Thursday, February 27, 2025

अडानी छति पूर्ति वन रोपण के नाम पर झारखंड के 6 जिलों में पांव रख कर झारखंड में अपना साम्रज्य स्थापित करना चाहता है। जिस तरह स छतिसगढ के हंसदेव से आदिवासी मूलवासी किसानों को पूरा तरह उजाड रहा है।

 हजारीबाग के बड़कागांव ब्लॉक के पांच गांवों गोन्दलपारा, गाली, बलादार, हाहे और  फूलंगा के ग्रामीणों की बहुफसली कृषि भूमि सहित जंगल और सामुदायिक भूमि को गलत तरीके से मार्च 2021 में केंन्द्र की मोदी सरकार ने अड़ाणी कंपनी इंटरप्राईजेज लि0 को हस्तांत्रित कियां। इस क्षेत्र के ग्रामीण किसान लंबे समय से अपने जल-जंगल-जमीन की रक्षा के लिए संघर्ष करते आ रहे हैं। किसान किसी भी कीमत में अपने बहुफसली जमीन अड़ानी को कोयला खनन के लिए देना नहीं चाहते हैं। मोदी सरकार ने नीलामी प्रक्रिया द्वारा जमीन हस्तांत्रित किया है। इस नीलामी को खारिज करने और अपनी जमीन अड़ानी को नही ंदेने का संधर्ष जमीन मालिक और स्थानीय किसान 12 अप्रैल 2023 से गांेन्दलपोरा कोयला खदान के पास धरना शुरू किये जो 21 जनवरी 2025 को 641 दिन पूरे हो गये। अडानी समर्थकांे ने आंदोलनरत किसानों पर अब तक 21 अपराधिक केस दर्ज किया गया है।

 जिसमें 331 महिला-पुरूषों को आरोपी बनाया गया है। किसान ठान लिये है कि किसी भी कीमत मे ंहम अपना जंगल-जमीन अड़ानी को नहीं देगें।  ये पांचों गांव उन 214 कोयला खदानों के बीच है जिससे माननीय उच्चतम न्यायालय ने अपने एतिहासिक फैसला में इन खदानों को खारिज कर दिया था। ये कोयला खदानें पहले दमोदर वैली निगम के अतंर्गत था। अप्रैल 2021 में कोयला खदानों की नीलामी के तहत मोदी सरकार ने अड़ाणी इनटरप्राईजेज को सौंप दिया। 

अडाणी की योजना है 1,268.08 एकड़ जमीन अधिग्रहण करने की। इसमें 551.59 एकड बहुफसली कृषि भूमि है। 542.75 एकड़ जमीन वन भूमि है। 173.74 एकड़ जमीन गैर मजरूआ आम और सामुदायिक भूमि है।  अड़ानी हजारीबाग के बडकागांव के गोंदलपारा में पांव रख कर पूरे झारखंड में अपना अधिपत्य स्थापित करने की कोशिश कर रहा है। सर्वविदित है कि धान की फसल के लिए हजारीबाग का यह क्षत्र पहला स्थान रखता है। यही नहीं यह क्षेत्र उपजाउ एवं बहुफसली के साथ पर्यावरण का धनी इलाका है। यहां वनजीवियों का सुरक्षित कॉरिडोर भी है। पधान मुख्य वन संरक्षक वन्यप्राणी एवं मुख्य वन्यप्राणी प्रतिपालक झारखंड ने इस क्षेत्र के बारे लिखते है -प्रस्तावित वनभूमि एवं उसके आस-पास के क्षेत्र में विभिन्न वन्यप्राणियों का प्राकृतिक पर्यावास है। साथ ही इस क्षेत्र में जंगली हाथियों का भी आना-जाना होता है।

कोयला खनन परियोजना हेतु 219.80 हे0 वन भूमि अपयोजन याने क्षतिपूति के लिए अडानी इनटरप्राजेज ने झारखंड सरकार के वन र्प्यावरण एवं जनवायु परिवर्तन विभाग एवं वन प्रमंडल के पदाधिकारियों से 220.00 हे0 भूमि की मांग की थी। इन विभागों ने राज्य के 6 जिलों से जमीन देने की सहमति देते हुए जमीन का राजिस्ट्री भी अड़ानी के नाम पर कर दिया है। 

सवाल है सीएनटी एक्ट, पांवची अनुसूचि और पेसा  इलाके के गांवों की जमीन अड़ानी इनटरप्राईजेज जमीन कैसेे हस्तांत्रित किया गया। गांव का ग्राम सभाा  ने अड़ानी इनटरप्राईजेज को जमीन देने की सहमति कैसे दे दी। यह जांच का विषय है। जिन गांवों की जमीन देने की बात वन विभाग कर रही है इसके बारे गांव का ग्राम सभा के साथ बैठक कर सहमति लिया गया है या नहीं। क्या गांव के ग्राम सभा और जमीन मालिकों को अंधेरे में रखकर वन विभाग ने जमीन अडानी को दे दिया। यह सभी जानते हैं कि जमीन अधग्रहण के मामले मे ंहमेशा जमीन मालिक और स्थानीय ग्राम सभा को धोखा दिया जाता हैैै। 

 गोंदुलपारा कोल खनन परियोजना हेतु क्षतिपूर्ती वन भूमि के लिए 219.80 हे0 जमीन झारखंड के छह जिलों के विभिनन गांवों का जमीन अड़ानी को अबुआ सरकार ने 220.04 हे0 जमीन बंदोबस्त कर दी है जो इस प्रकार है। 

खूंटी जिला के तंबा गांव में 20.18 हे0। सुंदारी गांव में 10.08 हे0। खूंटी जिला के ही पुरनागाडी/रंगामाटी में 17.42 हे0 और तंबा में 18.02 हे0 दिया गया है। 

पूर्वी सिंहभूम के 4 गांव का जमीन दिया गया है। जिसमें  कुलवादिया गांव में -2.95 हे0। खारबंदा में 2.86 हे0। रघुनाथपुर में 14.39 हे0। राजाबासा में 3.08 हे0। रूपुसकुनरी में 3.47 हे0। बागडिहा में 17.55 हे।

गुमला जिला के टांगरजरिया में 2.29 हे दिया गया है। 

सिमडेगा जिला के लिटीमारा में 20.67 हे0 दिया गया है।

पलामू के गिरि में 23.86 हे0 अड़ानी को दिया गया है। 

लातेहार जिला के 5 गांवों अड़ानी इटरप्राजेज को जमीन दिया गया। इसमें मेधारी में 2 हे0। लुरगुमी खुरद में 2.45 हे0। बरदौनी कलान में 4.30 हे0 एंव दुरूप में 3.88 हे0 दिया गया है। 

अडानी छति पूर्ति वन रोपण के नाम पर झारखंड के 6 जिलों में पांव रख कर झारखंड में अपना साम्रज्य स्थापित करना चाहता है। जिस तरह स छतिसगढ के हंसदेव से आदिवासी मूलवासी किसानों को पूरा तरह उजाड रहा है। 


Wednesday, February 26, 2025