Sunday, July 28, 2019

विकास के आंकडे गिनाते नहीं थकती है------राज्य में इंजिनियारिंग डिग्री प्राप्त 72 प्रतिशत युवक बेरोजगार हैं।

झारखंड सरकार प्रतिदिन देश और राज्य के विकास के आंकडे गिनाते नहीं थकती है। रोजगार में तेजी से हो रही बृद्धि  के आंकडे परोसते रहती है। लेकिन जमीनी हकीकत तो हकीकत ही होती है, जो ढंकने से ढक नहीं सकती है। क्योंकि यह जिंदगी से जुड़ा सवाल है। तीन जून 2019 को दैनिक प्रभात खबर में एक रिर्पोट छपी थी, जो सभी तरह के इंजीनियारिंग व मैनेजमेंट काॅलेजों से डिग्री लेकर रोजगार का इंतिजार कर रहे युवकों की नियुक्ति की स्थिाति पर फोकस की गयी थी। इस रिपोर्ट के आधार पर राज्य में इंजिनियारिंग डिग्री प्राप्त 72 प्रतिशत युवक बेरोजगार हैं।  यह आंकडा राज्य के विभिन्न सरकारी एवं प्राइवेट इंजीरियरिंग, मैंनेजमेंट तथा पाॅलेटेनिक काॅलेजो की ओर से उच्च तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास विभाग को दिया गया।  
इन आंकड़ो के अनुसार इस साल राज्य के कुल 14,691 डिग्रीधारियों में से  4108 को ही नौकरी मिली, बाकी 10,583 अभी भी जोब पाने की उम्मीद में हैं। 
जानकारी के अनुसार उच्च तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास विभाग की ओर से तकनीकी काॅलेजों से जानकारी मांगी गयी थी किं कुल सीटों के अलावा कितने विद्यार्थियों का प्लेसमेंट हो चुका है। सभी सरकारी व प्राइवेट काॅलेजों की ओर से तीन जनवरी तक इससे संबंधित आंकड़ा भेज दिया गया। सभी काॅलेजों को विभाग के जाॅब पोर्टल पर भी आंकड़ा अपलोड़ करने का आदेश दिया गया था। 
उच्च, तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास विभाग को राज्य के काॅलेजों ने सौंपा आंकड़ा-
स्रकारी पाॅलिटेकिनक काॅलेज में कुल 2590 सीटें हैं, जिसमें 1412 विद्यार्थियों को नौकरी मिल चुकी हैं, यानी 54.51 प्रतिशत विद्यार्थियों को नौकरी मिली है। 45.49 प्रतिशत इंतजार में हैं। 
राज्य में कुल नौ प्राइवेट मैनेजमेंट काॅलेज चलते हैं, इनमें कुल 1035 सीटें है। लेकिन कुल 103 विद्यार्थियों का ही प्लेसमेंट जनवरी माह तक हो पाया है।  नौकरी की आश में 932 डिग्रीधारी लाईन में खडे हैं। 
2009-2010  तक इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल करने करीब 60 फीसदी विद्यार्थियों को नौकरी मिलती थी। पर अब केवल 30-35 फीसदी इंजीनियरों का ही प्लेसमेंट हो पा रहा है। पहले की तुलना में 25 प्रशित घटा।  
जनकारों के अनुसार इसके पीछे रिक्रुटमेंट के पैटर्न में बदलाव मुख्य कारण है, कंपनी प्रबंधकों द्वारा अब बीइ के स्थान पर बीएससी पास युवाओं को ज्यादा तरजीह दी जा रही है। 
किस केटेगरी की क्या है स्थिति
केटेगरी --------------------     --------विद्यार्थी ---------मिली नौकरी---------- रोजगार प्रतिशत
सरकारी इंजीनियरिंग काॅलेज              920 ------------325------------------- 35.32
पीपीपी मोड इंजीनियरिंग काॅलेज ----900 ------------219 ------------------24.33
प्राइवेट इंजीनियरिंग काॅलेज ----------3471 ------------732------------------- 21.80
सरकारी पाॅलेटेकनिक -----------------2590 ------------1412---------------- 54.51
प्राईवेट पाॅलेटेनिक -----------------------5175 ------------1207------------- 23.32
स्किेल पाॅलिटेनिक -----------------------420 ------------110----------------- 26.19
प्राइवेट मैनेजमेंट काॅलेज-------------------1035 ------------103----------------- 9.95

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Wednesday, July 17, 2019

संविधान ने भी अनुसूचित जन जाति, अनुसूचित जाति को अधिकार दिया है--

संविधान ने भी अनुसूचित जन जाति, अनुसूचित जाति को  अधिकार दिया है--
भारतीय संविधान के धारा-366 के (25) हमारी मान्यता
संविधान के धारा-341 -राष्ट्रपति किसी राज्य के संबंध में और जहां वह राज्य है वहां उसके राज्यपाल से परामर्श करने के पश्चात लोक अधिसूचना द्वारा, उन जातियों, मूलवंशों या जनजातियों, अथवा जातियों, मूलवंशों या जनजातियों के भागों या उनमें के यूथों को विनिर्दिष्ट कर सकेगा, जिन्हें इस संविधान के प्रयोजनों के लिए उस राज्य के संबंध में अधिसूचित जातियां समझा जाएगा।
संविधान के धारा-342(प) राष्ट्रपति किसी राज्य के संबंध में और जहां वह राज्य है, वहां उसके राज्यपाल से परामर्श करने के पश्चात लोक अधिसूचना द्वारा उन जनजातियों या जनजाति समुदायों अथवा जनजातियों या जनजाति समुदायों के भागों या उनमें के युथों को विनिदिष्ट कर सकेगा जिन्हें इस संविधान के प्रयोजनों के लिए उस राज्य के संबंध में अनुसूचित जनजाति समझा जाएगा।
भाग 16
स्ंाविधान -धारा 330 लोक सभा में अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों के लिए स्थानों का प्रावधान
स्ंविधान के धारा-332 राज्यों की विधान सभाओं में अनुसूचित और अनुसूचित जनजातियों के लिए स्थानों का प्रावधान
स्ंविधान के धारा-335-सेवाओं और पदो ंके लिए अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों के दावे-संघ या किसी राज्य के कार्यकलाप से संबंधित सेवाओं और पदो ंके लिए नियुक्तियां करने में अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों के सदस्यों के दावों का प्रशासन की दक्षता बनाए रखने की संगति के अनुसार ध्यान रखा जाएगा।