VOICE OF HULGULANLAND AGAINST GLOBLISATION AND COMMUNAL FACISM. OUR LAND SLOGAN BIRBURU OTE HASAA GARA BEAA ABUA ABUA. LAND'FORESTAND WATER IS OURS.
Friday, November 20, 2015
हाशिये पर आदिवासी आबादी
झारखंड की आबादी में पिछले एक दशक में 22.4 प्रतिशत की इजाफा हुआ, जबकि आदिवासियों की संख्या में 0.1 फीसदी की गिरावट आई है। वहीं नौ आदिम जनजातियां अपने अस्तित्व के लिए संघर्ष कर रहे हैं। जंगल अािधरित आजीविका पर जीवनयापन करनेवाले इस आदिम जनजातियों तक सरकार की योजनाएं पहंच नहीं रही है। ये भूख, कुपोषण, गरीबी, अशिक्षा जैसी समस्याओं से घिरे हैं। संस्कृति विषेषज्ञों व भाषाविदों का कहना है कि वे जनजातियां लुप्त हुई तो इनकी बोलियां, संस्कृति, खानपान, और परंपराएं भी मिट जाएगी।
हाशिय पर आदिम जनजाति-
2011 की जनगणना के अनुसार झारखंड की आबादी 3.3 करोड -32,988,134 पाई गयी है। कुल आबदी में आदिवासी 26.2 प्रतिशत ही है। जबकि, 2001 की जनगणना में यह आंकड़ा 26.3 प्रतिश त का था। खूंटी में सर्वाधक 73.3 प्रतिशत आदिवासी आबादी है। जबकि, कोडरमा में सबसे कम आदिवासी पाए गए। राज्य की 32 जनजातियों में 9 को आदिम जनजाति की श्रेणी में रखा गया। इनमें असूर, बिरहोर, बिरलिया, कोरवा, माल पहाडिया, सीरिया, पहाडिया, परहिया, पहाडी खरिया, सावर शामिल है। इनमें से ज्यादतर की साक्षरता दर पांच प्रतिशत से भी कम है। असुर को छोड़ अन्य आदिम जनजातियां जंगल आधारित आजीविका पर निर्भर हैं। वे भयंकर गरीबी से जूझ रहे हैं। इनके बच्चे अति कुपोषित पैदा हो रहे हैं।
स्रकार की ओर से इनके लिए अंत्योदय योजना चलाई गई। जिसके तहत इन्हें हर महीने 35 किलो अनाज मुक्त में देने का प्रावधान है लेकिन मात्र तीस किलो ही मिलता है । इसका फायदा विचैलिये उठा ले जाते हैं।
यही हाल इंदिरा आवास योजना का भी है। मैट्रीक पास करने पर भी सीधी नियुक्ति का लाभ भी इन तक कारगर तौर पर नहीं पहुंच रही है।
फैक्ट फाइल
कुल आबादी-32,988,134
पुरूष-16,930,315
महिला -16,057,819
क्ुल साक्षरता-66.41 प्रतिशत
पुरूष साक्षरता-78.84 प्रतिशत
महिला साक्षरता-52.04 प्रतिशत
आदिवासी आबादी-26.2 प्रतिशत
हाशिये पर आदिवासी आबादी
हाशिय पर आदिम जनजाति-
2011 की जनगणना के अनुसार झारखंड की आबादी 3.3 करोड -32,988,134 पाई गयी है। कुल आबदी में आदिवासी 26.2 प्रतिशत ही है। जबकि, 2001 की जनगणना में यह आंकड़ा 26.3 प्रतिश त का था। खूंटी में सर्वाधक 73.3 प्रतिशत आदिवासी आबादी है। जबकि, कोडरमा में सबसे कम आदिवासी पाए गए। राज्य की 32 जनजातियों में 9 को आदिम जनजाति की श्रेणी में रखा गया। इनमें असूर, बिरहोर, बिरलिया, कोरवा, माल पहाडिया, सीरिया, पहाडिया, परहिया, पहाडी खरिया, सावर शामिल है। इनमें से ज्यादतर की साक्षरता दर पांच प्रतिशत से भी कम है। असुर को छोड़ अन्य आदिम जनजातियां जंगल आधारित आजीविका पर निर्भर हैं। वे भयंकर गरीबी से जूझ रहे हैं। इनके बच्चे अति कुपोषित पैदा हो रहे हैं।
स्रकार की ओर से इनके लिए अंत्योदय योजना चलाई गई। जिसके तहत इन्हें हर महीने 35 किलो अनाज मुक्त में देने का प्रावधान है लेकिन मात्र तीस किलो ही मिलता है । इसका फायदा विचैलिये उठा ले जाते हैं।
यही हाल इंदिरा आवास योजना का भी है। मैट्रीक पास करने पर भी सीधी नियुक्ति का लाभ भी इन तक कारगर तौर पर नहीं पहुंच रही है।
फैक्ट फाइल
कुल आबादी-32,988,134
पुरूष-16,930,315
महिला -16,057,819
क्ुल साक्षरता-66.41 प्रतिशत
पुरूष साक्षरता-78.84 प्रतिशत
महिला साक्षरता-52.04 प्रतिशत
आदिवासी आबादी-26.2 प्रतिशत
हाशिये पर आदिवासी आबादी
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