Wednesday, July 17, 2019

संविधान ने भी अनुसूचित जन जाति, अनुसूचित जाति को अधिकार दिया है--

संविधान ने भी अनुसूचित जन जाति, अनुसूचित जाति को  अधिकार दिया है--
भारतीय संविधान के धारा-366 के (25) हमारी मान्यता
संविधान के धारा-341 -राष्ट्रपति किसी राज्य के संबंध में और जहां वह राज्य है वहां उसके राज्यपाल से परामर्श करने के पश्चात लोक अधिसूचना द्वारा, उन जातियों, मूलवंशों या जनजातियों, अथवा जातियों, मूलवंशों या जनजातियों के भागों या उनमें के यूथों को विनिर्दिष्ट कर सकेगा, जिन्हें इस संविधान के प्रयोजनों के लिए उस राज्य के संबंध में अधिसूचित जातियां समझा जाएगा।
संविधान के धारा-342(प) राष्ट्रपति किसी राज्य के संबंध में और जहां वह राज्य है, वहां उसके राज्यपाल से परामर्श करने के पश्चात लोक अधिसूचना द्वारा उन जनजातियों या जनजाति समुदायों अथवा जनजातियों या जनजाति समुदायों के भागों या उनमें के युथों को विनिदिष्ट कर सकेगा जिन्हें इस संविधान के प्रयोजनों के लिए उस राज्य के संबंध में अनुसूचित जनजाति समझा जाएगा।
भाग 16
स्ंाविधान -धारा 330 लोक सभा में अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों के लिए स्थानों का प्रावधान
स्ंविधान के धारा-332 राज्यों की विधान सभाओं में अनुसूचित और अनुसूचित जनजातियों के लिए स्थानों का प्रावधान
स्ंविधान के धारा-335-सेवाओं और पदो ंके लिए अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों के दावे-संघ या किसी राज्य के कार्यकलाप से संबंधित सेवाओं और पदो ंके लिए नियुक्तियां करने में अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों के सदस्यों के दावों का प्रशासन की दक्षता बनाए रखने की संगति के अनुसार ध्यान रखा जाएगा।

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