Wednesday, November 13, 2013

जिंदगी में पहली बार गुलाब का फूल लगायी हूँ .

maine 
मैंने २०१३ में अपने घर के पास फूल लगायी -इस फूल का पौधा को मैं पड़ोस के आँगन से उतर कर लायी थी। '
 जुलाई २०१३  को मैं नगड़ी  के  केस की  तारीख  में  उपास्थित होने सिबिल कोर्ट गयी थीं -कोर्ट के बाद मैं बाहर फूल बेचने वालों के पास फूल का गाछी खरीदने जगन के साथ गयी-मैं गुलाब का गाछी देखने लगी।  दुकानदार बोले -दीदी आप पसंद कीजिये।  मैं पूछी इसको कितना में बेचेंगे? दुकानदार बोला -आप पसंद तो कीजिए -मैं बोली आप दम बताएँगे, तब तो मई तय करुँगी-कि किस को कितना ले जाना है। दुकानदार बोले-आप जब हैम लोगों के लिए लड़ रही हैं- तो हम आप से  फूल पैसा क्यों लेंगे।  मैं दुकानदार को सिर्फ देख रही थी-कुछ नहीं बोल प् रही थी।  आगे बोला - आप तो हमको नहीं पहचानेगे -लेकिन मई आप को पहचानता हूँ जिस दिन आप जेल से निकली- मैं  वंही गेट पर था। मैंने तीन गुलाब चुनी- आज तीन में से दो बड़ा हो मैं जिंदगी में पहली बार गुलाब का फूल लगायी हूँ .-
इसको मैं अपने बड़े भाई शुसील के आँगन से पौधा को उखड कर लायी थी --जो निचे है 

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