राज्य के लिए संचालित कल्याणकारी योजनाओं का लाभ झारखंड के जनजातीय बहुल इस इलाके के लोगों को मिले, इसके लिए राज्य की स्थपना हुई थी, लेकिन आर्थिक विकास की नयी गति के साथ-साथ buniyadi सेवाओं में बढ़ोत्तरी नहीं हो पायी। राज्य के किसानों के बीच नवीनतम तकनीकी संदेश पहुंचाने के उद्वेश्य से बिरसा कृषि विश्वविद्यालय की स्थापना की गयी थी, लेकिन सरकार की उदासिनता के कारण राज्य के किसानों को इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है। अपनी खनिज एवं वन संपदा के लिए पूरे देश में अद्वितीय पहचान रखने वाला झारखंड कृषि के क्षेत्र में विकसित राज्यों की तुलना में काफी पिछड़ा हुआ है। यह अपनी खाद्यान्न जरूरत के अनुकूल उत्पादन नहीं कर रहा है।
झारंखड में खाद्यान्न उत्पादन लाख टन में
2018-19 में उत्पादन-46.15
2019-20 में उत्पादन-55.59 है
दुध उत्पादन लाख टन में
2018-19 में उत्पादन-21.83
2019-20 में उत्पादन-24.72
मच्छली उत्पादन लाख टन में
2018-19 में उत्पादन- 208840
2019-20 में उम्पादन- 230000
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