क्या सही में भाजपा सरकार सरना आदिवासी समाज के हितों की रक्षा करना चाहती है?
रघुवर सरकार 2016 में कई कानून लेकर आये। सबसे पहले आदिवासी-मूलवासी जनविरोधी स्थानीयता नीति 2016 लाया। गो रक्षा कानून, आदिवासी-मुलवासी किसान विरोधी महुआ नीति 2017, झारखंड धर्म स्वतंत्र विधेयक 2017, जमीन अधिग्रहण संशोधन विधेयक 2017, भूमिं बैक, इन सभी कानून को बिना बहस किये, जनता से बिना विमार्श किए एक छण भर में राज्य का कानून का रूप दिया गया। तब सरना समुदाय के लिए सरना धर्म कोड देने में विलंब क्यों? क्योंकि राज्य में बीजेपी की सरकार और केंन्द्र में भी बीजेपी की सरकार है। यही नहीं राज्य के 14 संासदों में 12 संसद बीजेपी के, 4 राज्यसभा सदस्यों में 3 बीजेपी के हैं। राज में बीजेपी की सरकर, तब सरना कोर्ड को कानूनी रूप देने में कोई बाधा है ही नहीं, सिर्फ इच्छा शक्ति हो।
रघुवर सरकार 2016 में कई कानून लेकर आये। सबसे पहले आदिवासी-मूलवासी जनविरोधी स्थानीयता नीति 2016 लाया। गो रक्षा कानून, आदिवासी-मुलवासी किसान विरोधी महुआ नीति 2017, झारखंड धर्म स्वतंत्र विधेयक 2017, जमीन अधिग्रहण संशोधन विधेयक 2017, भूमिं बैक, इन सभी कानून को बिना बहस किये, जनता से बिना विमार्श किए एक छण भर में राज्य का कानून का रूप दिया गया। तब सरना समुदाय के लिए सरना धर्म कोड देने में विलंब क्यों? क्योंकि राज्य में बीजेपी की सरकार और केंन्द्र में भी बीजेपी की सरकार है। यही नहीं राज्य के 14 संासदों में 12 संसद बीजेपी के, 4 राज्यसभा सदस्यों में 3 बीजेपी के हैं। राज में बीजेपी की सरकर, तब सरना कोर्ड को कानूनी रूप देने में कोई बाधा है ही नहीं, सिर्फ इच्छा शक्ति हो।
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