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झारखंड में जमीन की साइबर लूट ऑनलाइन रिकॉर्ड में हो रही हेराफेरी
प्रभात खबर
30/8/2020
झारखंड में जमीन की साइबर लूट ऑनलाइन रिकॉर्ड में हो रही हेराफेरी
राज्य के अंचल कार्यालयों में काम कर रहा है अफसर-माफिया का गठजोड़-खाली प्लॉट, सरकारी जमीन व गैर मजरूआ जमीन के कागजात की हेराफेरी कर ऑनलाइन हो रही इंट्री-
आनंद मोहन-रांची
राज्य में जमीन की साइबर लूट हो रही है। आम लोगों की जेब से पेसा उड़ानेवाले जामताड़ा के साइबर अपराधियों से भी बड़ा गिरोह जमीन लूट में लगा है। जमीन के ऑन लाइन रिकॉर्ड तैयार करने के नाम पर यह हेराफेरी हो रही है। राज्य के कई अंचल कार्यालयों में भू-माफिया व अफसरों का गठजोड़ इस काम में लगा है। फर्जी दस्तावेज के सहारे मूल रैयतों की जमीन दूसरे के नाम की जा रही है। धनबाद, रांची व बोकारों सहित कई अन्य जिलों में हेराफेरी के मामले सामने आये हैं। सिर्फ धनबाद जिले के सभी चार अंचलों में सैकड़ों एकड़ जमीन की साइबर लूट हुइ है। सीएनटी एक्ट की धजियां उड़ा कर आदिवासी रैयतों की जमीन भी दूसरे के नाम की गयी है। मंत्री से लेकर आम आदमी तक की जमीन के कागजों में हेराफेरी कर दी जा रही है।
प्रभात खबर के पास है सैकड़ों दस्तावेज-राजधानी रांची के भी कई इलाके में फर्जी दस्तावेज के सहारे दाखिल-खारिज किये गये हैं। निछले कुछ वर्षों की ऑन लाइन प्रक्रिया देखी जाये, तो दो दर्जन से ज्यादा अंचलाधिकारी जांच के घेरे में आयेेगे। दरअसल भू-माफिया जमीन व गैर मजरूआ जमीन फर्जी कागज के सहारे हेराफेरी करने का धंधा चल रहा है। ुिर इसकी ऑनलाइन इंट्री करा दी जाती है। प्रभात खबर के पास जमीन की हेराफेरी के सैंकड़ों दस्तावेज उपलब्ध है।
मंत्री-विधायक भी नहीं बचे, उनकी जमीन के रिकॉर्ड में भी छेड़छाड़
सीएनटी एक्ट की धज्जियां उड़ा कर आदिवासी रैयतों की जमीन भी दूसरे के नाम की गयी।
वर्ष 2016 से शुरू हुई ऑन लाइन प्रक्रिया-राज्य में जमीन के दस्तावेज के कप्यूटरीकरण की प्रक्रिया 2016 से शुरू हुई है। इस प्रक्रिया के तहत अंचल कार्यालय में जमीन की खरीद-बिक्री से लेकर म्यूटेशन तक की प्रक्रिया ऑनलाइन हो रही है। सारे अभिलेख कप्यूटर पर दर्ज किये जा रहे हैं। इसी प्रक्रिया में छेड़छाड़ हो रही है। इधर पाई -पाई पैसा जोड़ कर जमीन खरीदनेवाले गरीब लुटे जा रहे हैं। कई बार तो ऑनलाइन पूरा विवरण देखने के बाद मूल रैयतों के होश उड़ रहे हैं।
मंत्री रामेश्वर उरांव की जमीन की भी हुई थी गलत इंट्री-ऑन लाइन की प्रक्रिया में मंत्री रामेश्वर उरांव की जमीन की भी गलत इंट्री की गयी थी। उनकी अपनी जमीन दूसरे के नाम कर दी गयी थी। श्री उरांव ने कहा कि ऑनलाइन प्रक्रिया में भारी गड़बड़ी हो रही है। अंचल के स्तर पर भारी भ्रष्टाचार हो रहा है। गांव-गांव में लोगों को लड़ाने का काम हो रहा है। फिलहाल ऑन लाइन प्रकिया को बंद कर पहले दस्तावेज मैनुअली दुरूस्त कर लिये जायें।
सामाजिक कार्यकर्ता रमेश ने धनबाद मामले में की है शिकायत-धनबाद में हो रहे जमीन घोटाले के खिलाफ लंबी लड़ाई लड़ने वाले सामाजिक कार्यकर्ता रमेश कुमार राही ने पूरे मामले की शिकायत सक्षम अधिकारियों से की है। उन्होंने धनबाद के उपायुक्त से लेकर भू-राजस्व विभाग के वरीय अधिकारियों की हेराफेरी से संबंधित प्रमाण सौंपे हैं। इस मामले में प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा पहल भी गयी है। श्री राही का कहना है कि पूरे राज्य में अधिकारी की मिलीभगत से एक संगठित रैकेट चल रहा है। मामले के सही तरीके से जांच हुई तो कई लोग जेल जायेंगें। गरीबों की जमीन लूटी जा रही है। आदिवासी रैयतों को बेदखल किया जा रहा है।
गलत और अवैध म्यूटेशन के मामले
केस-1
धनबाद अंचल के मौजा साबलपुर-11 के खाता संख्या-25, प्लॉट संख्या 519, रकबा-5 कठा जमीन का म्यूटेशन सैवाल चटर्जी के नाम किया गया। जबकि खाता संख्या-25 आदिवासी खाता की भूमि है।
केस -2
धनबाद के कोला कुसमा मौजा में सरकारी जमीन का भी दखिल-खारिज करने के साक्ष्य मिले है। खाता संख्या-217 के प्लॉट संख्या 857 का म्यूटेशन कर दिया गया। दस्तावेज बताते हैं कि इस जमीन की प्रकृति सरकारी है।
केस -3
धनबाद के ही विशुनपुर मौजा के खाता संख्या-194, प्लॉट संख्या-198, 112 की 58 डिसमिल जमीन नरेश शर्मा से क्रय किया गया। रेखा देवी के नाम से जमीन खरीदी गयी। 19.9.2019 को धनबाद अंचल में म्यूटेशन हुआ। खतियान देखा गया, तो खाता संख्या 194 में प्लॉट संख्या 198,111 नहीं है। वास्तविक खाता संख्या 496 है। निबंधन व दाखिल खारिज दोनों में गोलमाल हुआ।
केस -4
बघमारा अंचल के महेशपुर मौजा खाता संख्या 146, प्लॉट संख्या 524, 526,525,632, 1293, 1305 और खाता संख्या 147 के प्लॉट संख्या 1097 के दाखिल-खरिज में बड़बड़ी की गयी। यह जमीन सीएनटी एक्ट की परिधि में पा्रण महतो व रघुनाथ महतो-कुर्मी जाति के नाम है जमाबंदी में रैयत में प्राण महतो के नाम है इसके बावजूद इसे दूसरी जाति के नाम से दाखिल खारिज की दिया गया है।
केस -5
रांची जिला में तरीके से जमीन के हस्तातरण का मामला सामने आया हैं चान्हो अंचल में खात संख्या 41 की जमीन गलत तरीके से बंदोबस्त कर दी गयी है। दस्तावेज के साथ इसकी शिकायत उपायुक्त से की गयी है।
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23-1-2023
प्रभात खबर -प्रतिनिधि, कांके
50 करोड़ की जमीन के रिकॉर्ड से की छेड़छाड़, रदद की गयी जमाबंदी, होगी जांच।
टंचल कार्यालय कांके हल्का-9 की गेतलातू मौजा की 4.44 एकड़ जमीन की पंजी -2 के साथ छेड़छाड़ का मामला प्रकाश में आया है। इस जमीन की कीमत लगभग 50 करोड़ रूपये आंकी गयी है। मामला तब पकड़ में आया, जब गेतलातू मौजा की खाता संख्या-86, प्लॉट संख्या-591, 593, 594, 634, 640, 642, 651, 652, 653, 674, 675 की 4.44 एकड़ जमीन से प्लॉट संख्या-592 की पांच डिसमिल की क्रेता शिवाजी नगर, डुमरदगा की आशा देवी ने दाखिल -खारिज के लिए आवेदन दिया। कर्मचारी व सीआइ ने जांच के क्रम में पाया कि उत्क जमीन की कभी जमाबंदी कायम ही नहीं हुई है। इसके बावजूद ऑनलाइन पंजी 2 के साथ छेड़छाड़ कर जमाबंदी खोली गयी है। उत्क सीएनटी की जमीन पर राजकुमार यादव के नाम से पंजी-2 प्लॉट संख्या-592 के भाग संख्या-01, पृष्ट संख्या-204 पर दर्ज था। ऐसा एनआइसी की साइट में छेड़छाड़ कर किया गया था। जांच में यह भी पाया गया कि राजकुमार यादव ने उत्क सीएनटी की जमीन कोलकाता से रजिस्ट्री डीड बनाकर छेड़छाड़ कर पंजी-2 में अपना नाम दर्ज कराया था। कांके सीओ को इसकी जानकारी मिलते ही अपर समाहर्ता को सूचना देकर जमाबंदी रदद करायी गयी।
सही दस्तावेज प्रस्तुत नही ंकर पाया आरोपी-इस मामले में सीओ ने जमीन मालिक व विक्रेता बांका बिहार निवासी राजकुमार यादव, पिता बंगाली यादव व पावर होल्डर गंतलातू निवासी शिवदयाल महतो, पिता स्व लक्षण महतो को चार बार 01 नवंबर 2022, 18 नवंबर 2022, 24 दिसंबर 2022 व 07 जनवरी 2023 को नोटिस भेजकर पक्ष रखने को बुलाया, पर राजकुमार यादव एवं शिवदलाय महतो का वकील सीअसे कोर्ट में दो डेट पर हाजिरी देकर कोई भी सही दस्तावेज प्रस्तुत नही ंकर सका।
राजकुमार यादव ने दोबारा उत्क खाता संख्या-86 के प्लॉट संख्या 591 की 1.92 एकड़ जमीन का भाग संख्या-01 पृष्ट संख्या-44 की जमाबंदी में छेड़छाड़ कर खोलवा दिया। उत्क प्लॉट पर जाकर पूछताछ करने पर पाया गया कि इसमें जमीन मालिक व पावर होल्डर के पीछे कुछ सफेदपोश लोगों का हाथ है।
सीओ ने कहा-डीड की जांच करायी जायेगी- इस संबंध में सीओ दिवाकर सी द्विवेदी ने बताया कि पंजी-2 से छेड़छाड़ किये जाने के संबंधी सूचना वरीय पदाधिकारियों को दी गयी है। वरीय पदाधिकारियों से निर्देश प्राप्त होते ही आगे कानूनी कार्रवाई की जायेगी। सीओ ने बताया कि गतलातू मौजा की उत्क जमीन के खतियान में रैयत पलटू महतो वगैरह के नाम दर्ज है। राजकुमार यादव ने इस जमीन की कोलकाता से 18.12.80 को पलटू के वशंज सोहन महतो, कपिल महतो वगैरह से रजिस्ट्री करायी थी। इस जमीन की रजिस्ट्री रांची से नहीं कराकर बंगाल से करायी गयी डीड भी जाली हो सकती है। जांच के बाद ही पता चल सकेगा कि कोलकाता से रजिस्ट्री करायी गयी डीड असली है या नकली।
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नई व्यवस्था से हो रही है परेशानी
20 फरवरी 2023-दैनिक भास्कर
ई विद्यावाहिनी-स्कूली शिक्षा विभाग पहले वर्कशॉप का आयोजन कर शिक्षकों को दे प्रशिक्षण
अवकाश के आवेदन ऑनलाइन भरने पर शिक्षक बोले-हम दक्ष नहीं, कैफे में अप्लाई से डाटा हो जाता है सार्वजनिक
एजुकेशन रिपोर्टर-रांची
स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग द्वारा सरकारी स्कूलों में सेवा दे रहे शिक्षकों व कर्मचारियों को ई विद्यावाहिनी के माध्यम से ऑनलाइन अवकाश लेने की व्यवस्था लागू हो गई है। इसके साथ ही विरोध शुरू हो गया है। इनका कहना है कि अधिकांश शिक्षक कंप्यूटर और मोबाइल के दक्ष नहीं हैं । इस कारण ऑनलाइन अवकाश लेने के लिए साइबर कैफे की मदद ले रहे हैं। सिके कारण विभाग का डाटा सार्वजनिक हो जा रहा है। अखिल झारखंड प्राथमिक शिक्षक संघ के मुख्य प्रवक्ता नसीम अहमद ने कहा कि अभी तक स्कूली शिक्षा विभाग द्वारा ऑनलाइन अवकाश आवेदन भरने के संबंध में किसी प्रकार की जानकारी नहीं दी गई है। नई व्यवस्था को लागू करने से पहले स्कूली शिक्षा विभाग को जिला, प्रखंड और सीआरसी स्तर पर वर्कशॉप आयोजित कर शिक्षकों को प्रशिक्षण देना चाहिए। ताकि शिक्षक बिना किसी झिझक के नई ऑनलाइन व्यवस्था का लाभ उठा सकें। इसी सबसे पहले शिक्षकों को तकनीकी पहलूओं की जानकारी देने के लिए ट्रेनिंग देने की जरूरत है। कैफे में जाकर अवकाश आवेदन जमाकरने वाले शिक्षकों ने कहा कि इससे बेहतर अवकाश लेने का ऑफलाइन माध्यम बेहतर था। जिसमें अवकाश से संबंधित डाटा सार्वजनिक होने को डर नहीं था।
नई व्यवस्था से हो रही है परेशानी
नई व्यवस्था लागू होने के पहले तक शिक्षक ऑफलाइन माध्यम से अवकाश लेते थे। पूर्व में ऑफलाइन से ली गई छुटटी दर्ज का ऑनलाइन सिस्टम में विकल्प नहीं होने से कुल छुटटी की संख्या में फर्क हो रहा है। अवकाश दिवस में कार्य करने पर क्षतिपूरक अवकाश दिया जाता है, जिसका विकल्प ऑनलाइन सिस्टम में नहीं है।
छुटटी ले रहे 2 दिन, जो जा रहा 3 दिन
शिक्षकों ने कहा कि शनिवार और सोमवार को अवकाश के आवेदन देते हैं तो ऑनलाइन सिस्टम में तीन दिन अवकाश दिखा रहाहै। बीच में रविवार है, जिसका नए सिस्टम अवकाश में गिनती हो रही है। यानि दो दिन की छुटटी लेने पर तीन दिन की गिनती हो रही है। जबकि रविार को राजपत्रित अवकाश रहता है।
ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों की हो व्यवस्था
ऑनलाइन के साथ ऑफलाइन आवेदन देने की व्यवस्था होनी चाहिए। नए सिस्टम की खामियों को दूर करने व शिक्षकों को ट्रेनिंग देने पर विभाग को ध्यान देना चाहिए। तब तक ऑफलाइन व्यवस्था देना चाहिए।
नसीम अहमद-मुख्य प्रवक्ता सह शिक्षक