संघर्षशील साथियों को मेरा जोहर
आप लोगों को यह बताने की जरुरत नहीं है की आज हैम और हमारा राज्य और देश किस चुनौती पूर्ण दौर से गुजर रहा है, और हैम लोग यह भी जान रहे हैं की आने वाला कल को और भी कठिन परिस्थितियों का सामना करना होगा। हम एक और राज्य के साढ़े तीन करोड़ जनता के मान -सम्मान , हक़ -अधिकार , न्याय , शांति , भाषा -संस्कृति और गौरवपूर्ण इतिहास को संरक्चित और बिकसित करने कि लड़ाई लड़ रहे है।लेकिन इसमें हम लोगों को जो सफलता मिलनी चाहिए - अब तक मुकाम तक नहीं पहुँच पाये हैं। दूसरी ओर राज्य के भ्रस्ट नेता-मंत्री , माफिया , जल -जंगल -जमीन के लुटेरे , कार्पोरेट -पूंजी , सांप्रदायिक ताकतें दिन दूनी रात चौगुनी ताक़तवर होते जा रहे हैं।
तब हमें ऐसे गम्भीर परिस्थितियों का सामना करने के लिए हम लोगों को वंहा प्रहार करने कि जरुरत है --जंहा पर खड़ा हो कर वे अपनी ताकत मजबूत करते हैं।
साथियो हमें पता है कि यह लड़ाई बहुत कठिन है --क्योंकि जनता के थाली का खाना लूट कर , जनता के अधिकारों को लूट कर अपना महल बनाने वाले, अपना बैंक बैलेंस बढ़ने वालें -साम -दाम -दण्ड -भेद की पूरी ताकत लगा कर अपना लूट और भ्रस्ट तंत्र से हमारी ताकत को कुचलने के लिए पूरी ताकत लगाएंगे --
लेकिन हमें भरोषा है ---उस करो नदी के बहते पानी के जिंदगी पर, हमें भरोसा है--जंगल के एक -एक पेड़ पौधों पर, भरोसा है , डोंबारी बुरु पर, भरोसा है कोयल -करो के शहीद साथियों के सपनो पर, भरोसा है राज्य के तमाम शहीदों के सपनो पर ---जिसको हैम लोगो को पूरा करना ह
आप कि हमारी ईमानदारी , सचाई , न्याय और संघर्ष ही हमारी लड़ाई का हथियार है --यही हमारा संघर्ष का पूंजी भी है
हैम लोगों ने नारा दिया है - लड़ेंगे- जीतेंगे
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