Wednesday, September 12, 2018

सरना, मसना, मंदिर, मसजिद को घेरा बंदी करने पीछे और कोई रहस्य तो नहीं?

सरना, मसना, मंदिर, मसजिद को घेरा बंदी करने पीछे और कोई रहस्य तो नहीं?
रघुवर सरकार ने घोषणा की है कि आदिवासी समुदाय के सरना, मसना, कब्रस्थान, हडगड़ी, गिरजा, मंदिर, मसजिद का घेराबंदी किया जाएगा, ताकि आदिवासियों का धर्मिक स्थल सुरक्षित रहे। इस योजना के तहत सरकार ने 44 करोड राशि देकर राज्य के 603 स्थलों की घेराबंदी करने का निर्देश दिया है। यह काम शहरी ईलाकों में जहां आदिवासी गांव विलुप्त हो रहे हैं, जमीन का अतिक्रमण हो रहा है, आदिवासी गांव अब नगरिय रूप ले चुका है, जहां वहां गांव बसाने वाले आदिवासी आबादी और उनकी जमीन पूरी तरह खत्म हो चुकी है-वहां सरना, मसना, हडगडी स्थलों के घेराबंदी की मांग समाज करते आया है। लेकिन आरएसएस और बीजेपी ने इस मांग को अलग रूप देने की कोशिश कर रहा है। इस योजना के तहत आदिवासी समाज को अपनी ओर खिंचने का एक बड़ा जरीया मान रहा है। लेकिन सवाल है कि-ग्रामीण ईलाकों के सरना, मसना, कब्रिस्थान, हडगडी का घेराबंदी करने के पीछे उद्वेश्य अलग है, सरकार भूमिं बैंक बनायी है-इसमें पूरे राज्य के सभी समुदाय के कब्रिस्थानों, अखड़ा, सरना, मसना, हडगडी, जहेरथान, झील, नाला-लोर, खेलमैदान, आम रास्ता, चरागाह, डोंगरी, झाड़ी, सहित सभी गैर मजरूआ आम, मजरूआ खास जमीन को मिलाकर भूमिं बैंक बनाया है। 16-17 फरवरी 2017 झारखंड सरकार ने मोमेंटम झारखंड का आयोजन किया। जिसमें सरकार ने पूंजिपतियों से सामने रिपोट रखा कि-23 लाख एकड भूमि बैंक में जमीन सरकार ने सुरक्षित रखा है, निवंेशक जहां भी जमीन चाहें, बिना देर किये, एक सप्ताह में सरकार जमीन देगी। सरकार धर्मिक स्थलों योजना के तहत इन भूमिं बैंक की योजना को सफल बनाना चाहती है। ताकि समाज विरोध न करें और भूमिं बैंक के तहत आदिवासी ईलाके को इए-एक इंच जमीन ंिसगल विंडो सिस्टम से आॅन लाईन सरकार जिसको चाहे हस्तंत्रित कर सके। यह जमीन लूटने का एक बड़ी साजिश का हिस्सा है, इसको समझने की जरूरत है।

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