Wednesday, September 1, 2021

वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने 6 लाख करोड़ रू. जुटाने की योजना लाॅन्च की-- रेलवे, हाईवे, रांची एयरपोर्ट समेत 13 सरकारी संपत्तियों में हिस्सेदारी इस वर्ष से निजी हाथों में-

 वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने 6 लाख करोड़ रू. जुटाने की योजना लाॅन्च की-- रेलवे, हाईवे, रांची एयरपोर्ट समेत 13 सरकारी संपत्तियों में हिस्सेदारी इस वर्ष से निजी हाथों में-

मोनेटाइजेशन पाइपलाइन के तहत मालिकाना हक सरकार के पास ही रहेगा-

केंन्द्री वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को नेशलन मोनेटाइजेशन पाइपलान (एनएमपी) लाॅन्च की। इसके तरह विभिन्न क्षेत्रों की सरकारी संपतियों में हिस्सेदारी बेचकर या संपित को लीज पर इेकर 6 लाख करोड़ रू. जुटाने का लक्ष्य है। वित्त मंत्रालय ने सोमवार को पूरा खाका पेश करते हुए बताया कि लीज पर देने की प्रकिया 4 साल, यानी 2025 तक चरणबद्व तरीके से चलेगी। निर्मला ने साफ किया कि जिन रोड़, रेलवे स्टेशन या एयरपोटर्स को लीज पर दिया जाएगा, उनका मालिकाना हक सरकार के पास ही रहेगा। लीज एक तय समयसीमा के लिए होगी। उसके बाद पूरा इफ्रास्टक्चर सरकार के पास आ जाएगा। इसमें रांची एयरपोर्ट भी शामिल है। 

कुल 13 ताह की सरकारी संपत्तियों में हिस्सेदारी बिकेगी या लीज पर दी जाएगी-

सड़कों , रेलवे से सबसे ज्यादा 3 लाख करोड़ रू. जुटाने की तैयारी-

हाईवे 1.6 लाख करोड़

रेलवे 1.5 लाख करोडऋ

पावर ट्रांसमिशन 45,200 करोड. जुटाये जायेगें

पावर जेनरेशन 39,832 करोड़ का लक्ष्य रखा है

टेलीकाॅम 35,100 करोड़

वेयरहाउसिंग 28,900 करोड़

न्ेोचुरल गैस पाइपलाइन 24,,462 करोड़

प्रोडक्ट पाइपलाइन/अन्य 22,504 करोड़

खनन 28,747 करोड़

एविएशन 20,782 करोड़

पोटर्स 12,828 करोड़

स्टेडियम 11,450 करोड़

अर्बन रियल एस्टेट 15,000 करोड़, इसमें ज्यादातर संपति दिल्ली में


हाईवेः 27600 किमी सड़कें दी जाएंगी, जो देश की कुल सड़कों की 27 प्रतिशत है-सरबार को हाईवे से ही सबसे ज्यादा पैसा मिलने की उम्मीद है। उत्तर भारत की 29 सड़कें, दक्षिण की 28, पूरब की 22 और पश्चिमी भारत की 25 सड़कें लीज पर दी जाएगी। निजी क्षेत्र इनका संचालन निर्धारित अवधि तक करेगें। यह अवधि कितनी होगी यह बाद में तय किया जाएगा। 

सड़कें निजी हाथों में जाने से क्या ज्यादा टोल देना पड़ेगा, इस सवाल के जवाब में अफसरों ने कहा कि यह कहना अभी सही नहीं है। क्योंकि टोल को नियंत्रित रखने का फाॅरमूर्ला बनना अभी बाकी है। 


रेलवेः 400 स्टेशन, 90 पैसेंजर ट्रेन, 1400 किमी के ट्रैक लीज पर देगें-सड़कों के बाद सबसे ज्यादा 1.52 लाख करोड़ रू. रेलवे में हिस्सेदारी बेचकर जुटाया जाएगा। 400 स्टेशन, 90 पैसेंजर ट्रेन, 1400 किमी के ट्रैक लीज पर देगें। साथ ही पहाड़ी इलाकों में रेलवे संचालन भी निजी हाथों में जाएगें। इसमें कालका-शिमला, दिर्जिलिंग-नीलगिरी, माथेरन ट्रैक शामिल हैं। 

265 गुडस शेड लीज पर दिए जाएगें। साथ ही 673 किमी डीएफसी भी निजी क्षेत्र को दी जाएगी। इनके अलावा चुनिंदा रेलवे काॅलोनी, रेलवे के 15 स्टेडियम को संचालन 

भी लीज पर दिया जाएगा। 


25 एयरपोर्ट भी, इनमें से 12 डेढ साल में-

6 एयरपोर्ट इसी वित्तवर्ष-

एयरपोर्ट------आय

भुनेश्वर -----  900 

वाराणसी-----500

अमृसर------500

त्रिची-------700

इंदौर-------400

रायपुर------600


6 एयरपोर्ट अगले वित्तवर्ष

एयरपोर्ट   ----आय

चेनाई -------2800

विजयवाडा-----600

तिरूपति------260

बड़ोदरा------245

भोपाल-------159

ळुबली-------130


झारखंड में होटल अशोक, दो एनएच और कई कोयला खदानें भी दायरे में-इस योजना में रांची एयरपोट, होटल अशोक, रांची समेत दो एनएच और कोल ब्लाॅक भी हैं। रोची एयरपोर्ट की अनुमनित कीमत 708 करोड़ रू. रखी गई है। यहीे होटल अशोक के लिए कीमत तय नहीं है। वहीं 79 किमी गढ़वा-बरवाछीह एनएच और 77 किमी चास-रामगढ एनएच को निजी क्षेत्रों को बेचा जाएगा। झारखंड समेत कई राज्यों की 19 कोयला खदानों की नीलामी होगी। 



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