Tuesday, June 23, 2015

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चैनपुर प्रखंड के अंधेरी डोढाह , झालर में वन भूमि में रहने वाले १२ दलित आदिवासियों के घरों को वन विभाग ,  सरकार एवं वन विभाग  दलालों ने जल का रख कर दिया. एक तरफ मुख्यमंत्री राघुवर दस की सरकार राज के वन भूमि में रहने वालों, जिनकी जीविका पूरी तरह से जंगल भूमि में निर्भर है, उन सभी परिवार को वन कानून अधिनियम २००६-८ के तहत वन भूमि में अधिकार देने की बात करती है,  इसके तहत वैसे सभी परिवारों को जल्दी से जल्दी  वन पता देने का अभियान चला रहे हैं. इसके लिए गाँव गाँव  रथ यात्रा करवा रहे हैं, प्रखंड से लेकर जिला तक सभी अधिकारीयों को  जिमेवारी  दे रहे हैं , दूसरी ऒर  जिनकी जिंदगी जंगल , जमीन, पहाड़ पर टिका हुवा है , उनके घरों को जला दिया जा रहा है. वन भूमि नहीं छोड़ने पर उनके साथ मर पीट किया जा हैं।  
अंधेरी गड्डह्  , झालर के पीड़ित बताये हैं ७ मई  की रात १५-१६ की सांख्य में टेमरै  गाँव के यादव लोग आये और मर पीट लकरने लगे. गली देते दे रहे थे- हम लोगों का धंधा पानी बंद कर दिए है यंहा रह कर. उनमे से कुछ के हाथ में मिटी तेल का गइलन था,  दो के हाथ में भरठधुवा था कुछ लोग माओवादी ड्रेस में था। ये बरी बरी से एक के बाद एक १२ लोगों के घरों को जलाते गाये।  जिनके घर जलाये गए-----
कालू मुंडा , लखान मोची, चलितर भुंइया , गुडु भुइया, गहनु भुइंया, चन्दन भुइया, लालू भुइंया,  सुकुल भुइंया , लखन सव , 
इसकी सुचना लोकल थाना को दूसरे दिन दी गयी।  थांना वालों ने करवाई करने का अस्वाशन दिए, लेकिन आज तक कोई करवाई नहीं किये , उपयुकत के पास गाये थे… उन्होंने कहा-----बहुत जल्दी ही सबको वन पता दिया जायेगा, नुकशान हुवा है --उसका मुवायजा दिया जाएगा , लेकिन आज तक कोई भी सरकारी अधिकारी घटना अस्थल में जाँच करने या देखने तक नहीं आये. , पीड़ितों ने मांग किया है… हम लोग जंहा रहते है , वंहा का वन पटा दिया जये. . नुकशान के लिए मुवअजा दिया जाये एवं दोषी लोगों पर करवाई किया जय. 

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