यह है इलेक्ट्रो स्टील प्लांट -- कंपनी ने २४०० एकड़ जमीन क़ानूनी तरीके से रैयतों से ले लिया है
यह है भागाबंध गाव का अंसारी टोली -जिसको इस तरह से कैद कर रखा है -अंग्रेजों से भी ज्यादा जुल्म कंपनी कर रहा है - इसकी जानकारी मुख्यमंत्री श्री हेमंत सोरेन को ३० सितम्बर को वार्ता के समय दिया गया-इस पर कंपनी के सी एम डी और कंपनी के दूसरे अधिकारीयों ने इंकार किया -की अंसारी टोला के साथ ऐसा कुछ भी नहीं किया गया है
इलेक्टो स्टील ने भगाबांध गांव के जमीन को भी कब्जा कर लिया है। रजवार टोला, महाता टोला, अंसारी टाली पूरी तरह से करखाना के भीतर कैद है। अंसारी टोला के लोग जहां से बाहर-अंदर आते -जाते थे, उनका रास्ता को पूरी तरह से बंद कर दिया गया है। रास्ता को मोटा लोहा का गेट से बंद कर बाहर से बिजलीचलित कांटानुमा तार लगा दिया गया है। जब कोई भी व्यत्कि उस गेट के पास पहुंचता है-आंदर कैद ग्रामीण दौड़ कर गेंट के पास आते हैं और अपनी पीड़ा का बयान करने लगते हैं। उनके आंखों में न्याय की गुहार करते नजरें और उनके दर्द भर दस्तान दिल को झकझोरने लगता है। 25 सितंबर को जब हमारी टीम गांव देखने पहंुची-ग्रामीणों ने अपने खेत से होते हुए उस गेट में ले गये-जहां ग्रामीणों ने कंपनी को भागाबांध के ग्रामीणों के अंदर-बहर आने जाने के लिए खुला रखने के लिए अग्राह कर रास्ता छोड़वाया है। मुझ से आगे उसी बस्ती के लड़के करखाना के उस गेट तक पहुंचे। 5-6 की संख्या में लड़के थे। सिक्यूरिटी वालों ने उन लड़कों को अंदर जाने से रोकने लगे। तब सिक्यूरिटी और युवकों में तू-तू मैं-मैं होने लगी। मैं गेट पर पहुंची। मुझे देखते ही एक अधिकारी ने कहा-मैडम आइये। यह कहते उत्क अधिकारी मेंरे साथ साथ चलने लगे। मुझ से आगे आगे दा हिंन्दु के रिपोटर तथा फोटोग्राफर दो-तीन लड़को के साथ जा रहे थे। अंसारी टोला के बंद गेट के पास पहुंचते ही रिपोटर और फोटोग्राफर अंदर बस्ती से भागे भागे गेट में पहुंचे ग्रामीणों से बातें करने लगे। फोटोग्राफर फोटो खिंचने लगा। इसको देखते ही साथ चल रहे अधिकारी मुझ को छोड़ कर उस गेट के पास दौड़ते पहुंच गये और सामने तार से सट कर खड़ा हो कर फोटो नहीं खिंचने के लिए। अधिकारी के मना करने पर फोटो खिंचना छोड़ कर सभी लोग आगे बढ़ गये। लेकिन उत्क अधिकारी अभी भी उस गेट में लगा बिजलीचलित कांटानुमा तार के सामने खड़ा है। जब सभी वहां से आगे बढ़ गये, अब यहां कोई नहीं है। मैं उत्क अधिकारी के सामने खड़ी उनको अग्राह करने लगी-चलिए सभी आगे जा रहे हैं। मैं हैरान थी-उसने अपना दोनों हाथ पीछे बढ़ते जा रहा है। दोनों हाथ -भुजा को कांटानुमा तार तक पहुंचाने की कोशिश में है। उसका हाथ उस तार तक पहुंच कर उसमें सट रहा है। उनका पैर भी अहिस्ते अहिस्ते पीछे एंड़ी घिसक रहा है-मुझे समझ में आने लगा-कि ये अपना हाथ को तार के कांटो से सटा कर घायल करना चाह रहा है, एंड़ी पिछे घिसकाते जा रहा है-याने कांटा में अपना पैर का चोट करने की कोशिश में है। मेरी निगाह उनके दोनों हाथ के भुजाओं और पैर था। इसी बीच कोई एक व्यत्कि आया उनके हाथ को चलिए कहते हुए पकड़ा और ले गया। जब तक मैं वहां से अपना पैर उठा कर आगे उस ओर बढ़ायी जिधर बाकी लोग जा रहे हैं-मैं आंख उठा कर आगे देखी-श्री तब तक मैं इस अधिकारी का नाम से अनजान थी-बाद में वहां मौजूद स्थानीय लोगों से इनका नाम पूछी-लोगों ने बताया-सिक्यूरिटी इंचार्ज बंजारा है। मेरा मन उस साजिश को समझ चुका था-मन मेरा भयभीत हो रहा था इस साजिश से। अभी भी यह दृष्य आंख के सामने झलकने लगता है, और मन सिहर उठता है
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