आज देश के हर नेता, मंत्री, आॅफसर, कार्मचारी, सामाजिक कार्यकर्ता, संस्था-संगठन सभी हाथ में झाडू लेकर कोई रोड़ पर झाड़ू लगा रहे है, कोई अपने कार्यालय के कैम्पस में, कोई चैक-चैराहों पर तो और कहीं। सभी अपने साथ में झाड़ू लेकर समाज, राज्य और देश को स्वच्छ बनाने का संकल्प ले रहे हैं, दूसरों को भी संकल्प दिला रहे हैं। यह बहुत ही अजीब लगता है-क्योंकि शहर-नगर, और पूरे राज्य की सफाई के लिए हर साल करोड़ो रूपया सरकार खर्च करता हे। सफाई के लिए नगर निगम करोड़ो राषि खर्च कर रहा है। इसके लिए कई एनजीओ को ठेका दिया है। सभी विभाग के सभी दफतरों में सफाई के लिए कार्मचारी पदस्थापित हैं। हर विभाग इन कार्मचारियों में हर माह रूपया खर्च कर रही है। लेकिन फिर भी न गली, महला, गांव, शहर की गांदगी को साफ नहीं कर सके। अगर हर व्यत्कि अपना जिम्मेवारी ईमानदारी के साथ निभाए। हर कदम में व्यप्त बेईमानी और भ्रष्टाचार की गंदगी को साफ कर दे ंतो सामाज, गली, महला, गांव, शहर की गंदगी भी अपने आप साफ हो जाएगा बिना हाथ में झाड़ू उठाये। बस शर्त इतना ही है कि-अपने भीतर व्यप्त बेईमानी और भ्रष्ट मानसिकता को खुद धों दें
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