सेवा में,
उपायुक्त महोदय दिनांक-23/9/2014
जिला-खूंटी पत्रांक-01
विषय-खूंटी जिला आदिवासी बहुल जिला है, लेकिन जिला की आदिवासी आबादी की संख्या को गलत तरीके से हाईकोर्ट में कम दिखाकर, जिला को ननषिडयूल एरिया बताया जा रहा है, पर हस्तक्षेप किया जाए।
12 सितंबर 2014 के प्रभात खबर में प्रकाषित समाचार से जानकारी मिली है कि प्राथी मो आषिक अहमद, उपेंन्द्र नाथ महतो व कर्नल लाल ज्योतिंद्र देव व अन्य ने हाईकोर्ट में षिडयूल एरिया निर्धारण के मामले में सवाल उठाया है कि जिलों में आदिवासी आबादी 50 प्रतिषत से कम है, एैसे जिलों को भी किस आधार पर षिडयूल एरिया घोषित किया गया है। इसमें खूंटी जिला को भी षामिल किया गया है, जिसमें रांची और खूंटी जिला दोनों को मिलाकर आदिवासी आबादी 41.81 दिखाया गया है। जिसकी अगली सुनवाई 25 सिंतबर को होने वाला है।
12 सिंतबर 2007 को खूंटी को जिला बनाया गया। खूंटी जिला में 6 प्रखंड हैं। ये सभी प्रखंड़ों में आदिवासी बहुल है। अब खूंटी जिला का अपना अस्तित्व है। 2001 की जनगणा कें आधार पर खूंटी जिला की आबादी 5,30,299 है।
2001 के आधार -जिले में प्रखंडवार आदिवासी आबादी का प्रतिषत है-
1-आड़की प्रखंड--------------79.36
2-खूंटी प्रखंड---------------65.91
3-मुरहू प्रखंड---------------80.64
4-कर्रा प्रखंड---------------73.08
5-तोरपा प्रखंड--------------69.26
6-रनिया प्रखंड--------------70.71
भारत सरकार का 2011 का सेंस्स के आधार पर खूंटी जिला की आदिवासी आबादी 73 प्रतिषत है।
केंन्द्र सरकार के नियम के अनुसार जिन क्षेत्रों में आदिवासी आबादी 50 प्रतिषत यह 50 प्रतिषत से अधिक है, एैसे क्षेत्रों को षिडयूल एरिया के अतंर्गत रखा है। उपरोक्त आंकड़े बताते हैं-कि खूंटी जिला पूरी तरह आदिवासी बहुल है, और षिडयूल एरिया के अतंर्गत आता है।
हम यहां यह भी बताना चाहते हैं कि झारखंड में खूंटी जिला ही एक मात्र मुंडा आदिवासी बहुल क्षेत्र है। राजनीति में खूंटी जिला से खूंटी विधानसभा और तोरपा विधानसभा में मुंडा आदिवासी समुदाय हमेषा से नेतृत्व देते आ रहे हैं। यही नहीं खूंटी जिला के आदिवासी समुदाय ने भारत के स्वतं़त्रता संग्राम में बिरसा मुंडा के नेतृत्व में अग्रेजो के खिलाफ उलगुलान कर देष के इतिहास में अपना परचम हलराया है।
परंपरागत से खूंटी जिला आदिवासी बहुल ़क्षेत्र रहा है। इ़स क्षेत्र के आदिवासी समुदाय के जल-लंगल-जमीन पर परंपरागत हक-अधिकार को खूंटकटी अधिकार और सीएनटी एक्ट में प्रावधान किया गया है। यहां के आदिवासी समुदाय के परंपरागत अधिकार के आधार पर ही इस क्षेत्र को पंाचवी अनुसूची क्षेत्र में रखा गया है।
हम खूंटी जिला के आदिवासी-मूलवासी आप से अग्राह करते हैं-कि आदिवासी समुदाय को अपने सामाजिक, संस्कृतिक, आर्थिक राजनीतिक और ऐतिहासिक अधिकारों से बंचित करने की कोषिष की जा रही है, इस पर जिला प्रषासन हत्सक्षेप करे, ताकि आदिवासी समुदाय का हम-अधिकारों की रक्षा की जा सके।
निवेदक-
संयोजक- आदिवासी मूलवासी अस्तित्व रक्षा मंच
अध्यक्ष-
सचिव--
काॅपी-
मुख्यमंत्री श्री हेमंत सोरेनजी
राज्यपाल महोदय-
कष्मिनर महोदय-
मुख्य सचिव---
सेवा में,
डपायुक्त महोदय दिनांक-23/9/2014
जिला-खूंटी पत्रांक-01
विषय-खूंटी जिला आदिवासी बहुल जिला है, लेकिन जिला की आदिवासी आबादी की संख्या को गलत तरीके से हाईकोर्ट में कम दिखाकर, जिला को ननशिडयूल एरिया बताया जा रहा है, पर हस्तक्षेप किया जाए।
केस संख्य ..........................................................................................में प्रार्थी ने हाईकोर्ट में षिडयूल एरिया निर्धारण के मामले में सवाल उठाया है कि जिलों में आदिवासी आबादी 50 प्रतिशत से कम है, एैसे जिलों को भी किस आधार पर शिडियुल एरिया घोषित किया गया है। इसमें खूंटी जिला को भी शामिल किया गया है, जिसमें रांची और खूंटी जिला दोनों को मिलाकर आदिवासी आबादी 41.81 दिखाया गया है। जिसकी अगली सुनवाई 25 सिंतबर को होने वाला है।
12 सिंतबर 2007 को खूंटी को जिला बनाया गया। खूंटी जिला में 6 प्रखंड हैं। ये सभी प्रखंड़ों में आदिवासी बहुल है। अब खूंटी जिला का अपना अस्तित्व है। 2001 की जनगणा कें आधार पर खूंटी जिला की आबादी 5,30,299 है।
2001 के आधार -जिले में प्रखंडवार आदिवासी आबादी का प्रतिशत है-
1-आड़की प्रखंड--------------79.36
2-खूंटी प्रखंड---------------65.91
3-मुरहू प्रखंड---------------80.64
4-कर्रा प्रखंड---------------73.08
5-तोरपा प्रखंड--------------69.26
6-रनिया प्रखंड--------------70.71
भारत सरकार का 2011 का सेंस्स के आधार पर खूंटी जिला की आदिवासी आबादी 73 प्रतिषत है।
केंन्द्र सरकार के नियम के अनुसार जिन क्षेत्रों में आदिवासी आबादी 50 प्रतिशत यह 50 प्रतिषत से अधिक है, एैसे क्षेत्रों को शिडयूल एरिया के अतंर्गत रखा है। उपरोक्त आंकड़े बताते हैं-कि खूंटी जिला पूरी तरह आदिवासी बहुल है, और शिडयूल एरिया के अतंर्गत आता है।
हम यहां यह भी बताना चाहते हैं कि झारखंड में खूंटी जिला ही एक मात्र मुंडा आदिवासी बहुल क्षेत्र है। राजनीति में खूंटी जिला से खूंटी विधानसभा और तोरपा विधानसभा में मुंडा आदिवासी समुदाय हमेशा से नेतृत्व देते आ रहे हैं। यही नहीं खूंटी जिला के आदिवासी समुदाय ने भारत के स्वतंत्रता संग्राम में बिरसा मुंडा के नेतृत्व में अग्रेजो के खिलाफ उलगुलान कर देश के इतिहास में अपना परचम हलराया है।
परंपरागत से खूंटी जिला आदिवासी बहुल क्षेत्र रहा है। इ़स क्षेत्र के आदिवासी समुदाय के जल-लंगल-जमीन पर परंपरागत हक-अधिकार को खूंटकटी अधिकार और सीएनटी एक्ट में प्रावधान किया गया है। यहां के आदिवासी समुदाय के परंपरागत अधिकार के आधार पर ही इस क्षेत्र को पंचवी अनुसूची क्षेत्र में रखा गया है।
हम खूंटी जिला के आदिवासी-मूलवासी आप से अग्राह करते हैं-कि आदिवासी समुदाय को अपने सामाजिक, संस्कृतिक, आर्थिक राजनीतिक और ऐतिहासिक अधिकारों से बंचित करने की कोशिश की जा रही है, इस पर जिला प्रशासन हत्सक्षेप करे, ताकि आदिवासी समुदाय का हम-अधिकारों की रक्षा की जा सके।
निवेदक-
संयोजक- आदिवासी मूलवासी अस्तित्व रक्षा मंच
अध्यक्ष-
सचिव--
काॅपी-
मुख्यमंत्री श्री हेमंत सोरेनजी
राज्यपाल महोदय-
कष्मिनर महोदय-
मुख्य सचिव---
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