10 जून 2023
9 जून को वीर नायक बिरसा मुंडा के 123 वीं शहादत दिवस सह संकल्प सभा सभा का आयोजन खूंटी के करम अखड़ा में विविन्न आदिवासी संगठनो द्वारा किया गया। संकल्प सभा में -निमिन संकल्प लिया गया।
1-हम सभी आदिवासी बिरसा मुंडा के वंशज हैं आज करम अखड़ा खूंटी में जल जंगल जमीन की रक्षा करने का संकल्प लेते हैं।
2-हम भूमि पुत्र संकल्प लेते हैं हमारे विरोध में जो भी कनून बनाया जायेगा उसके खिलाफ हम एकजुट होकर कर संघर्ष करेंगे।
सभा को संबोधित करते हुए सनिका मुंडा ने कहा शहीद दिवस पर चिंतन करना है कि कितने लोग सच्चा बिरसा मुंडा बन सकते हैं जो सही में जल जंगल जमीन की रक्षा के लिए संघर्ष करेगें। क्योंकि सभी तरफ भारी संख्या में जमीन लुटा रहा है। गांव गांव में चौड़ा रोड़ बन रहा है ग्रामीण क्षेत्रों से प्राकृति संसाधनों को लुटने के लिए। गांव गांव में स्कूल है लेकिन टीचर नहीं है। अस्पताल है लेकिन डाक्टर, नर्स नहीं हैं। एक रुपया वाला राशन सबको मिलता है लेकिन जमीन जंगल लुटा रहा है इसकी शिकायत करते हैं तो अधिकारी, नेता मंत्री चुप हो जाते हैं। यह हमारे खिलाफ बड़ा सत्यंत्र है। इसको समझने की जरुरत है।
राजू लोहारा ने कहा गांव गांव में बैठक कर ग्राम सभा को मज़बूत करने की ज़रूरत है। कोचांग के काली मुंडा ने कहा साजिश करके पुंजीपतियों ने बिरसा मुंडा को ha से अलग किया। यही पूंजीपति आज हमारा सारा चीज लूट ले रहे हैं। आदिवासियो के सामाजिक, सांकृतिक, भाषा साहित्य, स्वस्थ, शिक्षा का विकास करने के लिए ट्राइबल सब प्लान में आबंटित करोड़ों रूपया दुसरे माद में पानी की तरह बहाया जा रहा है। इससे रोकने की ज़रूरत है।
सिंबुकेल का अनूप हस्सा ने कहा बिरसा मुंडा धरती, जंगल जमीन बचाने के लिए शहीद हुए। उनके संघर्ष का देन है 1908 का C N T act, जो हमारा सुरक्षा कवच है। अपने हक अधिकार की रक्षा के लिए बच्चों को पढ़ाना लिखाना होगा। हड़िया दारू जैसे नशा से दूर रहना होगा।
जागेश्वर लकड़ा ने कहा आज केन्द्र सरकार डिजीडल क्रायाकर्म को बढ़ा कर विश्व गुरु बनने का दावा कर रहा है, लेकिन भारत तबतक विश्व गुरु नहीं बन सकता है जबतक देश के आदिवासी मूलवासी किसानों का जंगल जमीन,पर्यावरण सुरक्षित नहीं रहेगा। आज ऑनलाइन सिस्टम में भारी संख्या में रैयतों के जमीन का हेराफेरी चल रहा है। आदिवासी समुदाय का जमीन लुटाते जा रहा है।
इससे रोकने की ज़रूरत है।
लुकिन मुंडा ने कहा ऑनलाइन जमीन लूटा रहा है ज़रूरत है इस शाजिस को समझने का,। तभी जंगल जमीन बचा पाएंगे। कुचाई के मानसिंह मुंडा ने कहा हमारे इलाके में 39 मुंडारी खूंटकटी गांव हैं। रघुवर सरकार खूंट कटी व्यवस्था को तोड़ने का कोशिश किया था हैं लोग बकस्थ मुंडारी खूंटकटी समिति बना कर इसका विरोध किए। मानसिंह कहते हैं जब रिकॉर्ड ऑफ राइट, खतियान में ही हमारा मालिकाना हक पहले से दर्ज है तब पणजी टू में नए सिरे से नाम चढ़ाने की क्या जरूरत है ? हम लोगों ने रघुवर सरकार के इस प्रस्ताव का विरोध किया।
Karra प्रखंड के ludru गांव की रंजन सांगा ने कहा ऑनलाइन जमीन के कागजातों का kaara प्रखंड में सबसे ज्यादा छेड़छाड़ किया गया है और जमीन का लूट चल रहा है ।आज जरूरत है जंगल जमीन को बचाने के लिए नया अनुदान खड़ा करने का। तभी जमीन जंगल बच सकता है।
बुंडू के के तारा लाल मुंडा ने कहा आज जरूरत है बिरसा मुंडा के रास्ते जंगल जमीन बचाने के लिए संघर्ष करने के लिए संकल्प लेने का ।आज पूरे राज्य में जमीन की लूट धड़ल्ले से चल रही है राज बनने के बाद यह लूट बढ़ गया है।
बबलू मुर्मू सरायकेला ने कहा आज शिक्षा के क्षेत्र भी हमें आगे बढ़ना होगा, तभी हमारे बच्चे अपने आधिकारों को समझ सकते हैं। वन अधिकार अधिनियम सहित जितने भी कनून बने सभी जमीन जंगल लुटने के लिए बना। जन्हा टाटा जैसे फैक्ट्री बैठ गया आदिवासी विस्थापित होते जा रहे हैं। विस्थापीत अपने अधिकार से भी बेदखल होते जा रहे हैं। हम लोगों को सामाजिक राजनितिक क्षेत्र में भी संगठित होना होगा।
खरसांवा के धुलु सिंह मुंडा ने कहा रघुवर सरकार हमारे जमीन का भूमि बैंक बना लिया है, जमीन का ड्रोन से सर्व कर रहा है यह सिर्फ़ जमीन लुटने के कर रहा है। गोला मुंडा अड़की ने कहा जंगल जमीन बचाने का लड़ाई तेज करना होगा। बुधन लाल मुंडा ने कहा जल जंगल जमीन की रक्षा के लिए हम हैं सामाजिक और राजनीतिक रूप में भी संगठित और सशक्त होना पड़ेगा।
बहन इमिलिया ने कहा आज हमारे समाज में हड़िया दारू जैसे नशा जड़ जमा चुका है। हमारी बहनें हड़िया बेचती हैं और हमारे भाई पीते हैं, इससे हमारा समाज कमजोर हो रहा है। इसे रोकने की जरूरत है । आजा हमारे समाज से ही वार्ड पार्षद है, मुखिया है, प्रमुख है, नेता है, मंत्री हैं फिर भी हमारा जमीन हमारे हाथ से छिनता जा रहा है यह दुर्भाग्य की बात है।
फादर टॉम ने कहा विरसा मुंडा का सीधा समझता था जमीन हमारा है इसको किसी भी कीमत में जीने नहीं देंगे इसलिए वह अंग्रेजो के खिलाफ उलगुलान किया था। आजाद भारत में आज हम गुलाम बने हुए हैं । पेसा कानून बने 25 साल हो गया लेकिन आज तक नियमावली नहीं बना। जमीन का रिकॉर्ड ऑनलाइन हो गया है पूरे राज में आहिस्ता आहिस्ता सभी जमीन ऑनलाइन लूटा जा रहा है । इसको रोकने के लिए संगठित होने की जरूरत है।
धर्म गुरु गुरु दुर्गावती ओडेया ने कहा आज हम जाति पति धर्म करम की लड़ाई में खो गए हैं हम् बिना सोचे समझे अपना जनप्रतिनिधि चुनते हैं उसका परिणाम हम देख रहे हैं। सीएनटी एक्ट बदल रहा है, ड्रोन से जमीन का सर्वे हो रहा है आज हमे बिरसा मुंडा की तरह लड़ाई लड़ने की जरूरत है तभी जमीन बच पाएगा।
सुशीला कांडूलना ने आह्वान किया हमारे बच्चों को हमें हर तरह के नशा से दूर रखना होगा। युवाओं को शिक्षित बनाना होगा तभी हमारे बच्चे संविधान के आधिकारों को समझ सकते हैं।
मुख वक्ता के रूप में मैंने अपनी बात रखी - आज बिरसा मुंडा के शहीद हुए एक 123 साल पूरे हो गए। बिरसा मुंडा आदिवासी समाज ही नहीं लेकिन पूरे मानव समाज के लिए, उनकी आजादी के लिए, उनके सामाजिक अधिकार के लिए, उनके जल जंगल जमीन के अधिकारों के लिए अंग्रेजी व्यवस्था के खिलाफ उलगुलान किया ।आज बिरसा मुंडा के शहादात दिन में हम केवल बिरसा मुंडा को याद नहीं करेंगे लेकिन सरदारी लड़ाई के अगुआ तमाड़ के कानून मुंडा इसके साथ ही सिद्धू - कानू, चांद- भैरव,। फूलो झानो, जतरा टाना भगत ,मक्खी मुंडा, गया मुंडा, डोका मुंडा , सिंदराय मनकी, बिंदराय मनकी, वीर बुधु भगत, तेलंगा खड़िया सबको सामूहिक रूप से उनके संघर्ष और शहादत के लिए विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करती हहुं। इन सभी नेताओं के शहादत से ही सीएनटी एक्ट बना,।मुंडारी खूंटतकटी अधिकार मिला। हो आदिवासी इलाके के लिए विलकिंग्सन रोल मिला , जो अपने जल जंगल जमीन पर परंपरागत अधिकार को रेखांकित किया है।
2014 के बाद लगातर आदिवासी समुदाय के आधिकारों पर हमला हो रहा है। सी एन टी एक्ट, एस पी टी एक्ट, 5वीं अनुसूची में प्रावधान आदिवासी समुदाय के परम्परागत आधिकारों, पेसा कानून का आवहेलना करके रघुवर सरकार ने गांव की सामूदायिक जमीन को चिन्हित करके भूमि बैंक में शामिल कर दिया। जमीन के परम्परागत रिकॉर्ड जैसे खतियान पार्ट टू, विलेज नोट, गांव का नक्शा सभी को ऑनलाइन कर दिया।
ऑनलाइन होने के बाद आज धड़ले से गांव के रैयतों का जमीन लूटा जा रहा है। खतियान में भारी छेड़ छाड़ हो रहा है। रिकॉर्ड में छेड़ छाड़ होने के कारण रैयत अपने जमीन का रशीद नहीं करवा पा रहें हैं। जमीन संबंधित कागजातों के ऑनलाइन होने के बाद रघुवर सरकार ने यह व्यवस्था किया की जमीन के असली दावेदार कौन है , उनका कौन सा जमीन है, इसका पूरा विवरण पणजी टू में दर्ज करने की व्यवस्था की यह व्यवस्था रघुवर दास की भाजपा सरकार ने 2016 के बाद पूरे राज्य में स्थापित की। लेकिन आजा पूरे राज की यह स्थिति है की जमीन मालिकों का नाम ऑनलाइन पणजी टू में कहीं नाम दर्ज किया गया है तो उसका खाता नंबर दर्ज नहीं है अगर खाता नंबर दर्ज है तो प्लॉट नंबर दर्ज नहीं किया गया है यह भी गौर करने की बात है कि जमीन की हेराफेरी का खेल पणजी दो के माध्यम से ही हो रहा है दलाल , माफिया और अफसरों की मिलीभगत से असली मालिक का नाम पणजी टू से रातों-रात हटा दिया जा रहा है और कोई गैर व्यक्ति का नाम पंजों में दर्ज हो रहा है । ग्रामीण रैयत इसको ठीक करने के लिए कभी प्रज्ञा केंद्र तो कभी सीओ कार्यालय तो कभी आमीन के पास दौड़ लगा के थक जा रहे हैं लेकिन उनका काम नहीं हो पा रहा है। उनकी शिकायत का निपटारा करने की जिम्मेवारी से सभी पल्ला झाड़ ले रहे हैं। आज सामाजिक एकता को मज़बूत करने की ज़रूरत है साथ ही संकल्प लेना होगा की हर संभव हम अपने समाज के आधिकारों की रक्षा करेगें।
जद्दो सिंह मुंडा ने अपने अध्यक्षीय भाषण में कहा बिरसा मुंडा सिर्फ 25 साल की उम्र में अंग्रेजों को झुकने को मजबूर किया था। आज हमारा समाज पढ़ लिख कर आगे बढ़ा है। पहले से हमारा समाज मज़बूत हुआ है तब हमें और मजबूती से संघर्ष करना होगा। सभा संचालन हादू टोपनो ने किया। लेखन एनेम टोपनो ने किया। Í
(Photo by Ronald Reagan Khalkho)
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