
-रैयतों का जमीन -जो कंपनी ली है-उसका सूची, रजिस्ट्री कागजात सहित एकत्र करो
4-कंपनी को-आप का आर0 आर0 पोलेसि क्या है-नियम-कानून क्या बनाये हैं-रैयतों के सामने स्वेत पत्र जारी कीजिए
5-कंपनी कोयला कहां बेच रहा है-पता कीजिए
6-भगाबांध गांव का जायजा लिया जाए
नोट-फिर से रिवियू करेगें
बहर निकल कर-रैयतों को सीएम श्रे हेमंत जी ने कहा-आप लोगों के समस्याओं पर लंबी बता-चीत हुए। मैं आप लोगों के साथ हूुं, आप लोगों के सारी समस्योओं को हल किया जाएगा।
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