महंगी होगी बिजली.........
6134 करोड़ रूपया के घाटा के लिए आखिर कौन जिम्मेवार है??????????????
क्या सरकार जिम्मेवार नहीं है?????????????????????
यह आम जनता???????????
अगर सरकार जिम्मेवार है तब....इसका बोझ आम जनता क्यों उठाये??????????????
नए टैरीफ के अनुसार आम उपभोक्ताओं पर प्रति यूनिट 25 से 30 पैसे का अतिरिक्त बोझ बढ़ेगा जबकि कोमर्शियल उपभोक्ताओं को 30 से 90 पैसे अतिरिक्त देने होगें। जेएसइबी की ओर से सौंपे गये प्रस्ताव में 20 फीसदी बिजली की दर बढ़ाने का प्रस्ताव है।
प्रस्ताव के तहत बोर्ड ने हर माह 308 करोड़ रूपये राजस्व का लक्ष्य रखा है। वर्तमान टैरिफ में 2500 करोड़ रूपये सालाना राज्यस्व का प्रावधान है। इसकी वजह है बिजली बोड हर माह लगभर 250 करोड़ रूपये की बिजली खरीद रहा है।
रविवार को जमशेदपूर में हुई जनसूनवाई आयी सूचनाअनुसार जेएसइबी का टीवीएनएल, डीवीसी के्रन्द्र और राज्य सरकार, पेंड्रिंग केस सर्टिफिकेट केस और सीसीएल के पास 6134 करोड़ रूपया बकाया है जिसको सरकार घाटै के रूप में प्रस्तूत कर रही है। इनत माम घाटों को पटाने को बोझ सरकार पर डाल रही है।
बिजली बोड का बाकाया.............
टीवीएनएल... 2000 करोड़
सीसीएल.......430.90 करोड़
डीवीसी.........2500 करोड़
बोर्ड का दावा.....600 करोड़