Tuesday, June 17, 2014

25 जनवरी 2012 को झारखंड हाईकोर्ट ने आदेश दिया कि सीएनटी एक्ट 1908 की धारा 46 को कड़ाई से पालन किया जाए ।

सेवा में,                                              पत्रांक.......2......
उपायुक्त महोदय                                        दिनांक....17 जून 2014............
खूंटी
विषय-सीएनटी एक्ट के मूल धारा 46 को कड़ाई से लागू करने के संबंध में
महाशय,
इतिहास गवाह है कि बिरसा उलगुलान में हमारे नायकों के शहादत के बाद हमारी जमीन की रक्षा के लिए तत्कालीन सरकार छोटानागपुर काशतकारी अधिनियम 1908 बनाया. जब जमींदार हमारी जमीन छीन रहे थे, वह एक ऐसा समय था जब पुरखों ने जिस जंगल-जमीन को साँप  -भालू, बिच्छू से लड़कर बनाये थे, इससे जमींनदार, इजारेदार और भूमि-माफिया खुले आम छीनते जा रहे थे।  इसी जमीन की लूट को रोकने और आदिवासियों-मूलवासियों के धरोहर-जल-जंगल-जमीन की रक्षा के लिए अंग्रेज सरकार ने  सी एन टी एक्ट  कानून १९०८ बनाया। इस कानून के बनने के बाद हमारी जमीन का संरक्षण हुआ।. कानून के बावजूद आदिवासियों और मूलवासियों की जमीन बेदर्दी से गैर-कानूनी तरीके से छीनते जा रही है। .हम जानते हैं कि झारखंड राज्य गठन के बाद से ही  झारखंड पर कापरोरेट घरानों, देशी -विदेशी  कंपनियों  और भूमि माफिया की गिद्ध दृष्टि  लगी हुई है.। पहले ही लाखों झारखंडी विस्थापित किए गए हैं और यदि यह कानून भी बदल दिया गया तो तय है कि झारखंडियों का कोई नामोनशान नहीं बचेगा।. झारखंडी अस्मिता और अस्तित्व को यदि बचाना है तो सीएनटी की मूल धारा 46 को मजबूती से लागू करवाना होगा और गैर-कानूनी तरीके से छीनी गयी जमीन की वापसी का भी अभियान चलाना होगा. यह सरकार की जिम्मेवारी है। 
विदित हो कि 25 जनवरी 2012  को झारखंड हाईकोर्ट ने  आदेश  दिया कि सीएनटी एक्ट 1908 की धारा 46 को कड़ाई से पालन किया जाए । 
हमारी मांगे-
1-.सीएनटी एक्ट की मूलधारा 46 को कड़ाई से लागू किया जाए 
2-खतियानों का आॅन लाईन करना सीएनटी एक्ट का घोर उल्लंघन है, यह सीएनटी एक्ट को स्वतः खत्म करने की बड़ी साजिश  है।  इसलिए खतियानों का आॅन लाईन का बंद किया जाए।
3-झारखंड हाइकोर्ट का यह फैसला कि सीएनटी एक्ट की धारा 46 (1),(2) और 64 को सख्ती से लागू किया जाए-इसका आक्षरसा पालन किया जाए।
4-. गैर कानूनी तरीके से आदिवासी-मूलवासियों की छीनी गयी जमीन की वापसी का अभियान चलाया जाए
5-. पांचवी अनुसूचि क्षेत्र में गा्रम सभा को जमीन संरक्षण के लिए दिये गये अधिकारों को कड़ाई से पालन किया जाए( ग्राम सभा के अनुमति के बिना किसी तरह का जमीन अधिग्रहण नहीं)।
6- सीएनटी एक्ट में आदिवासी-मूलवासियों के जमीन की रक्षा के लिए उपायुक्त को दिये गये अधिकार का अक्षरसा पालन किया जाए
7- झारखंड का समुन्नत विकास के लिए स्थानीयता नीति लागू किया जाए।

                                                             निवेदक
                                                 आदिवासी मूलवासी अस्तित्व रक्षा मंच 
                                                      आम आदमी पार्टी 

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