10 सितंबर 2022
झारखंड के 38,432 anganbadi Kendra Hain
झारखंड में कुपोषण मिटाने के नारे के साथ 2 सितंबर से से पोषण जागरूकता रत निकाला गया। यह हर जिले के प्रखंडों में घूम कर बच्चों को पोषण युक्त भोजन देने का प्रचार प्रसार कर रहा है। इसके लिए आंगनबाड़ी केंद्रों ,सहायिका ,सेविका और आम लोगों को शपथ भी दिलाई जा रही है ।
इसका कारण है कि राज्य में कुपोषण की स्थिति नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे 5 की कुपोषण रिपोर्ट के अनुसार झारखंड में जीरो 5 वर्ष से कम उम्र वाले 36, लाख 64000 बच्चों में से 42% यानी 15 लाख से अधिक बच्चे कुपोषित हैं। इनमें भी 9 . १ प्रतिशत यानी तीन लाख के करीबी बच्चे अति गंभीर कुपोषण के शिकार हैं ।
दैनिक भास्कर की टीम कुपोषण से लड़ाई के लिए सरकारी अमले के अभियान की पड़ताल करने रांची धनबाद, जमशेदपुर और बोकारो के 55 आंगनबाड़ी केंद्रों तक पहुंचे । पड़ताल में चौंकाने वाले तथ्य सामने आए। पता चला कि आंगनबाड़ी केंद्रों को अप्रैल-मई से प्रति बच्चा मिलने वाली ₹250 की पोषाहार राशि मिली ही नहीं है। चावल निशुल्क उपलब्ध कराया जाता है लेकिन दाल, सब्जियां ,बदाम ,चना ,गुड़, अंडा आदि आंगनबाड़ी सेविकाओं को उधार पर खरीदनी पड़ रही है।
उधार ₹10,000 से ज्यादा हो जाने पर दुकानदार ने राशन देना बंद कर दिया , ऐसे में कई जगहों पर बच्चों को सिर्फ दाल भात या खिचड़ी मिल रही है और कई जगह तो वह भी नहीं।
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